बड़वानी जिले में निजी स्कूलों पर शिकंजा, 31 अक्टूबर तक देनी होगी किताबों की पूरी जानकारी, एनसीईआरटी की जगह महंगी किताबें बेचने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई
प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए 31 अक्टूबर 2025 तक सभी निजी स्कूलों को निर्धारित प्रारूप में पुस्तक, प्रकाशक और मूल्य संबंधी जानकारी अनिवार्य रूप से देने के निर्देश जारी किए हैं।

बड़वानी; रमन बोरखड़े। जिले में निजी स्कूलों द्वारा एनसीईआरटी की जगह महंगी किताबें बेचने की शिकायतों पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। अब स्कूलों को आगामी सत्र के लिए किताबों की जानकारी 31 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से देनी होगी।
बड़वानी जिले के अशासकीय विद्यालयों में अभिभावकों पर महंगी किताबें, यूनिफॉर्म और सामग्री खरीदने का दबाव डालने की शिकायतें जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन और विभिन्न समाचार माध्यमों के ज़रिए लगातार सामने आ रही थीं। इन शिकायतों के अनुसार, कतिपय स्कूल प्रबंधन एनसीईआरटी/सीबीएसई/एसीईआरटी द्वारा अनुशंसित पाठ्यपुस्तकों की जगह अन्य प्रकाशकों की अधिक मूल्य वाली किताबें बेचने को बाध्य कर रहे थे।
कलेक्टर के निर्देश पर बड़वानी विकासखंड की निजी शालाओं की जांच जिला स्तर पर गठित जांच दलों द्वारा की गई। जांच में पुष्टि हुई कि निजी विद्यालयों द्वारा छात्र-छात्राओं को मान्यता प्राप्त पाठ्यपुस्तकों के स्थान पर महंगी किताबें खरीदने के लिए बाध्य किया गया, जिससे पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लग गया।
❖ अब 31 अक्टूबर तक देनी होगी जानकारी
जिला परियोजना समन्वयक, पीसी शर्मा द्वारा जिले के समस्त निजी विद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र जारी कर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि आगामी सत्र 2026-27 के लिए कौन-कौन सी किताबें संस्था में पढ़ाई जाएंगी, उनकी कक्षा, विषय, प्रकाशक, ISBN नंबर, कोड व अनुमानित मूल्य की जानकारी निर्धारित प्रारूप में 31 अक्टूबर 2025 तक जिला शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा केंद्र को सौंपनी होगी।
❖ वेबसाइट पर भी करनी होगी जानकारी अपलोड
इसके साथ ही यह जानकारी विद्यालय की वेबसाइट पर स्कूल संचालक एवं प्राचार्य के संयुक्त हस्ताक्षर से सार्वजनिक करना भी अनिवार्य किया गया है। इसका उद्देश्य खुले बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है ताकि अभिभावकों पर आर्थिक दबाव न पड़े।
❖ उल्लंघन पर होगी कानूनी कार्रवाई
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई संस्था 31 अक्टूबर तक जानकारी उपलब्ध नहीं कराती है, तो मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस एवं अन्य संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 की धारा 6 या 9 तथा नियम 2020 के 6 (1)(ग) अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन इस प्रकार की अनियमितताओं को लेकर अब सख्त रुख अपनाए हुए है।