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आज की बालिकाएं केवल घर और स्कूल तक सीमित नहीं हैं, वे समाज और राष्ट्र निर्माण की भी मजबूत आधारशिला

- अभ्यास मंडल की नई पहल- विद्यालयीन विद्यार्थीओ से संवाद

आज की बालिकाएं केवल घर और स्कूल तक सीमित नहीं हैं, वे समाज और राष्ट्र निर्माण की भी मजबूत आधारशिला

“उम्मीदों का संवाद” : बालिकाओं के साथ संवाद का प्रेरणादायी आयोजन
– अभ्यास मंडल की नई पहल- विद्यालयीन विद्यार्थीओ से संवाद

इंदौर। सांदीपनि विद्यालय,शासकीय नवीन मालव कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, एम.ओ.जी. लाइन, इंदौर में आज अभ्यास मंडल द्वारा “उम्मीदों का संवाद” श्रृंखला के अंतर्गत एक विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का विषय था “वर्तमान जीवनशैली और हम” कार्यक्रम का उद्देश्य आज की बालिकाओं के बदलते जीवन, मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक दबाव, और संवादहीनता जैसे ज्वलंत मुद्दों पर खुली चर्चा करना था। अभ्यास मंडल के मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ.मालासिंह ठाकुर अपने प्रभावशाली और संवेदनशील उद्बोधन में कहा कि आज की बालिकाएं केवल घर और स्कूल तक सीमित नहीं हैं, वे समाज और राष्ट्र निर्माण की भी मजबूत आधारशिला हैं। लेकिन आज की तेज़ रफ्तार और आभासी जीवनशैली में उनके सामने आत्म-संयम, आत्म-स्वीकृति और आत्म-सुरक्षा की तीन बड़ी चुनौतियाँ हैं।” उन्होंने कहा कि मोबाइल और सोशल मीडिया के ज़रिए हम दुनियाभर से जुड़े हैं, लेकिन खुद से कटते जा रहे हैं संवादहीनता,भावनात्मक अकेलापन, और मानसिक दबाव आज की किशोरियों को गहराई से प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा”अपने अंदर की आवाज़ को सुनना सीखिए, आत्मविश्वास सबसे बड़ी पूंजी है। असफलताओं से डरना नहीं, उनसे सीखकर आगे बढ़ना ही असली सफलता है। अपने माता-पिता, शिक्षकों और साथियों से संवाद बनाए रखें संवाद हर समस्या का पहला हल है।” उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा केवल अंक लाने का माध्यम नहीं, बल्कि एक बेहतर इंसान बनने की प्रक्रिया है। बालिकाएं यदि स्वयं को समझें और अपने सपनों को पूरा करने की ठान लें, तो कोई बाधा उन्हें रोक नहीं सकती। कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा और संचालन वैशाली खरे ने किया छात्राओं ने भी पूरे मनोयोग से सहभागिता की और अपने प्रश्नों के माध्यम से जिज्ञासाओं को सामने रखा। विद्यालय के प्राचार्य श्री. आर. के. कोरी ने अपने उध्बोधन में अभ्यास मंडल की सराहना करते हुए कहा कि संवादशील समाज ही आत्मनिर्भर और सशक्त समाज की आधारशिला रखता है।
इस प्रकार की खुली चर्चाएं समय की आवश्यकता बन गई हैं।”विद्यालय प्रबंधन आप के इस अभिनव प्रयास के लिए अभिनंदन करता है। वही साहित्यकार हरेराम वाजपेयी ने स्वयं रचित बाल सहित्य की पुस्तकें विद्यालय को भेंट की कार्यक्रम में प्राचार्य को स्मृति चिन्ह डॉ. पल्लवी अढाव ने प्रदान किया आभार डॉ. स्वप्निल व्यास ने माना कार्यक्रम में अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता,डॉ. सपना पोरवाल, मध्यमा बड़जात्या,पराग जटाले,
मुरली खण्डेलवाल,शरद सोमपुरकर,एवं विद्यालय के शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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