विमान हादसे में सब कुछ भस्म हुआ, लेकिन भगवत गीता के सही-सलामत मिलने से आस्था हुई मजबूत
निपानिया स्थित इस्कॉन मंदिर पर संतों और भक्तों ने की दिवंगतों के लिए मोक्ष की प्रार्थना –अहमदाबाद में भी सेवा कार्य जारी

विमान हादसे में सब कुछ भस्म हुआ, लेकिन भगवत गीता के सही-सलामत मिलने से आस्था हुई मजबूत
निपानिया स्थित इस्कॉन मंदिर पर संतों और भक्तों ने की दिवंगतों के लिए मोक्ष की प्रार्थना –अहमदाबाद में भी सेवा कार्य जारी
इंदौर । निपान्या स्थित इस्कॉन मंदिर पर सैकड़ों नागरिकों ने शनिवार को सुबह अहमदाबाद विमान त्रासदी में दिवंगत हुए देश-विदेश के लोगों के लिए मोक्ष की प्रार्थना की। मंदिर के पट बंद होने से इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद की प्रतिमा के समक्ष इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास प्रभु, रथयात्रा प्रभारी हरि अग्रवाल, किशोर गोयल, शैलेन्द्र मित्तल एवं इस्कॉन से जुड़े विशाल प्रभु, लक्ष्मणदास प्रभु, गिरधर गोपाल प्रभु, अच्युत गोपाल प्रभु, रणवीर प्रभु, अद्विधरण प्रभु ने विमान हादसे को अत्यंत पीड़ादायी और भयावह बताते हुए भगवान से प्रार्थना की कि किसी और के साथ इस तरह का दर्दनाक हादसा न हो।
सब कुछ जलकर भस्म, लेकिन श्रीमद भगवत गीता मिली सही-सलामत– इस मौके पर स्वामी महामनदास ने श्रील प्रभुपाद द्वारा रचित श्रीमद भगवत गीता की प्रति के सुरक्षित मिलने के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वयं भगवान की वाणी कभी नष्ट नहीं हो सकती, यह घटना इस बात का प्रमाण है कि सब कुछ भस्म हो जाने के बावजूद भगवत गीता की एक प्रति का सुरक्षित मिलना भारत भूमि के गौरवशाली और पुण्यशाली होने का अकाट्य और जीवंत प्रमाण है। इस तरह के प्रसंगों से ईश्वर के प्रति हमारी आस्था और सुदृढ़ बनती है। विधि के विधान को टालना तो मनुष्य के बस की बात नहीं है, लेकिन भगवान की वाणी से मुद्रित और प्रकाशित ग्रंथ का सही-सलामत मिल जाना किसी चमत्कार से कम नहीं हो सकता। पिछले दो दिनों से देश के सभी प्रमुख राष्ट्रीय टीवी चैनल्स पर इस घटना को प्रमुखता से दिखाया जा रहा है। यह ग्रंथ बीजे मेडिकल कालेज के मेस परिसर पर पड़े मलबे में सुरक्षित मिला है, जिसे देखकर हर कोई आश्चर्य व्यक्त कर रहा है। संभवतः विमान में सवार कोई यात्री इस ग्रंथ को साथ लेकर लंदन या कहीं और जा रहा था।
*इस्कॉन अहमदाबाद के सैकड़ों भक्त जुटे राहत कार्य में*- उन्होंने बताया कि अहमदाबाद इस्कॉन मंदिर के सैकड़ों साधक अहमदाबाद के बीजे मेडिकल होस्टल स्थित दुर्घटना स्थल पर पहुंचकर गुरुवार दोपहर से ही सेवाएं दे रहे हैं। अभी भी वहां राहत कार्य चल रहे हैं तथा इस्कॉन के भक्त आरएसएस और अन्य सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ विमान में सवार यात्रियों के क्षत-विक्षत तथा जले हुए अंग और लगेज आदि के संग्रहण में मदद कर रहे हैं। इस अवसर पर सभी संतों एवं भक्तों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगतों के लिए मोक्ष और उनके परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की।