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भाजपा नेतृत्व में बदलाव: हेमंत खंडेलवाल बने मध्यप्रदेश के नए अध्यक्ष

संगठन मंत्री के इशारे पर सीएम ने मंच पर बुलाया, खंडेलवाल निर्विरोध अध्यक्ष

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश में अपने संगठनात्मक नेतृत्व में बड़ा बदलाव करते हुए बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल को नया प्रदेशाध्यक्ष चुना है। पार्टी के आंतरिक समन्वय और संदेश की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए खंडेलवाल का चयन सर्वसम्मति से हुआ। हालांकि, आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा है, लेकिन नामांकन प्रक्रिया के दौरान जो संकेत सामने आए, वे स्पष्ट रूप से उनके नेतृत्व की पुष्टि करते हैं।

नामांकन प्रक्रिया के दौरान एक विशेष दृश्य देखने को मिला। भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद शर्मा के संकेत पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंच पर पहुंचे और पहली पंक्ति में बैठे हेमंत खंडेलवाल को मंच पर लाकर उनके कंधे पर हाथ रखा। यह दृश्य न केवल नेतृत्व परिवर्तन का प्रतीक बना, बल्कि संगठनात्मक अनुशासन और संकेत की राजनीति का भी संदेश दे गया। मुख्यमंत्री स्वयं खंडेलवाल के प्रस्तावक बने। नामांकन प्रक्रिया चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, निर्वाचन अधिकारी विवेक शेजवलकर और पर्यवेक्षक सरोज पांडे की उपस्थिति में पूरी की गई।

 खंडेलवाल की नियुक्ति का क्षेत्रीय संतुलन में महत्व

हेमंत खंडेलवाल का संबंध मालवा-निमाड़ क्षेत्र से है — वह क्षेत्र जो अब तक भाजपा संगठन को सबसे अधिक बार नेतृत्व देने में आगे रहा है। यह क्षेत्रीय संतुलन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण नियुक्ति है। खंडेलवाल की नियुक्ति से भाजपा ने एक बार फिर स्पष्ट संकेत दिया है कि पार्टी संगठन में जमीनी अनुभव और क्षेत्रीय सामाजिक समीकरणों का विशेष महत्व है।

 भाजपा प्रदेशाध्यक्षों की क्षेत्रवार सूची

मालवा-निमाड़ से अब तक 8 अध्यक्ष:

  • सुंदरलाल पटवा (1980-83, 1986-90)

  • लक्ष्मीनारायण पांडे (1994-97)

  • विक्रम वर्मा (2000-02)

  • कैलाश जोशी (2002-05)

  • सत्यनारायण जटिया (2006)

  • नंदकुमार सिंह चौहान (2016-18)

ग्वालियर-चंबल से 4 बार नेतृत्व मिला:

  • नरेंद्र सिंह तोमर (2006-10, 2012-14)

  • प्रभात झा (2010-13)

  • वीडी शर्मा (2020-2024)

महाकौशल क्षेत्र से दो बार:

  • शिवप्रसाद चनपुरिया (1985-86)

  • राकेश सिंह (2018-20)

मध्य क्षेत्र से दूसरी बार:

  • शिवराज सिंह चौहान (2005-06)

  • हेमंत खंडेलवाल (2024—)

अविभाजित मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ से भी नेतृत्व मिला:

  • लखीराम अग्रवाल (1990-94)

  • नंदकुमार साय (1997-2000)

संगठन में संदेश और संतुलन

भाजपा ने इस बार अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ऐसे चेहरे को सौंपी है जो संगठन और जनप्रतिनिधित्व—दोनों में अनुभवी हैं। खंडेलवाल के चयन में साफ तौर पर संगठन ने बैलेंस का संदेश दिया है — क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व, सामाजिक समीकरण और जमीनी पकड़।

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