पचमढ़ी में भाजपा का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न, सिंधिया समेत 15 विधायक रहे अनुपस्थित

भोपाल। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी में आयोजित भारतीय जनता पार्टी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सोमवार, 17 जून 2025 को संपन्न हो गया। यह शिविर 14 से 16 जून तक चला और इसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उद्घाटन भाषण देकर कार्यक्रम की शुरुआत की। हालांकि, इस महत्वपूर्ण आयोजन से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और 15 विधायक अनुपस्थित रहे, जिसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में बनी हुई है।
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दी जानकारी
शिविर के समापन पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिविर की रूपरेखा और उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी के 201 जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था, जिनमें से ज्यादातर उपस्थित रहे। हालांकि, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और 15 विधायक निजी कारणों से शामिल नहीं हो सके।
अमित शाह का संबोधन और भाजपा की विचारधारा पर फोकस
वीडी शर्मा के अनुसार, गृहमंत्री अमित शाह ने जनसंघ से लेकर भाजपा तक के सफर पर प्रकाश डालते हुए पार्टी की वैचारिक नींव और मिशन के बारे में विस्तार से बताया। उनके संबोधन को ऐतिहासिक बताते हुए शर्मा ने कहा कि यह पार्टी कार्यकर्ताओं को दिशा देने वाला था।
अन्य प्रमुख सत्र और वक्ता
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भूपेंद्र सिंह ने टाइम मैनेजमेंट पर विशेष सत्र लिया।
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शिव प्रकाश ने संघ और संगठन के समन्वय पर चर्चा की।
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सीआर पाटिल ने गुजरात के ISO प्रमाणित कार्यालय प्रबंधन का प्रजेंटेशन दिया।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित मध्यप्रदेश 2047 की कार्ययोजना प्रस्तुत की।
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अजय जामवाल और महेंद्र सिंह ने पार्टी संरचना और रणनीति पर अपने विचार रखे।
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राजनाथ सिंह ने सत्ता में रहते हुए कार्यकर्ता भाव को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
विधायकों के लिए समूह चर्चा सत्र
शिविर में विधायकों को उनके अनुभव के अनुसार अलग-अलग समूहों में बांटकर संवाद किया गया। पहली और दूसरी बार के विधायकों के लिए अलग समूह बनाए गए, जबकि तीन बार से अधिक बार चुने गए विधायकों को अन्य समूह में चर्चा के लिए रखा गया। यह पहल भाजपा के भीतर अनुभव आधारित संवाद को बढ़ावा देने के रूप में देखी गई।
सांस्कृतिक और अनुशासित माहौल में हुआ प्रशिक्षण
वीडी शर्मा ने यह भी बताया कि यह शिविर पॉल्यूशन फ्री रखने की कोशिश की गई। सुबह योग और प्राणायाम सत्र के साथ दिन की शुरुआत होती थी। प्रशिक्षकों ने न केवल विधायकों बल्कि आयोजन की व्यवस्था संभालने वाले कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षण दिया।