धार
वेतन की मांग को लेकर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी भाजपा पार्षदों ने राजवाड़ा चौराहे पर लगाई झाडू।
नगर पालिका परिसर में खड़ी रह गई कचरा गाड़िया सफाईकर्मी बोले – दुकानदारों ने किराना देना बंद किया, लोन की किस्तें नही चुकाने से हो रहे डिफाल्टर।

आशीष यादव धार
आर्थिक तंगी से जुझ रही नगर पालिका अपने ही अधीनस्थ कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही हैं, लगातार दूसरे दिन कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी है। शहर में आज सफॉई नहीं हो पाई हैं, सुबह के समय कॉलोनियों व मोहल्लो में कचरा गाडी नहीं पहुंची है। इसके कारण सफॉई व्यवस्थाफ ठप्प हो चुकी हैं, इधर सभी आउटसोर्स कर्मचारी नगर पालिका परिसर में एकत्रित हो गए व वेतन की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। सूचना पर नपा सीएमओ विकास डावर पहुंचे व कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल से आज पुन चर्चा की। किंतु खबर लिखे जाने तक कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी है।
दरअसल धार नगर पालिका पिछले दो सालों से आर्थिक तंगी से जुझ रही हैं, शहर के कई बडे प्रोजेक्ट राशि नहीं होने के कारण अटके पडे है। कुछ ठेकेदारों ने टैंडर तो लिए हैं, किंतु धरातल पर काम शुरु ही नहीं किया है। नपा में मस्टेर, परमानेंट, अउटसोर्स और विनियमित के करीब 350 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, नपा को प्रतिमाह सैलरी के रुप में एक करोड 35 लाख रुपए खर्च करना होते है। इसके साथ विधुत, डीजल सहित अन्या खर्च 70 लाख रुपए होता है। अब हर माह नियमित रुप से सैलरी सहित अन्यत खर्च पूरे करने के लिए नपा को दो करोड रुपए की राशि चाहिए। किंतु शासन से चुंगी के रुप में मात्र 60 से 65 लाख रुपए ही आता हैं, इसी कारण वित्तिय स्थिति नपा की ठीक नहीं है।
पीड़ा बताई, कैसे चला रहे घर:
नगरपालिका के कर्मी मंगलवार को खासे नाराज थे। कर्मचारी संगठनों के नेताओं के साथ इन्होंने वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने वेतन समय पर ना मिलने से हो रही परेशानियों का जिक्र किया। कर्मचारियों ने कहा कि उधार लेकर घर चला रहे है। दुकानदार भी कितना उधार देगा। आऊटसोर्स कर्मियों का एक-एक साल का वेतन बाकी है। उधार देना बंद कर दिया गया है। एक कर्मी ने बताया कि बच्चों की फीस नहीं भर पाया। वहीं किसी ने हाऊसिंग लोन की ईएमआई बाउंस होने की बात कही तो किसी ने कुछ और समस्या बताई। इस दौरान एक और मुद्दा कर्मचारियों की जीपीएफ की राशि जमा नहीं करने का उठा। उनका आरोप था कि वेतन से राशि कटौत्रा किया जा रहा है, लेकिन खातों में जमा नहीं किया जा रहा है। इसके कारण उनके रिटायरमेंट के बाद की जमा पूंजी भी खटाई में पड़ने की स्थिति बन रही है।
40 टन उठता हैं कचरा:
शहर के 30 वार्डों में प्रतिदिन कचरा गाडियां पहुंचती हैं, सुबह के समय सफॉईकर्मी सडकों पर झाडू भी लगाते है। गाडियों के माध्यंम से करीब 40 टन कचरा नपा की टीम उठाती हैं, जिसे टैचिंग ग्राउंड भेजा जाता है। कर्मचारियों की हडताल के कारण इतनी बडी मात्रा में आज कचरा नहीं उठा हैं, अब हडताल के कारण लोगों को दिक्कते आएगी।
पार्षद पहुंचे फोटो खिंचवाने – नगर में सफॉई नहीं होने पर भाजपा के कुछ पार्षद राजवाडा चौराहे पर पहुंचे, यहां पर हाथों में झाडू लेकर सफॉई करते नजर आए। पार्षदों ने फोटो खिंचवाए, इसके बाद घर की और चले गए। दरअसल जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय हैं, जिनके पास नगरीय प्रशासन मंत्रालय का जिम्मा है। इसके बावजूद अब कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है।
- सीएमओ विकास डावर के अनुसार करीब सवा करोड़ के लगभग प्रतिमाह का वेतन होता है। चूंगी क्षतिपूर्ति राशि से पहले 90 लाख रूपए करीब शासन से प्राप्त होते थे। राशि में कटौत्रा होते-होते अब यह 65-70 लाख तक हो गई है। पूर्व में कर वसूली भी पेंडिंग थी। इस वर्ष बेहतर तरीके से वसूली की है, लेकिन अन्य खर्च भी वहन करना पड़ते है। स्थिति सुधारने के लिए मार्केट दुकानों की नीलामी की गई है। इसकी राशि प्राप्त होते ही कुछ हद तक वित्तीय हालातों को सुधार दिया जाएगा। वेतन पेंडेंसी पूर्व से ही चल रही है। मैंने हालात बेहतर करने के प्रयास किए है।