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MP NEWS – टीकमगढ़-निवाड़ी-श्योपुर में बारिश का रिकॉर्ड, इंदौर-उज्जैन में अब भी इंतजार

प्रदेश में अब तक 20.5 इंच औसत बारिश, कई जिलों में डैम ओवरफ्लो, लेकिन इंदौर-उज्जैन में हालात खराब।

मध्यप्रदेश में बारिश का असंतुलन जारी है। निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में कोटा पूरा हो गया, वहीं इंदौर-उज्जैन में सूखा जैसे हालात हैं। मौसम विभाग ने अगस्त में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।

मध्यप्रदेश में इस साल मानसून ने अलग-अलग रंग दिखाए हैं। निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर जैसे जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है, जबकि इंदौर और उज्जैन संभाग अब भी पानी के लिए तरस रहे हैं। प्रदेश में अब तक औसतन 20.5 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य का लगभग 60 प्रतिशत है। मानसून अभी भी जारी है और मौसम विभाग ने अगस्त में और तेज बारिश की संभावना जताई है।

पूर्वी हिस्से में एक्टिव सिस्टम, पश्चिम में सुस्ती

16 जून को प्रदेश में मानसून प्रवेश करने के बाद से पूर्वी हिस्से में ज्यादा एक्टिविटी रही। जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया सहित कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। वहीं, इंदौर और उज्जैन संभाग में मानसून सिस्टम कमजोर रहा। भोपाल संभाग में भी अपेक्षा से कम पानी गिरा।

टीकमगढ़ बना सबसे भीगा जिला

प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश टीकमगढ़ में दर्ज की गई है। यहां अब तक 37.88 इंच बारिश हो चुकी है, जो औसत 35.89 इंच से 5% ज्यादा है। निवाड़ी में 35.13 इंच और श्योपुर में 28.67 इंच पानी गिरा है। मंडला में 36.49 इंच पानी गिरने के बावजूद सामान्य बारिश का आंकड़ा 77% ही रहा, क्योंकि वहां का औसत 47 इंच से ज्यादा है।

ग्वालियर, शिवपुरी, छतरपुर में स्थिति बेहतर

ग्वालियर में 22.75 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य का 80% है। शिवपुरी में 93%, अशोकनगर में 82%, छतरपुर में 95% और मुरैना में 83% बारिश हो चुकी है।

इंदौर-उज्जैन समेत कई जिलों में बारिश कम

प्रदेश में शाजापुर में सबसे कम 6.9 इंच, इंदौर में 7.2 इंच, बुरहानपुर में 7.3 इंच, आगर-मालवा में 7.6 इंच, उज्जैन में 8.4 इंच, खरगोन में 8.7 इंच और खंडवा में 9 इंच बारिश हुई है।

डैमों में बढ़ा जलस्तर

कई बड़े डैम जैसे जौहिला, बरगी के गेट खुल चुके हैं। भोपाल का बड़ा तालाब, केरवा, कलियासोत डैम भी लबालब हैं। प्रदेश के कुल 54 बड़े डैमों में पर्याप्त पानी आ चुका है। पिछले साल जुलाई में ही डैम ओवरफ्लो हो गए थे, इस बार भी उसी दिशा में हालात हैं।


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