सेंधवा: शिव-पार्वती विवाह कथा में गूंजा प्रेम और सौभाग्य का सन्देश
चैत्र माह की तृतीय तिथि पर सौभाग्यवती बनने के आठ उपाय और शिव बारात की महिमा बताते हुए गीता किशोरी ने प्रेम, सौहार्द और राष्ट्र निर्माण पर जोर दिया।

सेंधवा किले के मंडी शेड में द्वितीय दिवस कथा प्रसंग में गीता किशोरी ने बताया कि चैत्र माह तृतीय तिथि को कुमकुम, काजल, लौंग आदि आठ वस्तु दान करने से सात जन्मों तक सौभाग्य बना रहता है।
सौभाग्यवती बनना है तो आठ शुभ वस्तुएं दान करें—गीता किशोरी
सेंधवा। आज सेंधवा किले के मंडी शेड प्रांगण में द्वितीय दिवस की कथा प्रसंग में सुश्री गीता किशोरी ने कहा कि चैत्र माह की तृतीय तिथि को आठ सौभाग्यवती वस्तुएं—कुमकुम, फूल, चंदन, ईख, काजल, तांबूल, लौंग एवं जीरा—दान करने से स्त्री सात जन्मों तक अखंड सौभाग्यवती हो सकती है। उनका कहना था कि शिव बारात की महिमा इसी में है कि शिव अपने बारात में ऋषि-मुनि, देवता, दानव, भूत-प्रेत अर्थात सभी को समान रूप से आमंत्रित करते हैं।

गीता किशोरी ने कहा, “सरसता का भाव यदि सीखना है तो भोले बाबा से सीखो। जिनके पास कुछ नहीं है, वे वनवासी समाज सम्पूर्ण वनवासी को अपनी बारात में ले जाते हैं, सभी को गले लगाते हैं।” इसके बाद उन्होंने सेंधवावासियों से आह्वान किया कि जो प्रेम वनवासियों में है, वह प्रेम वे भी अपने समुदाय में लाएं; तभी भारत एक संपूर्ण हिंदू राष्ट्र बन सकेगा।
भजनों की मस्ती में डूबा मंडप
आज की कथा प्रसंग में शिव–पार्वती विवाह की भजनों ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पार्वती माता के विदाई के समय कार्यक्रम में “माता मैना” की वाणी गूंज उठी—“ससुराल में ऐसा कोई भी गलत कार्य न करना जिससे माता, पिता, समाज और देश को अपमानित न होना पड़े।” इस वक्त भक्तों की आंखें नम हो उठीं और उन्होंने दृढ़ प्रण लिया कि पारिवारिक और सामूहिक जिम्मेदारियों का वे निर्वहन ईमानदारी से करेंगे।
समिति और समाज का समागम
कथा के आयोजक एकल अभियान के अध्यक्ष गोपाल तायल, सचिव पंकज झवर, हरिकथा सत्संग समिति के अध्यक्ष गिरधारी लाल जी गोयल, सचिव निलेश जैन, कोषाध्यक्ष राजेंद्र नरेड़ी, एकल महिला समिति अध्यक्षा निशा शर्मा एवं अंचल समिति सदस्य प्रेमचंद सुराना, बबलू शर्मा, गौतम गुप्ता, दिलीप झवर, नन्द किशोर भूतड़ा, विष्णु सिंहल, डा. प्रतीक चोपड़ा, अजय झवर, भूषण जैन, अर्पित तायल, नवरत्न माहेश्वरी, महेंद्र परिहार, सौरभ तायल, अंचल अभियान प्रमुख रामसिंह उपस्थित रहे।
पूजन और प्रसाद वितरण पाटिल समाज द्वारा किया गया और कथा समाप्ति के बाद प्रसाद अग्रवाल समाज, सेंधवा ने वितरित किया। इस आयोजन ने धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को एक साथ जोड़ते हुए एक मजबूत सांस्कृतिक संदेश प्रस्तुत किया।