बड़वानी।मोहर्रम पर निकले आकर्षक ताजिए, शहर में दिखी गंगा-जमुनी तहज़ीब
हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी को किया याद, शांति और सौहार्द का अनूठा उदाहरण

बड़वानी। मोहर्रम की 10 तारीख को बड़वानी शहर में श्रद्धा और सम्मान के साथ ताजिए का जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के साथ-साथ अन्य समुदायों के नागरिकों ने भी सहभागिता की। यह पर्व हजरत इमाम हुसैन की सत्य, ईमानदारी और मानवता की राह में दी गई महान कुर्बानी की याद में मनाया जाता है।
मुस्लिम बुद्धिजीवियों, पत्रकारों व उलमाओं ने इस अवसर पर कहा कि इमाम हुसैन ने जालिम शासक यजीद के अत्याचार के सामने झुकने के बजाय अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलंद की और मजलूमों के हक में खड़े होकर सत्य की राह पर चलते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी। उनका यह बलिदान मानवता और इंसाफ के लिए आज भी प्रेरणा बना हुआ है।
ताजियों की आकर्षक नकाशी और कारीगरी ने जुलूस में आए लोगों का मन मोह लिया। जुलूस के दौरान शहर में हिंदू-मुस्लिम एकता और सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल देखने को मिली। सभी धर्मों के नागरिकों ने इस आयोजन में सहभागिता कर शांति व सद्भावना का संदेश दिया।
इस अवसर पर देश के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट श्री इस्माइल लहरी, वरिष्ठ पत्रकार श्री अजीजुद्दीन शेख, पुलिस जनसंपर्क अधिकारी श्री असद खान तथा साहित्यकार श्री अजीज मंसूरी शाहिद जैसे विशिष्ट जन उपस्थित रहे।
रात्रि के तीसरे पहर ताजिया निर्माण में विशेष योगदान देने वाले कारीगरों को कार्टूनिस्ट लहरी व पत्रकार शेख द्वारा सम्मानित किया गया, जो पूरे आयोजन का विशेष आकर्षण रहा।
बड़वानी ने एक बार फिर दिया एकता और अमन का संदेश
शहरवासियों ने मोहर्रम पर्व को शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण एवं गरिमामयी वातावरण में मनाकर एक बार फिर यह सिद्ध किया कि बड़वानी की गंगा-जमुनी तहज़ीब आज भी जीवंत है।