उज्जैन-बदनावर फोरलेन नेशनल हाईवे तैयार, 10 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी दे सकते हैं बड़ी सौगात
करीब 1352 करोड़ रुपए से 69.1 किलोमीटर लंबे बडऩगर-बदनावर हाईवे बना है।

आआशीष यादव धार
भारतमाला परियोजना में बडऩगर-बदनावर नेशनल हाइवे (NH-752D) बनकर तैयार है। इस फोरलेन ने उज्जैन से बदनावर के सफर की रफ्तार दोगुना से ज्यादा बढ़ा दी है। पहले उज्जैन से बडऩगर होते हुए बदनावर पहुंचने में करीब ढाई घंटे लगते थे, अब यही दूरी लगभग 50 से 60 मिनट में पूरी हो जाएगी। उज्जैन बदनावर फोर लाइन भारतमाला परियोजना के तहत बडऩगर-बदनावर नेशनल हाइवे (NH-752D) बनकर तैयार, 10 अप्रैल को बदनावर में आ सकते हैं सडक़ परिवहन और राजमार्ग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री सीएम मोहन यादव की स्थिति में लोकार्पण करेगे साथ ही बदनावर मे बड़ी सौगात देगे।
सिंहस्थ में बहुत उपयोगी साबित होगी:
सिंहस्थ 2028 में इस फोरलेन का बड़ा फायदा मिलेगा। इससे दक्षिणी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पूर्वी मप्र से गुजरात की तरह जाने वाला यातायात और सुगम हो जाएगा। यहां से आने वाले इस मार्ग से होते हुए उज्जैन पहुंचेंगे। अभी कई वाहन इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरात जाते हैं। इस फोरलेन के निर्माण के बाद करीब 50 किमी की दूरी कम तय कर उज्जैन से बदनावर होते हुए वाया पेटलावद और थांदला होकर जाएंगे। लेबड़ नयागांव फोरलेन बदनावर से होकर गुजर रहा है जो इस मार्ग को क्रॉस कर रहा है। ऐसे में बदनावर सिंहस्थ के दौरान धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण केंद्र बिुंद हो सकता है।
जानिए क्या है इस एनएच की खासियत:
–मई 2022 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने जीआर इंफ्रांप्रोजेक्ट्स लिमिटेड को निर्माण का जिम्मा दिया था।
–परियोजना में दो रेलवे ओवरब्रिज, चार बड़े पुल, सात छोटे पुल, एक इंटरचेंज, दो फ्लाईओवर, 31 अंडरपास, 140 कलवर्ट, 42 बस शेल्टर/बस बे और चार वे-साइड सुविधाएं शामिल हैं।
–गंभीर, चंबल, चामला नदी पर बड़े ब्रिज बनाए हैं ताकि बारिश में बाढ़ आने पर यातायात प्रभावित न हो
–तीन गांवों के समीप बाइपास बनाए गए है।
–स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए 23 किलोमीटर की सर्विस रोड बनाई है।
–इस मार्ग से दिल्ली-मुबंई कॉरिडोर से जुडऩा आसान है।
–यातायात को सुगम बनाने के लिए 28 किलोमीटर के तीन बाईपास और पांच स्थानों पर 18 किलोमीटर के रियलाइन्मेंट का निर्माण किया है। सबसे लंबा बाइपास उज्जैन के समीप 13 किलोमीटर का है।
–बड़नगर में 9 किलोमीटर व बदनावर में 5.5 लंबा बायपास बदनावर में है। फोरलेन के किनारे वाटर हार्वेस्टिंग के लिए नए पिट बनाए हैं।
औद्योगिक विकास में भी होगा फायदा:
यह फोरलेन देवास से उज्जैन होकर बदनावर और वहां से थांदला, पिटोल से गुजरात और थांदला से राजस्थान के कुशलगढ़ तक के बीच की कड़ी के रूप में विकसित होगा। इसके जरिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे से कनेक्टिविटी भी संभव है। ऐसे में औद्योगिक दृष्टि से भी यह मार्ग खासा उपयोगी साबित होगा। बता दें बदनावर मिनी पीथमपुर के रूप में विकसित होने की संभावना है।
10 अप्रैल को बड़नगर-बदनावर फोर लेन को लोकार्पण कर सकते हैं नितिन गडकरी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व सडक़ परिवहन और राजमार्ग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा 10 अप्रेल को बदनावर में बडऩगर-बदनावर फोरलेन का लोकार्पण प्रस्तावित है। एनएएचएआई ने करीब 1352 करोड़ रुपए से 69.1 किलोमीटर लंबे बडऩगर-बदनावर हाईवे का निर्माण किया है। हाईब्रिड एन्युटी मॉडल पर आधारित सडक़ भारतीय सुरक्षा मानको के अनुरूप बनाई है। इस पर हल्के वाहन 100 व भारी वाहन 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। भविष्य में मार्ग पर यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए इसके हर लेन को 9 मीटर चौड़ा बनाया गया है।
एक टोल नाका बनाया, दर अभी तय नहीं:
बड़नगर-बदनावर हाई-वे को लेकर बड़नगर के खरसोदखुर्द में एक टोल नाका बनाया गया है। विभाग ने टोल टेक्स के लिए टेंडर जारी किया है। इसके बाद टोल टैक्स की दर तय होगी।
सिंहस्थ में बहुत उपयोगी साबित होगी:
सिंहस्थ में इस फोरलेन का बड़ा फायदा मिलेगा। इससे दक्षिणी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पूर्वी मप्र से गुजरात की तरह जाने वाला यातायात और सुगम हो जाएगा। यहां से आने वाले इस मार्ग से होते हुए उज्जैन पहुंचेंगे। अभी कई वाहन इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरात जाते हैं। इस फोरलेन के निर्माण के बाद करीब 50 किमी की दूरी कम तय कर उज्जैन से बदनावर होते हुए वाया पेटलावद और थांदला होकर जाएंगे। लेबड़ नयागांव फोरलेन बदनावर से होकर गुजर रहा है जो इस मार्ग को क्रॉस कर रहा है। ऐसे में बदनावर सिंहस्थ के दौरान धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण केंद्र बिुंद हो सकता है।
पूरी हो चुकी है परियोजना:
परियोजना पूर्ण हो चुकी है। वह रोड पर आवागमन भी शुरू कर दिया है वही टोल टैक्स के लिए विभाग द्वारा टेंडर जारी किया गया है।
-एमएल पूरबिया, परियोजना संचालक, नेशनल हाइवे