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धार; 16 जनवरी से शुभ घड़ियां होंगी शुरू, इस साल 80 दिन गूंजेंगी शहनाइयां

14 जनवरी को मकर संक्रांति, 16 जनवरी से शुरू होंगे मांगलिक कार्य इस महीने सिर्फ तीन चार दिन बजेगी शहनाई

धार; सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही 16 जनवरी से विवाह समारोहों का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार नए वर्ष 2025 में कुल 80 दिन विवाह के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे। इनमें सबसे अधिक 16 मुहूर्त मई माह में हैं जबकि दिसंबर में सबसे कम केवल 3 मुहूर्त हैं। वर्तमान में खरमास के चलते विवाह आयोजनों पर विराम है जो मकर संक्रांति के बाद खत्म होगा। खरमास एक महीने तक होने के कारण 15 दिसंबर से 16 जनवरी तक शुभ मुहूर्त पर रोक लगी हुई थी। इस वजह से समाज में शादी-विवाह जैसे कार्यक्रम नहीं हो रहे थे। परंतु अब 16 जनवरी से खरमास का समापन हो रहा है। इसी के साथ देवताओं का दिन प्रारंभ होने जा रहा है। इसके साथ मांगलिक कार्यक्रमों का रास्ता खुलने जा रहा है। पंचांगीय गणना के अनुसार 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व काल रहेगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही उत्तरायण की शुरुआत होगी। इसके साथ ही मलमास का समापन हो जाएगा और शुभ मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। 16 जनवरी से शुरू हो रहे शुभ मुहूर्त में विवाह, गृह प्रवेश मूर्ति प्रतिष्ठा आदि का सर्वश्रेष्ठ समय रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं शास्त्री ने बताया सूर्य का धनु राशि को छोड़कर के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति कहलाता है। मकर में सूर्य के प्रवेश करते ही सूर्य का उत्तरायण माना जाता है। सूर्य के उत्तरायण से ही मांगलिक कार्य की पुनः शुरुआत हो जाती है। उत्तरायण के छह माह अलंग-अलग प्रकार के धार्मिक कार्यों के लिए भी विशेष माने जाते हैं। दान, धर्म, भगवत पारायण तथा बच्चों का मुंडन, नामकरण, जनेऊ संस्कार संपन्न कराए जाते हैं

14 मार्च से मल मास:
14 मार्च से 14 अप्रैल तक सूर्य की मीन संक्रांति रहेगी। अर्थात सूर्य मीन राशि में गोचर करेंगे। मीन राशि में सूर्य का गोचर मीन मास अर्थात मलमास की श्रेणी में आता है। इस एक माह में शुभ मांगलिक कार्यों पर विराम रहता है।. इसलिए 14 मार्च से एक माह तक विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे। वर्ष 2025 में दो बार खरमास रहेगा। पहली बार 14 जनवरी तक और दूसरी बार 14 मार्च से 14 अप्रेल तक। इसके अलावा जुलाई से अक्टूबर तक चातुर्मास के कारण विवाह मुहूर्त नहीं होंगे।

क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य:
नए साल में विवाह आयोजनों के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक शास्त्री का कहना है कि हर जोड़ा अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार शुभ मुहूर्त चुन सकता है। विभिन्न पंचांगों के कारण भी अन्य विवाह मुहूर्त निकल सकते हैं, कुछ सुविधाओं के अनुसार निकल सकते हैं। क्षेत्र,काल,परिस्थितियों के अनुसार भी निकल सकते हैं। बाजार और विवाह आयोजकों को भी इस साल से बड़ी उम्मीदें हैं।

15 जनवरी बाद शुरू होंगी शादियां:
जनवरी में 10 दिनों तक विवाह की धूम रहेगी। विवाह के शुभ मुहूर्त 16 जनवरी से शुरू होकर 27 जनवरी तक रहेंगे। शादियों की तैयारियां अभी से जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। बाजारों में रौनक लौटने लगी है और वेडिंग इंडस्ट्री भी सक्रिय हो गई है। मई में सबसे अधिक और दिसंबर में सबसे कम मुहूर्त ज्योतिषियों के अनुसार नए साल में सबसे अधिक विवाह मुहूर्त मई महीने में हैं, जिसमें 16 दिन विवाह के लिए उपयुक्त हैं। इसके विपरीत दिसंबर में केवल 3 दिन ही शुभ मुहूर्त होंगे। खरमास और चातुर्मास के कारण करीब 6 महीने विवाह आयोजनों पर विराम रहेगा।

विवाह के शुभ मुहूर्त की तारीख
जनवरी-16, 47, 21, 22
फरवरी-7, 13, 18, 20,21,25
मार्च 5,6

मुंडन संस्कार

  • जनवरी- 15, 22, 25, 31
  • फरवरी – 4, 10, 19, 22
  • अप्रैल-14, 24
  • मई-1,3.

विवाह, ग्रह प्रवेश, मूर्ति प्रतिष्ठा के लिए सर्वश्रेष्ठ समय

यज्ञोपवीत (उपनयन)
संस्कार का मुहूर्त

  • जनवरी – 15, 16
  • फरवरी- 7, 14
  • अप्रैल- 2, 7, 9, 14, 18,30
  • मई-1, 7, 8, 28, 29
  • जून-8

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