बड़वानी: भवती स्कूल में तनाव प्रबंधन सत्र, बच्चों को मिला संतुलित जीवन का मंत्र
भवती शासकीय स्कूल में विद्यार्थियों के मानसिक तनाव को कम करने और सकारात्मक सोच को बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा प्रेरक और व्यवहारिक मार्गदर्शन सत्र का आयोजन किया गया।

बड़वानी: शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवती, बड़वानी में विद्यार्थियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तनाव प्रबंधन पर मार्गदर्शन सत्र आयोजित किया गया। इस आयोजन में शिक्षकों ने प्रेरणात्मक विचारों और व्यावहारिक उपायों से बच्चों का मनोबल बढ़ाया।
बड़वानी। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवती में 23 जुलाई 2025 को विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से तनाव प्रबंधन पर एक विशेष मार्गदर्शन सत्र आयोजित किया गया। सत्र का उद्देश्य विद्यार्थियों को मानसिक दबाव से निपटने और आत्म-संयम के साथ आगे बढ़ने की दिशा में प्रेरित करना था।
विमर्श पोर्टल से हुई शुरुआत
सत्र की शुरुआत में विद्यार्थियों को विमर्श पोर्टल पर उपलब्ध तनाव प्रबंधन संबंधी वीडियो दिखाया गया। इस वीडियो के माध्यम से विद्यार्थियों को तनाव के कारण, उसके प्रभाव और व्यावहारिक समाधानों की जानकारी दी गई। वीडियो के बाद शिक्षकों ने क्रमवार अपने विचार साझा किए।
प्राचार्य ने दिए 5 जीवन सूत्र
प्राचार्य श्री असलम खान ने विद्यार्थियों को तनाव से बचने के लिए पाँच सरल सूत्र मोबाइल से दूरी, नियमित योग और व्यायाम, अच्छे मित्र बनाना, खेलकूद में भागीदारी, अपने मन की बातें बड़ों से साझा करना बताए। उन्होंने कहा कि इन उपायों को अपनाकर विद्यार्थी जीवन के उतार-चढ़ाव में संतुलन बना सकते हैं।
शिक्षकों का प्रेरणादायक मार्गदर्शन
श्री महेश शिंदे ने अपने जीवन की एक प्रेरक घटना सुनाई और बताया कि विपरीत परिस्थितियों में भी मनोबल बनाए रखना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को लक्ष्य की ओर सतत प्रयास करने की प्रेरणा दी।
श्री शफीक शेख ने कहा कि हर व्यक्ति अलग होता है और उसकी क्षमताएं भी विशिष्ट होती हैं। उन्होंने यह भी समझाया कि दूसरों से तुलना नहीं करनी चाहिए और न ही अत्यधिक अपेक्षाएं रखनी चाहिए, क्योंकि इससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
कविता के माध्यम से प्रेरणा
श्री मनीष जोशी ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की कविता “नर हो, न निराश करो मन को…” सुनाकर विद्यार्थियों को कठिन समय में आत्मबल और आशा बनाए रखने की सीख दी।
विद्यार्थियों से फीडबैक भी लिया गया
सत्र के अंत में विद्यार्थियों से उनके अनुभव और मानसिक तनाव से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की गई, जिससे शिक्षकों को उनकी मन:स्थिति समझने और बेहतर मार्गदर्शन देने में मदद मिली। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षकगण और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।