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चांद दिखा, आज से शुरू हुआ रमजान का पवित्र महीना, पहला रोजा शुक्रवार से

धरमपुरी से शाहीद पठान की रिपोर्ट
रमजान का पवित्र महीना शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इस्लाम में रमजान का महीना काफी महत्वपूर्ण है। इस पवित्र महीने की रौनक गुरुवार को मुस्लिम क्षेत्रों में देखने को मिली। घर और मस्जिदों में खास तैयारियां की जा रही है। मुस्लिम घरों में रमजान की तैयारियां शुरू हो गई हैं। सहरी और इफ्तार के सामानों की दुकानें बाजार में सज गई हैं। रमजान से एक दिन पहले लोगों ने अपनी सामर्थ के मुताबिक रोजे के सामान की खरीद बाजारों में की। मस्जिदों में नमाजियों की संख्या में भी इजाफा नजर आया। लोग बड़ी संख्या में मस्जिदों में पहुंच रहे हैं। बच्चे बूढ़े और जवान हर शख्स मस्जिद में पहुंच कर अपने रब की इबादत में जुटे है। इस्लाम धर्म के लोगों का मानना है कि रोजा खुदा की सबसे खास इबादत है। इस्लाम में 12 वर्ष से अधिक की उम्र पर स्वस्थ व्यक्ति रोजा रख सकता है। गुरुवार को रमजान का चांद दिखाई देने के बाद मस्जिदों में तैयारी शुरू हो गईं

तीन हिस्सों में होते हैं 30 रोजे
इस्लाम के जानकारों के मुताबिक रमजान के 30 रोजों को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहले 10 रोजे रहमत के होते हैं। दूसरे 10 रोजे गुनाहों से माफी के होते हैं। तीसरे 10 रोजे नर्क की आग से बचाने के लिए होते हैं।

14 घंटे का होगा रोजा
इस बार रोजा 14 घंटे का होगा। रोजे की शुरूआत सुबह 5रू08 बजे से हो जाएगी, शाम 6रू42 मिनट पर पहला रोजा खोला जाएगा। इसके बाद हर दो दिन बाद रोजा खोलने का समय दो मिनट बढ़ता जाएगा। अंतिम रोजा सुबह 4रू38 बजे शुरू होगा और शाम 6रू53 बजे खोला जाएगा।

खजूर से खोला जाता है रोजा
रोजों में खजूर का खास महत्व है। रोजा खोलने के लिए खजूर का ही प्रयोग किया जाना चाहिए। यदि खजूर ना हो तो नमक से भी रोजा खोला जा सकता है। इमाम अफरोज रजा ने बताया कि खजूर से रोजा खोला जाना जरूरी है।
आज से रोजों की शुरूआत हो रही है। पहला हिस्सा रहमत का, दूसरा गुनाहों से माफी का और तीसरा हमें नर्क की आग से बचाने वाला है। भूखे प्यासे रहने का मतलब रोजा नहीं होता है। रोजे की हालत में हमे उस सभी स्थितियों से बचना है जो दूसरे को कष्ट पहुंचाती हों। यह स्थिति रोजे के बाद भी जारी रखनी चाहिए। इस बार 14 घंटे का रोजा होगा।

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