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नरसिंह वाटिका के चातुर्मास में महामांगलिक के दौरान 13 वर्षीय हर्षित ने लिया संन्यास मार्ग पर चलने का संकल्प

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला बने लाभार्थी- उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल भी पहुंचे धर्मसभा में

नरसिंह वाटिका के चातुर्मास में महामांगलिक के दौरान 13 वर्षीय हर्षित ने लिया संन्यास मार्ग पर चलने का संकल्प

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला बने लाभार्थी- उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल भी पहुंचे धर्मसभा में

इंदौर, । युवा हृदय सम्राट, जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्नसागर म.सा. की पावन निश्रा में एयरपोर्ट रोड स्थित नरसिंह वाटिका में चल रहे चातुर्मासिक अनुष्ठान में  महामांगलिक का दिव्य अनुष्ठान तो संपन्न हुआ ही, मालवांचल की इस चातुर्मास की पहली दीक्षा का मुहूर्त भी लगे हाथों घोषित हो गया, जब एक 13 वर्षीय बालक हर्षित बागरेचा ने अपने परिजनों के साथ नाचते-गाते, झूमते हुए मंच पर आकर जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्न सागर म.सा. के समक्ष अपने संयम दीक्षा के मार्ग पर चलने का संकल्प व्यक्त किया। इस अनुष्ठान के लाभार्थी राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं विधायक रमेश मेंदोला थे, जिन्होंने न केवल मांगलिक का श्रवण लाभ लिया, बल्कि मुमुक्षु बालक हर्षित और उनके परिजनों का सम्मान भी किया। खचाखच भरे नरसिंह वाटिका के परिसर में आज पैर रखने की जगह भी नहीं बच पाई थी।
चातुर्मास की धर्मसभा गत 6 जुलाई से नवरत्न वाटिका पर चल रही है। इसका आयोजन अर्बुद गिरिराज जैन श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट पीपली बाजार, जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ एवं नवरत्न परिवार इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है। शुक्रवार को महामांगलिक का आयोजन था, जिसके लाभार्थी मंत्री विजयवर्गीय एवं विधायक मेंदोला थे। प्रारंभ में आयोजन समिति की ओर से चातुर्मास संयोजक पुण्यपाल सुराना, कैलाश नाहर, ललित सी. जैन, दिलसुखराज कटारिया, मनीष सुराना, प्रीतेश ओस्तवाल, दिलीप मंडोवरा, दीपक सुराना, सुनील जैन एमबी, अक्षय बम आदि ने मुमुक्षु बालक हर्षित एवं उनके परिजनों के साथ ही लाभार्थी बंधुओं की भी अगवानी की। उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल भी इस अवसर के साक्षी बने और उन्होंने भी जिनशासन के संपर्क में आकर अपने राजनीतिक जीवन की यात्रा तथा होने वाले लाभों का विवरण सुनाया। इसके पूर्व जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्न सागर म.सा. ने महामांगलिक की प्रक्रिया प्रारंभ की, जो करीब 2 घंटे तक चली। इस दौरान विजयवर्गीय एवं मेंदोला पूरे समय मौजूद रहे, बल्कि महामांगलिक के दौरान अपनाई जाने वाली हाथ, चेहरे एवं शरीर के अन्य अंगों की क्रियाओं का भी पालन किया। विजयवर्गीय ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रह्मलीन जैनाचार्य प.पू. नवरत्न सागर म.सा. के आशीर्वाद से ही मैंने अपना राजनीतिक जीवन प्रारंभ किया और आज वर्तमान जैनाचार्य प.पू.विश्वरत्न सागर म.सा. के आशीर्वाद से आप लोगों की सेवा में समर्पित बना हुआ हूं। भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने भी कार्यक्रम में पहुंचकर जैनाचार्य से शुभाशीष प्राप्त किए। लाभार्थी परिवारों का बहुमान समिति के पदाधिकारियों के साथ शैलेन्द्र नाहर, अंकित मारू, रीतिश आशीष जैन, मोनिश खूबाजी, ऋषभ कोचर एवं शहर के अन्य जैन श्रीसंघों के पदाधिकारियों द्वारा किया गया।
विजयवर्गीय ने कहा कि आज पूरा विश्व हिंसा की चपेट में आया हुआ है। रूस-यूक्रेन, कम्बोडिया-इंडोनेशिया, इजराईल-इराक सहित अनेक देश युद्ध में भिड़े हुए हैं, लेकिन हमारे देश के सनातनी पूर्वजनों ने इतनी पुण्याई की है कि इन सबसे हम बचे हुए हैं, लेकिन चिंता की बात यह है कि आज हमारे युवाओं और किशोरों के लिए भी अनेक चुनौतियां विधर्मी लोगों द्वारा कहीं लव जिहाद और कहीं धर्मांतरण के जरिए जहर घोलने का प्रयास किया जा रहा है। जैनाचार्य से मेरा आग्रह है कि वे एक माह मांगलिक का आयोजन 20 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों के लिए भी करें और उनके अंतर्मन में भी धर्म का बीजारोपण करें। मैं यहां आकर भाव विभोर होकर महामांगलिक प्राप्त कर शांति की अनुभूति कर रहा हूं।
कार्यक्रम में उस समय सोने में सुहागा की स्थिति बन गई, जब बांजना से आए हर्षित बागरेचा और उनके परिजनों ने ढोल-ढमाकों के साथ नाचते-गाते नरसिंह वाटिका में प्रवेश किया और बालक हर्षित को संयम दीक्षा के मार्ग पर स्वीकार करने का अनुरोध किया। हर्षित के साथ उनके पिता संजय पालरेचा एवं माता मोना बेन तथा दादा-दादी भी उपस्थित थे। करतल ध्वनि के बीच मुमुक्षु हर्षित ने जैनाचार्य पर अक्षत बोहराए, वहीं जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्न सागर म.सा. ने आगामी 30 नवम्बर रविवार को हर्षित की दीक्षा का मुहूर्त घोषित किया। इस संकल्प के बाद हर्षित ने अन्य साधु साध्वी भगवंतों के साथ मंच पर ही बैठकर अपने संयम दीक्षा जीवन की शुरुआत कर दी। उनके साथ बांजना से उज्ज्वलरत्न सागर म.सा. भी आए थे, जिन्होंने हर्षित को वैराग्य की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया। धर्मसभा को गणिवर्य कीर्तिरत्न सागर म.सा., मुनि प्रवर उत्तम रत्न सागर म.सा. , उज्जवल रत्न सागर म.सा., चातुर्मास समिति के अध्यक्ष पुण्यपाल सुराना, भजन गायक चिंतन बाकीवाला एवं अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। संचालन शेखर गेलड़ा ने किया और आभार माना संयोजक कैलाश नाहर ने। धर्मसभा में विभिन्न राज्यों एवं प्रदेश के अन्य शहरों के भी श्रद्धालु महामांगलिक श्रवण के लिए आए थे।
शनिवार, 26 जुलाई को सुबह 9 बजे से प्रवचन तथा दोपहर 1 बजे से ‘ नारी का पराक्रम ’ विषय पर साध्वी भगवंतों के सानिध्य में विशेष आयोजन होगा तथा रविवार, 27 जुलाई को ‘जिंदगी को एक मौका और दें’….. जैसा प्रेरक और प्रभावी आयोजन भी सुबह 9 बजे से होगा।

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