विविध

भगवान 56 भोग के नहीं, हमारे निर्मल औऱ शुभ भावों के भूखे

मिलन समारोह नगरी विकास मंत्री विजयवर्गीय ने भी की भगवान श्रीनाथजी की पूजा-अर्चना

– फतेहपुरिया समाज का स्नेह समारोह में सेवाभावी बंधुओं का सम्मान

इंदौर । भगवान को भोग नहीं, भाव चाहिए। हमारे जैसे शुभ और निर्मल भाव होंगे, भगवान को लगाए गए रूखे-सूखे भोग में भी 56 भोग की अनुभूति संभव है। भारतीय सनातन संस्कृति में भगवान को 56 भोग सहित अनेक परंपराएं चली आ रही हैं। प्रसन्नता की बात है कि फतेहपुरिया समाज इस परंपरा का खुद भी निर्वाह कर रहा है और आने वाली अपनी नई पौध को भी ऐसे कार्यक्रमों में साथ लाकर उन्हें भी संस्कारित कर रहा है।
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मल्हारगंज थाने के पास स्थित फतेहपुरिया समाज भवन पर आयोजित स्नेह मिलन समारोह, अन्नकूट एवं सेवाभावी समाजबंधुओं के सम्मान समारोह में उक्त बातें कहीं। उन्होंने शहर में फतेहपुरिया समाज द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले सेवाकार्यों की भी प्रशंसा की और कहा कि जरूरतमंद लोगों की सेवा का मामला हो या सेवाभावी बंधुओं के सम्मान का- फतेहपुरिया समाज हमेशा अग्रणी रहा है। अध्यक्षता समाजसेवी विनोद – सरोज खेमका ने की।
समाज के अध्यक्ष कैलाश बिदासरिया, मंत्री धीरज गर्ग, कार्यक्रम संयोजक देवकीनंदन सिंघानिया एवं हुकमचंद अग्रवाल ने बताया कि विजयवर्गीय ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान श्रीनाथजी को 56 भोग भी समर्पित किए। इस अवसर पर समाज के सेवाभावी बंधुओं किशन गोपाल गर्ग, अशोक बिदासरिया, हरिद्वार भगेरिया, श्रीमती विजयलक्ष्मी सिंघानिया, श्रीमती सुमनदेवी थरड़, श्रीमती कलावतीदेवी कंदोई का सम्मान भी किया गया। इस मौके पर सतीश चौधरी, सज्जन कुमार गर्ग, वासु टिबड़ेवाल, नंदकिशोर कंदोई, बालकृष्ण छावछरिया, अरविंद बागड़ी, सी.के. अग्रवाल, हरि अग्रवाल, सीए विजय गोयनका सहित बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित थे, जिन्होंने अंग्रेजी नववर्ष की बिदाई और नए वर्ष की अगवानी की बेला में एक-दूसरों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। समाजबंधुओं ने स्नेह भोज के दौरान जूठन नहीं छोड़ने की शपथ भी ली।

Show More

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!