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उज्जैन: आज नगर भ्रमण पर दो स्वरूपों में निकलेंगे बाबा महाकाल, भव्य सवारी की तैयारियां पूरी

श्रावण मास की दूसरी सवारी में बाबा महाकाल दो स्वरूपों में नगर भ्रमण करेंगे, सीएम मोहन यादव भी रहेंगे मौजूद, सवारी में जनजातीय नृत्य दलों की भागीदारी।

उज्जैन में आज श्रावण मास की दूसरी सवारी में भगवान महाकाल दो स्वरूपों में नगर भ्रमण करेंगे। सवारी को भव्य स्वरूप देने आठ जनजातीय कलाकारों के दल शामिल होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी सवारी में भाग लेंगे।

मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली परंपरागत सवारी के क्रम में आज श्रावण मास की दूसरी सवारी धूमधाम से निकलेगी। इस दौरान भगवान महाकाल दो स्वरूपों में नगर भ्रमण कर भक्तों को दर्शन देंगे। चांदी की पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश स्वरूप में बाबा महाकाल उज्जैन की सड़कों पर अपनी प्रजा का हाल जानने निकलेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विशेष मंशा के अनुसार इस बार की सवारी को और अधिक भव्य स्वरूप देने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं उज्जैन कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने जानकारी दी कि सवारी का शुभारंभ शाम 4 बजे महाकालेश्वर मंदिर से होगा। सवारी निकलने से पूर्व भगवान चंद्रमौलेश्वर का मंदिर सभामंडप में विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल भगवान को सलामी देगा।

परंपरागत मार्ग और रामघाट पर विशेष पूजन

सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी से होते हुए रामघाट पहुंचेगी। यहां मां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का विशेष अभिषेक व पूजन होगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर लौटेगी।

सजीव प्रसारण और लाइव रथ

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रबंध समिति द्वारा सवारी का सजीव प्रसारण समिति के फेसबुक पेज पर किया जाएगा। चलित रथ में लगी एलईडी स्क्रीन से सवारी मार्ग पर खड़े श्रद्धालु लाइव दर्शन कर सकेंगे। हाईटेक चार बड़ी एलईडी उज्जैन के प्रमुख मार्गों पर भी लगाई गई हैं।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

इस सवारी में आठ जनजातीय व लोकनृत्य दल सहभागिता करेंगे। इनमें झाबुआ का भगोरिया नृत्य, नाशिक का सौगी मुखोटा, गुजरात का राठ, राजस्थान का गैर घूमरा, उड़ीसा का शंखध्वनि, छत्तीसगढ़ का लोकपंथी, हरियाणा का घुमर और मध्यप्रदेश का बरेदी नृत्य शामिल है। ये दल सवारी मार्ग में अपनी प्रस्तुति देंगे।

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