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विदेश में मेडिकल पढ़ाई का सपना बना धोखा, 8 लाख की ठगी के बाद भारतीय छात्रा ने FIR कराई

इंदौर/उज्जैन; रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत लौटी इंदौर निवासी छात्रा के साथ उज्जैन के एजेंटों ने विदेश में दाखिला दिलाने के नाम पर 8 लाख रुपए की ठगी कर दी। छात्रा को एडमिशन का झांसा देकर कजाकिस्तान भेजा गया, लेकिन वहां न कोई कॉलेज था और न ही ठहरने की व्यवस्था। छह महीने की परेशानियों के बाद छात्रा भारतीय दूतावास की मदद से देश वापस लौटी और उज्जैन के महाकाल थाना में एफआईआर दर्ज कराई।

2018 में लिया था एडमिशन, युद्ध के कारण 2022 में लौटी भारत
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि इंदौर निवासी छात्रा कृति यादव ने 2018 में उज्जैन के आरिफ खान के जरिए जॉर्जिया के एक मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था। चार साल की पढ़ाई के बाद 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर उसे भारत लौटना पड़ा। बचे हुए एक वर्ष की पढ़ाई के लिए उसने फिर से आरिफ से संपर्क किया।

कजाकिस्तान भेजा, न कॉलेज मिला, न सहारा
आरिफ और उसके साथियों शाहरुख मंसूरी, गोमू और शाहीन मंसूरी ने ताशकंद मेडिकल एकेडमी की उर्गेज ब्रांच में एडमिशन का झांसा देकर छात्रा से 8 लाख रुपए वसूले। बिना रसीद के दस्तावेज लिए और फिर जान से मारने की धमकी देकर अतिरिक्त राशि भी ठग ली गई।

कजाकिस्तान पहुंचने पर छात्रा को पता चला कि उसका किसी कॉलेज में नामांकन नहीं हुआ है। आरोपियों ने उसके दस्तावेज जब्त कर लिए और उसे एक दूरस्थ इलाके में भेज दिया। छह महीने की मशक्कत के बाद छात्रा ने भारतीय दूतावास से संपर्क कर स्वदेश वापसी की।

देश लौटने के बाद जब छात्रा ने पैसे वापस मांगे तो उसे फिर धमकियां मिलीं। आखिरकार उसने उज्जैन के महाकाल थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरिफ खान, शाहरुख मंसूरी, गोमू और शाहीन मंसूरी को गिरफ्तार कर लिया है।

फर्जी संस्था के नाम पर चल रही थी ठगी
जांच में सामने आया कि आरोपी “S.M. Educate” नाम की फर्जी संस्था चला रहे थे और बिना वैध प्रक्रिया के छात्रों को विदेश भेजते थे। न तो वहां प्रवेश होता और न ही सुरक्षा की कोई गारंटी दी जाती थी

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