पचमढ़ी पाठशाला पर गरमाई सियासत, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बोले – “भाजपा को सत्ता का घमंड है, जनता तोड़ेगी ये गुरूर”
नेता प्रतिपक्ष का दावा – एक महीने में दिखेगी नई कांग्रेस, बदलाव तय

भोपाल। मध्यप्रदेश के पचमढ़ी में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के प्रशिक्षण शिविर को लेकर प्रदेश की राजनीति में घमासान मच गया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस शिविर को भाजपा की सत्ता के घमंड का प्रतीक बताते हुए तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आम जनता भाजपा के अहंकार को तोड़ेगी और आने वाले समय में उन्हें सही “सद्बुद्धि शिविर” की जरूरत होगी।
सिंघार का भाजपा पर तीखा हमला
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “भाजपा को सत्ता का ऐसा नशा चढ़ गया है कि वह जमीनी सच्चाई से पूरी तरह कट चुकी है। इस शिविर में उन्हें अपनी असफलताओं की समीक्षा करनी चाहिए थी, लेकिन यह सत्ता के अहंकार को और गहरा करने की कवायद है। जनता अब बदलाव के मूड में है और यह परिवर्तन भाजपा के गुरूर को चूर करेगा।”
संघ को भी घेरा, उठाए गंभीर सवाल
सिंघार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी निशाना साधते हुए कहा, “आरएसएस ने आज़ादी के 50 साल बाद तिरंगा फहराया। भाजपा और संघ में एसटी-एससी समाज को प्रतिनिधित्व क्यों नहीं मिलता? क्या संघ कभी बढ़ती महंगाई, युवाओं की बेरोजगारी, MSME सेक्टर के खत्म होते कारोबार और किसानों की समस्याओं पर सवाल करेगा?”
उन्होंने आरोप लगाया कि संघ धर्म के नाम पर समाज को बांटने का काम करता है और उसे देश की जमीनी समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
कांग्रेस विधायक के बयान पर दी सफाई
कांग्रेस विधायक भेरूसिंह के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंघार ने कहा, “उनकी बातों का गलत अर्थ न निकाला जाए। वे पार्टी के मजबूत सिपाही हैं। बयान को संदर्भ से काटकर पेश करना गलत है।”
संगठन सृजन पर बोले – एक महीने में दिखेगी नई कांग्रेस
सिंघार ने कांग्रेस के संगठन सृजन कार्यक्रम को सफल बताते हुए कहा कि आम कार्यकर्ता खुलकर अपनी बात रख रहा है। “यह राहुल गांधी के उस विजन का हिस्सा है जिसमें पार्टी को नीचे से ऊपर तक मजबूत करना है। एक महीने के भीतर प्रदेश में एक नई कांग्रेस दिखेगी – सक्रिय, संगठित और जन-सरोकारों से जुड़ी हुई।”
जातिगत जनगणना पर सरकार से मांगा जवाब
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “जनगणना को लेकर नोटिफिकेशन जारी हुआ है लेकिन केंद्र सरकार अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है। क्या सरकार लोकसभा चुनाव से पहले जनगणना, परिसीमन और महिला आरक्षण लागू करेगी? अगर नहीं, तो यह राहुल गांधी की लड़ाई की जीत है, जिसने इन मुद्दों को राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बनाया।