बड़वानी; नए आपराधिक कानून की पहली वर्षगांठ पर बड़वानी पुलिस का जागरूकता अभियान, आमजन को बताए अधिकार और प्रक्रिया
नए आपराधिक कानून के एक वर्ष पूर्ण होने पर बड़वानी जिले में जन-जागरूकता अभियान आयोजित

बड़वानी-सेंधवा। रमन बोरखड़े। भारतीय न्याय व्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने वाले नए आपराधिक कानूनों—भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता—के लागू हुए एक वर्ष पूर्ण होने पर जिलेभर में विशेष जन-जागरूकता अभियान चलाया गया। यह पहल पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धीरज बब्बर के निर्देशन में की गई।
जिले के सभी थानों में आयोजित इस अभियान का उद्देश्य आम नागरिकों, ग्राम रक्षा समिति सदस्यों और ग्रामीण जनों को कानून की नई व्यवस्था से अवगत कराना था। अभियान के दौरान पुलिस अधिकारियों ने उपस्थित नागरिकों को डिजिटल माध्यमों से शिकायत दर्ज कराने, एफआईआर की प्रक्रिया, और न्यायिक पारदर्शिता से जुड़े बदलावों की जानकारी दी।
सेंधवा शहर पुलिस थाना परिसर सहित शहर के मुख्य चौराहों पर थाना प्रभार बलवंतसिंह बिसेन व पुलिस टीम के मार्गदर्शन में लोगों को कानून की जानकारी दी गई।
डिजिटल युग में कानून की नई दिशा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नया आपराधिक कानून न केवल अपराधियों के विरुद्ध तेज़ और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करता है, बल्कि आमजन को भी सशक्त बनाता है। अब नागरिक मोबाइल फोन के माध्यम से कहीं से भी ई-एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए राष्ट्रीय पोर्टल और पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए शिकायतें ऑनलाइन ली जा रही हैं।
किसी भी थाने में दर्ज शिकायत को अब ज़रूरत अनुसार संबंधित थाने में डिजिटल माध्यम से स्थानांतरित किया जा सकता है, जिससे नागरिकों को अनावश्यक भटकना नहीं पड़ेगा।
ई-ऑफिस और पारदर्शिता
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि सभी पुलिस कार्यालय अब ई-ऑफिस पोर्टल से संचालित हो रहे हैं, जिससे कार्य में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो रही है। न्यायिक कार्यवाही अब अधिक समयबद्ध और डिजिटल हो चुकी है, जिससे अपराधों की जांच प्रक्रिया तेज़ हुई है।
साइबर अपराध और गुम मोबाइल का समाधान
छात्रों, युवाओं और तकनीकी रूप से जागरूक नागरिकों के लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण रही कि साइबर अपराधों और मोबाइल गुमशुदगी की रिपोर्टिंग अब पोर्टल के जरिए की जा सकती है। इससे संबंधित मामलों का त्वरित निराकरण संभव हुआ है।
समुदाय की भागीदारी
इस अवसर पर बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी-कर्मचारी, ग्रामीणजन, नगर एवं ग्राम रक्षा समिति के सदस्य और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कानून की जानकारी केवल पुलिस या वकीलों तक सीमित न रहे, बल्कि हर नागरिक इससे परिचित हो, यह आज की आवश्यकता है।
इस जागरूकता कार्यक्रम ने न केवल नागरिकों को उनके अधिकारों और प्रक्रियाओं से अवगत कराया, बल्कि डिजिटल युग में न्याय व्यवस्था की नई दिशा और दृष्टि को भी रेखांकित किया।