सेंधवा। पीएम उषा योजना की जानकारी देकर मोटे अनाज का महत्व बताया

सेंधवा। वीर बलिदानी खाज्या नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में शुक्रवार को पीएम उषा योजना अंतर्गत सॉफ्ट कंपोनेंट के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय मोटे अनाज और उसके प्रसंस्करण पर रखा गया था। कार्यशाला के प्रारम्भ में पीएम उषा योजना प्रभारी डॉ दिनेश कनाडे द्वारा कार्यशाला एवम योजना के संबंध में जानकारी दी। कार्यशाला की रूपरेखा बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादित होने वाले मोटे अनाज का वैज्ञानिक तरिके से खेती व उसका प्रसंस्करण कर स्वरोजगार से जोड़ा जा सकता है। इस कार्यशाला में वक्ता के रूप में इन्दौर के प्रख्यात काउंसलर डॉ दीपक राय ने विद्यार्थियों से कहा कि विद्यार्थी के जीवन में प्रेक्षण का बहुत महत्व है। हमें सदैव अपने आसपास के वातावरण में घटनाओं और तथ्यों को प्रेक्षण और परीक्षण कर जानकारी एकत्रित करना चाहिए। यही हमारे उज्जवल भविष्य की नींव बनाते हैं। बड़वानी के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ एस डी बड़ोदिया ने मोटे अनाज की विशेषताओं, उसके प्रकार, मोटे अनाज की खेती किस प्रकार की जाती है, मोटे अनाज की खेती से किसान और पर्यावरण को होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने यह भी बताया कि मोटे अनाज की खेती कम खर्चीली व पहाड़ी जमीन पर भी करने के लिए उपयुक्त है। डॉ बड़ोदिया ने कहा कि पाचन तंत्र और पोषण के दृष्टिकोण से भी मोटे अनाज बहुत महत्वपूर्ण है । वर्त्तमान स्वास्थ्य समस्याओं के देखते हुए समय आ गया है कि अब मोटे अनाज को भोजन में अनिवार्यतः शामील करना है। मोटे अनाज की खेती तुलनात्मक रूप से आसान और वर्तमान में किसान के लिए भी लाभदायक है। कृषि वैज्ञानिक डॉ कुमरावत ने मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने हेतु कार्बनिक अपघटन विधियों के बारे में बताया। कार्यक्रम में प्रभारी प्राचार्य डॉ एम एल अवाया, डॉ संतोषी अलावा, उद्यमिता विकास केंद्र के जिला समन्वयक श्री अरविंद चौहान, प्रो बीएस जमरे, डॉ आरती कमेडिया, प्रो दीपक मरमट सहित विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ महेश बाविस्कर ने किया।