देव भाषा संस्कृत को बचाना ही इन प्रतियोगिताओं का यही उद्देश्य है :सुमित्रा महाजन
सुमित्रा महाजन ने कहा कि संस्कृत देव भाषा है इसलिए इसे हमें बचाना है

देव भाषा संस्कृत को बचाना ही इन प्रतियोगिताओं का यही उद्देश्य है :सुमित्रा महाजन
इंदौर देवी अहिल्या बाई की 230 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिता का आयोजन इंदिरा विद्या मंदिर वासुदेव नगर में संपन्न हुआ. प्रतियोगिता में 65 विद्यालयों के कुल 170 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। सभी छात्र पूरी तैयारी से उपस्थित हुए और उन्होंने शुद्ध संस्कृत में अपनी प्रस्तुति दी. प्रतियोगिता प्रमुख वीणा वर्मा व एवज भंडारे ने बताया कि प्राथमिक स्तर पर सुभाषित श्लोक में प्रथम – प्रकृति लालवानी – अग्रसेन स्कूल, प्रथम – अनिका जैन – बाल विनय मंदिर, द्वितीय – आराध्या अग्रवाल – चमेलीदेवी पब्लिक स्कूल, तृतीय – दिशा वासवाडा – विद्यांजलि इंटरनेशनल रहे.
माध्यमिक स्तर पर महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत्र को कंठस्थ कर प्रस्तुत करना था जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का परिचय देकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। निर्णायकों ने कहा कि निर्णय करना बहुत कठिन था. इसमें प्रथम – अगस्तया सक्सेना – देहली इंटरनेशनल,
द्वितीय – मानवी पंवार – न्यू पिंक फ्लावर, तृतीय – युवान जायसवाल – एमरल्ड हाइट रहे.
संस्कृत श्लोक प्रतियोगिता के अंतर्गत श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय 12 के 15 श्लोक बोलना थे. सभी की तैयारी श्रेष्ठ थी.
प्रथम- नितीश मालवीय – रामकृष्ण मिशन विद्यालय
द्वितीय – राजवीर मंगोलिया – चमेली देवी पब्लिक स्कूल
तृतीय – प्रज्ञा शर्मा – शासकीय सांस्कृतिक विद्यालय, रामबाग रहे.
इस अवसर पर सुमित्रा महाजन ने कहा कि संस्कृत देव भाषा है इसलिए इसे हमें बचाना है. इस प्रतियोगिता का यही उद्देश्य है. मुख्य अतिथि विनायक पांडे थे. आपने अहिल्योत्सव समिति की प्रशंसा की कि बच्चों के स्तर पर इस तरह प्रतियोगिता आयोजित कर बच्चों को इस देवभाषा के प्रति लगाव पैदा करना बहुत बड़ी बात है. प्रतियोगिता में अतिथि स्वागत स्मिता हार्डीकर, गोपाल बैरागी, मालती डागौर ने किया।निर्णायकों का स्वागत भारती खोचे, सोनिका केजरीवाल, अंजली सरवटे, सीमा हडेल, मनाली नायक, मधु सेठिया, शिवानी शर्मा ने किया। कार्यक्रम का संचालन किरण शर्मा ने किया व अंत में आभार स्मिता हार्डीकर ने माना।