सेंधवा कॉलेज में एनसीसी गतिविधियाँ ठप, डिप्लॉयमेंट नीति से आदिवासी छात्रों का सैन्य भविष्य अधर में

सेंधवा ; मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 55 महाविद्यालयों को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रूप में उन्नयित किया गया ।
इन 55 महाविद्यालयों में शेक्षणिक गतिविधियों के संचालन के लिए 11 एवं 12 जुलाई 2024 को मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय द्वारा प्रदेश के सहायक प्राध्यापकों का डिप्लॉयमेंट किया गया । इस डिप्लॉयमेंट सूची में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेंधवा के एनसीसी प्रभारी को भी शामिल किया गया इस वजह से पिछले 1 वर्ष से एनसीसी प्रभारी सेंधवा से 60 किलोमीटर दूर बड़वानी रोज़ अपने कर्तव्य पर उपस्थित होते है । परंतु सेंधवा महाविद्यालय की एनसीसी की गतिविधियां पिछले 1 वर्ष में पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है एवं एनसीसी बंद होने की कगार पर है ।
आपको बता दें कि बड़वानी पी जी कॉलेज में गणित विषय मे पहले से ही 6 अतिथि विद्वान कार्यरत है जिससे बड़वानी महाविद्यालय की गणित विषय की शेक्षणिक गतिविधियां एवं अन्य कार्य अच्छे से हो रहे है , परन्तु सेंधवा महाविद्यालय में एनसीसी पूरी तरह से बन्द हो चुकी है ।
महाविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को महाविद्यालय के माध्यम से अनेकों बार इस बारे में अवगत करवाया है, वे 1 वर्ष से 60 किलोमीटर रोज़ जाकर अपने कर्तव्य का भी वहन कर रहे है, इस कारण सेंधवा महाविद्यालय की एनसीसी गतिविधियों को संचालित नही कर पा रहे है ।
अभी जून 2025 में सरकार द्वारा लगभग 600 प्राध्यापकों का स्थानांतरण किया गया परंतु सेंधवा महाविद्यालय की इस समस्या के लिए प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस महाविद्यालय बड़वानी में गणित विषय मे किसी भी प्राध्यापक का स्थानांतरण नही किया गया ।
इससे ये पता चलता है कि उच्च शिक्षा विभाग को इस बात से फर्क नही पड़ता है कि एक आदिवासी बहुल क्षेत्र सेंधवा के शासकीय महाविद्यालय से एनसीसी बंद हो जाये और यहाँ के आदिवासी छात्रों को एनसीसी का न लाभ मिले, पिछले वर्ष ही एनसीसी के माध्यम से 2 महाविद्यालय के छात्रो का अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में चयन हुआ है ।
महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा भी आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग भोपाल, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा विभाग भोपाल एवं अतिरिक्त संचालक इंदौर संभाग, इंदौर को कई बार अवगत करवाया है, विद्यार्थियों ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सेंधवा महाविद्यालय की अव्यवस्था से कोई फर्क नही पड़ा ।
साथ ही जब जुलाई 2024 में डिप्लॉयमेंट किये गए थे तब प्रदेश से लगभग 120 प्राध्यापकों के नाम सूची में थे लेकिन जब मई 2025 में डिप्लॉयमेंट की अवधि में वृद्धि की गई तब सूची में आधे प्राध्यापक ही रह गए, इसका मतलब डिप्लॉयमेंट समाप्त हुऐ है, फिर भी शासन ने सेंधवा महाविद्यालय की समस्या पर ध्यान नही दिया ।
इस तरह से एक प्रशिक्षण लिए हुए एनसीसी अधिकारी का ऐसी जगह डिप्लॉयमेंट करना जहाँ उनका प्रशिक्षण किसी काम नही आ रहा है एवं सेंधवा महाविद्यालय के छात्रों के भविष्य में भारतीय सेना में जाने के सपने को तोड़ना यह दर्शाता है, कि उच्च शिक्षा विभाग, को सेंधवा महाविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स के भविष्य की परवाह नही है, नहीं तो प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस जैसे जिले के बड़े कॉलेज में गणित विषय मे किसी एक अन्य प्राध्यापक का ट्रांसफर करके सेंधवा महाविद्यालय की इस समस्या को सुलझाया जा सकता था। 9 मध्यप्रदेश बटालियन एनसीसी इंदौर के कमांडिंग ऑफिसर द्वारा भी उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर इस बारे में कई बार अवगत करवाया गया है ।
इस संबंध में महाविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स द्वारा माननीय अन्तर सिंह जी आर्य, अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुचित जनजाति, आयोग भारत सरकार, को अवगत करवाया गया एवं उनके द्वारा भी उच्च शिक्षा विभाग एवं माननीय मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग, को पत्र लिखे जा चुके है, परंतु अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नही आया है ।ऐसे में एक बार पुनःसाकेत द्विवेदी, जितेंद्र माला,राकेस अवासे, कैडेट गणेश नारगवे, कैडेट भूरी पावरा, कैडेट पलक सुल्या एवं समस्त एनसीसी कैडेट्स द्वारा प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा गया ।