रेस्क्यू जारी जगह बदल बदल कर वन विभाग लगा रहा पिंजरा तेंदुआ पकड़ने की मशक्कत जारी, इंदौर की टीम लौट गई, स्थानीय टीम कर रही रेस्क्यू।
ग्रमीणों को नजर आया था तेंदुआ, टीम ने पिंजरे की जगह बदली एक सप्ताह पहले हुई घटना

आशीष यादव धार/अलीराजपुर
अलीराजपुर जिले के सोंडवा विकासखंड के ग्राम बड़दली में तेंदुए को पकड़ने के लिए इंदौर से आई टीम लौट गई है। टीम ने तीन दिन तक पिंजरा लगा रहने के बाद भी इसके आसपास तेंदुआ नहीं पहुंचा। अब वन विभाग स्थानीय स्तर पर तेंदुए का रेस्क्यू करने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए उसने पहले लगाए पिंजरे से करीब करीब 200 मीटर दूर पिंजरा लगाया है। वही टीम है रोज तेंदुए के लिए अलग अलग जगह के मुवेन्ट लेकर पिंजरा लगया जा रहा है। इसके लिए टीम जमीनीस्तर ओर कार्य कर लिए है। ग्राम बड़दली से लगे फलियों में डर का माहौल है। टेकरी फलिया, लीमड़ी फलिया और कुंडवाट पंचायत के भयड़ी फलिया के ग्रामीण डरे हुए हैं।
ग्रामीणों का दावा है कि इसी क्षेत्र में तेंदुआ भटक रहा है। कुछ ग्रामीणों ने पिछले दिन भी उसे देखा था। इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई। सूचना मिलने पर विभाग की टीम संबंधित क्षेत्र में पहुंची लेकिन उन्हें तेंदुआ नजर नहीं आया। दूसरी ओर इंदौर से तेंदुए का रेस्क्यू करने के लिए जो पांच सदस्यीय टीम आई थी वह पिंजरा लेकर जा चुकी है। टीम ने तीन दिन तक पिंजरा बदलडी में खेतों के बीच पगडंडी पर लगा रखा था लेकिन उसके आसपास तेंदुए का मूवमेंट नहीं हुआ। टीम अगली योजना बनाकर अलग अलग जगह बदल रहे है। इससे पहले ही किसी अन्य स्थान पर बीच टीम को रेस्क्यू के लिए जाना पड़ा। बताया जा रहा है भालू पकड़ने के लिए टीम को जाना पड़ा, इसलिए टीम पिंजरा लेकर लौट गई।
सरपंच बोले- पिंजरे की जगह बदलना सही:
ग्राम पंचायत बड़दा के सरपंच भिकला क्लेश ने पिंजरे की जगह बदलने को सही बताया है। पूर्व में इंदौर की टीम ने जहां पिंजरा लगाया था उसे लेकर सरपंच ने सवाल उठाए थे। कलेश का कहना है जहां पहले पिंजरा लगाया था वह जगह ठीक नहीं थी, जहां हमला हुआ या फिर जहां तेंदुए ने शिकार किया था वहां लगाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हालांकि अब जगह बदली गई है इससे सफलता मिलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि क्षेत्र में जब से तेंदुए ने दो वनकर्मियों पर हमला किया है तब से गांव में डर का माहौल है। ग्रामीण रात को घर से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं। खेत में भी दिन में काम करने के बाद अंधेरा होने से पहले घर लौट जाते हैं। इंदौर की टीम के जाने के बाद अब वन विभाग की स्थानीय टीम ही तेंदुए को पिंजरे में कैद करने का प्रयास कर रही है। जहां पहले पिंजरा लगाया गया था उस जगह को बदलकर अब करीब 200 मीटर दूर वन विभाग ने पिंजरा लगाया है। सोंडवा रेंजर सत्येंद्र कौरव कहते हैं इंदौर की टीम को जाना पड़ा है, इसलिए अब हम अपने स्तर पर ही रेस्क्यू कर रहे हैं। चूंकि जिले में अक्सर तेंदुए का रेस्क्यू होता है इसलिए स्थानीय टीम भी काफी कुछ सीख चुकी है। हमारे पास सभी तरह के संसाधन भी है, लिहाजा कोई परेशानी नहीं आने वाली। वे कहते हैं हमने जगह बदलकर पिंजरा लगा दिया है।
तेंदुए ने दो वनकर्मी पर किया था हमला…
7 जुलाई की शाम को झाड़ियों में छिपकर बैठे एक तेंदुए ने दो कर्मियों पर हमला कर दिया था। एक वनकर्मी ने तेंदुए के साथ संघर्ष किया था। तेंदुए ने सुबह बकरी का शिकार किया था जिसका पंचनामा बनाने के लिए फुलमाल वन परिक्षेत्र सहायक वनपाल जीवन प्रकाश मंडलोई और बोरडाबरा बीट गार्ड विपुल चौहान बड़दली गए थे। तभी रास्ते में उन पर तेंदुए ने हमला किया था।
तेंदुए को पकड़ने के लिए पकड़ने के लिए टीम बनाई है जो
हर रोज अलग-अलग जगह का मूवमेंट पर पिंजरा लगाया रही है । जो वनकर्मियों पर हमला किया वह स्वस्थ है।
अशोक कुमार सोलंकी डीएफओ अलीराजपुर।