पीथमपुर जहरीला कचरा: सुप्रीम कोर्ट में आज होगा बड़ा फैसला – कचरा जलेगा या मिलेगा स्टे
पहले नंबर पर होगी सुनवाई, 11:30 बजे तक साफ हो जाएगी तस्वीर

धार-पीथमपुर।
भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े यूनियन कार्बाइड (यूका) के जहरीले कचरे के निपटान को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। यह मामला पहले नंबर पर सूचीबद्ध है, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार को कचरे को जलाने की अनुमति मिलेगी या इस पर रोक (स्टे) लगाया जाएगा। सुबह 11:30 बजे तक तस्वीर साफ होने की उम्मीद है। इधर, आंदोलनकारी भी अलर्ट है। संदीप रघुवंशी, डाक्टर हेमंत हीरोले और धीरेंद्र ठाकुर पल पल किया अपडेट दिल्ली से ले रहे है।
अब निगाहें दिल्ली पर:
यह मामला सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि पर्यावरण और जनस्वास्थ्य से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। इस कचरे के निपटान को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। प्रशासन इसे पीथमपुर के इन्सिनरेटर प्लांट में जलाने की योजना बना रहा है, लेकिन इसका विरोध लगातार हो रहा है।
क्या है विवाद?
1. पर्यावरणीय खतरा: विरोध करने वालों का कहना है कि इस कचरे को जलाने से टॉक्सिक गैसें निकलेंगी, जिससे आसपास के लोगों और पर्यावरण को भारी नुकसान होगा।
2. सुरक्षित निपटान की मांग: कई विशेषज्ञ और संगठनों का मानना है कि इसे जलाने के बजाय किसी सुरक्षित तरीके से निपटाया जाना चाहिए।
3. सरकार का पक्ष: सरकार का तर्क है कि यह लंबे समय से पड़ा हुआ कचरा है, जिसका जल्द से जल्द निपटान जरूरी है, ताकि इससे होने वाले खतरों को रोका जा सके।
क्या होगा आज?
अगर कोर्ट हरी झंडी देती है – तो प्रशासन कचरा जलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेगा और जल्द ही इसे नष्ट किया जाएगा।
अगर स्टे मिला – तो इस पर फिर से मंथन होगा और सरकार को दूसरी रणनीति अपनानी पड़ेगी।
शासन ने झूठे पत्र देकर हाईकोर्ट को किया गुमराह, शपथ पत्र पहुंचे सुप्रीम कोर्ट:
यूनियन कार्बाइड यानी यूका कचरे को पीथमपुर के रामकी संयंत्र में जलाने के लिए शासन और प्रशासन ने हाईकोर्ट में झूठे पत्र पेश किए और कचरा जलाने की ट्रायल की मंजूरी ले ली। यह आरोप पीथमपुर बचाओ समिति के संदीप रघुवंशी और डाक्टर हेमंत हीरोले ने लगाए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हस्ताक्षर के साथ पत्र हाइकोर्ट में पेश किए गए थे वह सभी झूठे पत्र थे, सभी ने 100-100 के स्टाम्प पेपर पर लिखित बयान दिया कि उनके नाम और हस्ताक्षर नहीं है और न ही उन्होंने किसी प्रकार की अनुमति कचरा जलाने को लेकर दी। सभी शपथ सुप्रीम कोर्ट में पेश हो चुके हैं। आज होने वाली सुनवाई में उक्त पत्र का उल्लेख होना तय है।
इन्हीं के पत्र पर हाईकोर्ट ने दिए ट्रायल रन आदेश
उल्लेखनीय है कि 18 फरवरी को जबलपुर हाईकोर्ट में शासन द्वारा 11 लोगों के पत्र व अन्य बातों का जिक्र किया था। इसके चलते हाईकोर्ट ने 27 फरवरी से 10 मीट्रिक टन, फिर 4 मार्च से दूसरा 10 मीट्रिक टन कचरा और फिर 10 मार्च से तीसरा 10 मीट्रिक टन कचरे का ट्रायल रन कर 27 मार्च को इसकी रिपोर्ट पुटअप के आदेश दिए थे। उधर सुप्रीम कोर्ट ने 25 फरवरी को इस पूरे मामले में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से भी नाराजगी जताई कि जब हम इसमें सुनवाई कर रहे थे फिर यह इसमें आगे नहीं बढ़ना चाहिए था। वहीं शासन, प्रशासन से सभी रिपोर्ट है और पूछा है है कि पीथमपुर में कचरा जलाना कितना सही है। आज सुबह सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा, इसमें शपथपत्र का मुद्दा भी आएगा
अब इन्होंने कहा कि यह पत्र गलत है:
अब सुप्रीम कोर्ट में 100-100 रूपए के स्टाम्प पर सुधाकर महाजन, सुरेश चौकसे, मनीष राठौर, राजेश सेन, प्रदीप चौकसे, मयंक चौकसे, उषा चौहान, कालू सिंह मौर्य और प्रिया गुप्ता के शपथपत्र पेश हुए हैं। इन सभी के 19 फरवरी की साइन है।
मामला ,को लेकर जब कलेक्टर से बात करनी चाहिए तो संपर्क नही ह्यो सका मामले ने अब तुल पकड़ लिया है। शासन और प्रशासन पर गंभीर सवाल उठना शुरू हो गए है। जब इस मामले जिम्मेदारो बात करना चाहिए तो फोन उठाना भी उचित नहीं समझा।