आयकर विवरणी के प्रारुप वेबसाईट पर अपलोड नहीं होने से लाखों करदाता परेशान
वरिष्ठ कर सलाहकार ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री को लिखा पत्र

सेंधवा। आयकर अधिनियम के प्रावधानो के तहत् वित्त वर्ष 2024-25 के लिए करदाताओं को 15 सितम्बर 2025 तक आयकर विवरणी एवं ऑडिट की पात्रता वाले करदाताओ को 30 सितम्बर 2025 तक ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है किंतु वित वर्ष की समाप्ति के लगभग सवा तीन माह बाद भी अभी तक आयकर विभाग द्वारा विवरणीयों के सारे प्रारूप एवं ऑडिट प्रारूप ई-फाईलिंग वेबसाईट पर अपलोड नही किए गए है। जिससे देश के लाखो करदाता अभी तक अपनी विवरणीयां प्रस्तुत नही कर पा रहे है।
अधिवक्ता एवं वरिष्ठ कर सलाहकार बी.एल. जैन ने इस समस्या को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत प्रेषित करते हुए इसकी प्रतिलिपीयां केन्द्रीय वित मंत्री एवं चेयरमेन केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को ई-मेल द्वारा पत्र प्रेषित कर उन्हे अवगत कराया है कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को 1 अप्रैल को ही आयकर विवरणी के प्रारूप ई-फाइलिंग वेबसाईट पर अपलोड कर देना चाहिए ताकि करदाता अपनी विवरणी निर्धारित समय पर दाखिल कर सकें। विभागीय व्यवस्था के तहत् विभिन्न श्रेणी के करदाताओं के लिए अलग-अलग प्रारूप आयकर विभाग द्वारा प्रत्येक वित वर्ष के लिए जारी किए जाते है इस मर्तबा केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा केवल प्रारूप 1 एवं 4 ही जारी किए गए है जो वेतन भोगी कर्मचारियों एवं अन्य स्त्रोत से आय प्राप्तकर्ता एवं आयकर अधिनियम की धारा 44-एडी, एई के तहत् आय दर्षाने वाले करदाताओं के लिए लागू होता है। श्री जैन ने पत्र मे लिखा है कि व्यवसाय से होने वाली आमदनी एवं भागीदारी फर्म तथा कंपनी करदाताओं के लिए वांछित प्रारूप 2, 3, 5 एवं 7 तथा ऑडिट का प्रारूप भी अभी तक जारी नही किया गया होने के कारण इस श्रेणी के करदाता अपनी विवरणी जमा नही करवा पा रहे है। अनेक करदाताओ को बैंक लोन सहित अन्य कार्याे के लिए वित वर्ष 2024-25 की विवरणी तथा ऑडिट रिपोर्ट की अनिवार्यता होती है लेकिन अभी तक प्रारूप जारी नही होने के कारण करदाताओं के कार्य रूके हुए है।
पत्र मे अवगत कराया गया है कि आयकर अधिनियम के प्रावधानो के तहत् जिन करदाताओं को ऑडिट की पात्रता नही आती है उन्हे 31 जुलाई 2025 तक विवरणी प्रस्तुत करना होती है लेकिन केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा इस तिथी को आगे बढाया जाकर 15 सितम्बर 2025 की अंतिम तिथी निर्धारित की गई है। साथ ही ऑडिट की पात्रता वाले करदाताओं को 30 सितम्बर 2025 तक ऑडिट करवाना अनिवार्य होता है। इन तिथीयों के पश्चात् करदाता को पेनल्टी का भुगतान करना होता है। लेकिन वित्त वर्ष समाप्ति के सवा तीन माह बाद भी विवरणी एवं ऑडिट के प्रारूप केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा अपलोड नही किए गए है यदि अभी भी प्रारूप ई-फाईलिंग वेबसाईट पर अपलोड कर दिए जाते है तो करदाता को मात्र 2 माह का ही समय मिलेगा। जबकि पुर्व वित्त वर्षाे मे उसे अप्रैल से जुलाई तक अर्थात् 4 माह का समय मिलता था इसी तरह ऑडिट की पात्रता वाले करदाता को भी अब केवल 3 माह का ही समय मिलेगा।
श्री जैन ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा विवरणी प्रस्तुती हेतु विस्तृत जानकारियां चाही गई है ऐसी स्थिती मे इतने कम समय मे करदाता एवं कर सलाहकारों तथा सी.ए. से जुड़े हुए प्रोफेशनल व्यक्तियों को अत्यधिक परेशानी उठाना पड़ेगी। यदि करदाता समय पर विवरणी नही जमा करवा पाता है तो उसे नियमानुसार पेनल्टी का भुगतान करना होगा। आपने पत्र मे लिखा है कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से किए जा रहे विलंब का खामियाजा देश के लाखो करदाताओं को अनावश्यक रूप से उठाना पड़ेगा। श्री जैन ने वांछित प्रारूप शीघ्रतापुर्वक जारी किए जाने की मांग की है।