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जिले में अब तक 15 लाख 70 हजार हितग्राहियों में से अब तक 12 लाख 85 हितग्राहियों की हुए ई- केवाईसी आधार कार्ड में गड़बड़ी के कारण आ रही दिक्कत।

अभियान में अब तक 27 हजार से अधिक लोगों की ई-केवाईसी बनाए। 2 हजार हितग्राहियों के नाम हटाए गए।

आशीष यादव धार.

जिले में सरकारी योजना का राशन लेने के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य है। जिन लोगों की ई-केवाईसी 30 अप्रैल तक नहीं होगी, उन्हें राशन मिलना बंद हो जाएगा। जानकारी के अनुसार सरकार की गाइडलाइन कि 30 अप्रैल 2025 तक सभी राशन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की ई-केवाईसी किया जाना जरूरी है। वर्तमान में कर्मचारी। कुल 12 लाख 85 हजार लोगों की ई-केवाईसी की जा चुकी है। व 836 शा.उ.मू. दुकानों से राशन प्रदाय किया जा रहा है। अभी 2 लाख 80 हजार लोगों की ई-केवाईसी होना बाकी है। जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीराम बरडे ने बताया कि जिन लोगों की ई-केवाईसी नहीं हुई है उनके लिए जिले के 13 ब्लॉकों की 761 पंचायतों और 10 नगरीय निकायों के वार्डों में कैंप लगाए जा रहे है। साथ ही टीम घर-घर जाकर भी ई-केवाईसी कर रही है। वही अभी प्रदेश में व सभाग में धार जिले की स्थिति अच्छी है वही अन्य जिलों के मुकाबले धार 29 नंबर पर है। साथ ही 82 प्रतिशत ई केवाईसी ह्यो गई है। वही जिले में 2 हजार हितग्राहियों के नाम भी हटाए गए जिसमें विवाह के साथ मृत्यु व डुप्लीकेट नामो को हटाया गया।

अपात्र लोगो के हटेंगे नाम:
शासन द्वारा गरीब परिवारों को उचित मूल्य की दुकानों से हर महीने मुफ्त में राशन का वितरण किया जा रहा है, जिसकी आड़ में कई अपात्र लोग भी लंबे समय से राशन पा रहे थे। इनमें कई मृतकों और डबल नाम जुड़े हुए थे। ऐसे करीब साढ़े 8 हजार लोगों के नाम हटाए गए हैं। इससे राशन की कालबाजारी रूकेगी। साथ ही वास्तविक लोगों को उसका लाभमिलेगा। जानकारी के अनुसार जिले में तीन लाख 67 हजार 852 परिवारों के लगभग 15 लाख 78 हजार सदस्यों को राशन का वितरण होता है। ये सभी परिवार अलग अलग श्रेणी में होकर मुफ्त अनाज ले रहे थे। जिले में करीब 82 प्रतिशत परिवारों की आइडी की केवाइसी का काम पूरा हो चुका है। इसमें 8 हजार 508 लोगों के नाम गलत तरीके से समग्र आइडी में जुड़े पाए गए। इन्हें वास्तविक सूची से हटाया गया है इन लोगों नाम पर हर महीने 425 क्विंटल अनाज का वितरण होता था, जो गलत और अपात्र लोगों के हाथों में जा रहा था। एक तरह से अनाज की चोरी हो रही थी, जिस पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा।

हर महीने 9 हजार मीट्रिक टन अनाज का वितरण:
जानकारी के अनुसार पात्र हितग्राहियों को प्रत्येक महीने में पांच किलो अनाज का वितरण किया जा रहा है। जिले में वर्तमान में 15 लाख 70 हजार 678 सदस्यों के हिसाब से 9 हजार मीट्रिक टन अनाज का वितरण हो रहा है। पहले 425 क्विटल अधिक अनाज दिया जाता था। एसएमडब्लू सर्वे के आधार पर राशन वितरण में विसंगति और गड़बड़ी पता चली। कई सदस्य जिनकी पूर्व में मृत्यु होने के बाद भी राशन कार्ड में नाम जुड़े हुए थे, उन्हें विलोपित किया गया है।

ऐसे समझे वितरण की प्रक्रिया
गरीब परिवारों की करीब 15 से अधिक श्रेणियां हैं, जिनमें कार्डधारकों को राशन का वितरण होता है। कंट्रोल दुकान पर एक सदस्य के मान से पांच किलो अनाज (दो किलो गेहं और तीन किलो चावल) दिया जाता है। इसी प्रकार 30 हजार अंत्योदय सदस्यों को एक किलो शक्कर देने का प्रावधान है। वही अभी ई-केवाईसी कराने वालो में से सबसे ज्यादा उन लोगों को परेशानी आ रही है। जिनके आधार कार्ड में गड़बड़ी है। वहीं कुछ लोग पलायन कर गए है।

पर्ची से नाम हट सकता है:
पिछले दिनों इसको लेकर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने बैठक में कहा है कि जिन लोगों ई-केवाईसी नहीं हो पाई है, उसके लिए जिले में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए पंचायतों में कैंप लगाए जा रहे हैं और पीओएस मशीनें घर-घर भेजकर ई-केवाईसी कराई जा रही है। इसके अलावा लोग राशन विक्रेता को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराकर पीओएस मशीन के माध्यम से अपनी ई-केवाईसी करवा सकते हैं। अगर राशन लेने वालों द्वारा अपनी ई-केवाईसी नहीं की जाती है तो भविष्य में राशन पर्ची से नाम हट सकता है।

कार्य चल रहा है:
वही ई-केवाईसी को लेकर कैम्प लगाकर हितग्राहियों के ई केवाईसी बना रहे है।वही जिले भर में ई केवाईसी का कार्य चल रहा है । वही अभी 12 लाख 85 हजार से अधिक हितग्राहियों ई केवाईसी का काम पूरा हो गया है वही बचे हुए हितग्राहियों के घर घर जा कर दस्तक देकर टीम कार्य कर रही है।
श्रीराम बरडे खाद्य आपूर्ति अधिकारी धार

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