बड़वानी। कन्या शिक्षा परिसर बड़गांव में हुआ विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

बड़वानी। जिविसेप्रा की अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्री महेंद्र कुमार जैन के संरक्षण एवं जिविसेप्रा बड़वानी के सचिव/जिला न्यायाधीश श्री मानवेंद्र पवार के निर्देशन में 24 जुलाई को शासकीय बालिका कन्या परिसर बड़गांव में नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाऐं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं) योजना-2015 अंतर्गत विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविर की अध्यक्षता मानवेंद्र पवार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बड़वानी के द्वारा की गई।
शिविर को संबोधित करते हुये श्री पवार ने कहा कि इस शिविर का आयोजन हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें हमारे अधिकारों, कर्तव्यों और कानूनों के बारे में जागरूक करता है। आज हम पॉक्सो एक्ट, आईटी एक्ट, शिक्षा का अधिकार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और मोटरयान कानून जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे।
कार्यक्रम में अगली कड़े में श्री विनय जैन न्यायाधीश द्वारा बच्चों को मोटरयान अधिनियम एवं पॉस्को अधिनियम के बारे में बताया उन्होंने कहा कि पॉस्को एक्ट बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों की रोकथाम और सुरक्षा के लिए पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसस एक्ट) लागू किया गया है। यह कानून बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने और अपराधियों को सख्त सजा देने के लिए बनाया गया है। हमें यह समझना चाहिए कि बच्चों के खिलाफ कोई भी यौन उत्पीड़न एक गंभीर अपराध है और इसे कतई सहन नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही शिविर में मोटरयान अधिनियम के बारे में बताया गया। मोटरयान कानून सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं। यह कानून हमें यातायात नियमों का पालन करने, हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करने और सुरक्षित ड्राइविंग की आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करता है। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हमें इन नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए और ड्राइविंग लाईसेंस होने पर ही वाहन चलाना चाहिए। शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दिलीप सिंह मुजाल्दा ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में बताते हुये कहा कि हमारे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल हमें कचरे को सही तरीके से संग्रहित, परिवहन और निपटान करने के उपाय सिखाता है। हमें अपने पर्यावरण की रक्षा के लिए कचरे को पुनःचक्रण, पुनःउपयोग और कम करने के तरीकों को अपनाना चाहिए। श्री मुजाल्दा ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एक्ट विषय पर बताते हुये कहा कि यह एक्ट हमारे देश में साइबर अपराधों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। आज के डिजिटल युग में हमें इंटरनेट का सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग करने की आवश्यकता है। यह कानून हमें साइबर धमकी, हैकिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी आदि से सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने शिक्षा का अधिकार के बारे में बताते हुये कहा कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम हर बच्चे को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का अधिकार देता है। इस कानून के तहत 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर बच्चा स्कूल जाए और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे।
उक्त शिविर का संचालन श्रीमति शालनी कोकणे द्वारा किया एवं आभार प्राचार्य श्री मुकेश पंवार द्वारा व्यक्त किया गया । कार्यक्रम में समस्त शिक्षक श्रीमती ममता पगारे, दिनेश चौहान, दिलीप पाटीदार, सुधीर शुक्ला, सपना वतनानी एवं पैरालीगल वालंटियर श्री सालकराम साल्वे एवं स्कूल छात्र उपस्थित रहें।