भव्य गुलाबी पधरावणी यात्रा में छाये रहे ‘रामस्नेही’
जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज के सानिध्य में छत्रीबाग रामद्वारा पर चातुर्मास का भव्य शुभारंभ
इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट :–
इंदौर, । अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य, जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज के सानिध्य में छत्रीबाग रामद्वारा पर होने वाले चातुर्मास का शुभारंभ आज सुबह गोराकुंड रामद्वारा से निकली भव्य पधरावणी यात्रा के साथ हुआ। गुलाबी परिधान में सजे-संवरे पांच हजार से अधिक भक्तों ने पूरे जोश एवं उत्साह के साथ इस यात्रा में अपनी भागीदारी दर्ज कराई। आचार्य स्वामी रामदयाल महाराज गोराकुंड से खजूरी बाजार, गोपाल मंदिर, पीपली बाजार, बर्तन बाजार, सांठा बाजार , नरसिंह बाजार और छत्रीबाग रामद्वारा तक पूरे समय पैदल चले और शहर के भक्तों को शुभाशीष प्रदान किए। रामस्नेही संप्रदाय के इतिहास में यह अब तक कि सबसे बड़ी, दिव्य और अनुशासित पधरावणी यात्रा मानी जा रही है।
गोराकुंड रामद्वारा पर गुलाबी साफा, कुर्ता, धोती या पाजामा और जैकेट पहने पुरुष और गुलाबी परिधान में महिलाओं का आगमन शुरू हो गया था। जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज गोराकुंड रामद्वारा के अतिथि कक्ष से जैसे ही अपने भक्तों के बीच पहुंचे, वहां मौजूद मंगल कलशधारी महिलाओं ने जयघोष के बीच उनकी अगवानी की। सैकड़ों मोबाइल कैमरे उनकी एक झलक को कैद करने के लिए चमक उठे। श्रद्धालुओं ने उनके आगे-आगे कारपेट (पगमंडे), बिछाए और बैंडबाजों पर भजनों की मनोहारी धुनों के बीच अलग-अलग समूहों में महिला पुरुषों का नृत्य शुरू हो गया। यह सिलसिला छत्रीबाग रामद्वारा तक निरंतर चलता रहा। खजूरी बाजार में महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मालिनी गौड़, राजबाड़ा पर विधायक आकाश विजयवर्गीय एवं छत्रीबाग रामद्वारा में वैष्णव विद्यापीठ के कुलाधिपति पुरुषोत्तम पसारी ने जगदगुरू का अभिनंदन कर उनके शुभाशीष प्राप्त किए।
500 महिलाएं गन्ना हाथो में लिए इस पधरावणी यात्रा में शामिल थे। कुछ महिलाएं राधा कृष्ण तो कुछ राम-सीता के श्रृंगार में भी सजे-धजकर आई थीं। मार्ग में जगह-जगह नाचते-गाते हुए उन्होंने अपनी खुशियां व्यक्त की। चातुर्मास समिति के रामसहाय विजयवर्गीय, मुकेश कचोलिया एवं आशीष सोनी ने बताया कि मार्ग में गोराकुंड से ही स्वागत मंचों से पुष्प वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया था, जो अंत तक चलता रहा।
चारों ओर गुलाबी रंग छाया रहा – समूचे यात्रा मार्ग को गुलाबी पताकाओं से आच्छादित कर जगह-जगह राम-राम लिखे हुए गुलाबी बैनर्स भी सजाए गए थे। जिन बाजारों की रविवार को छुट्टी थी, उन्होंने भी दुकानें खुली रखकर आचार्यश्री का उत्साहपूर्ण स्वागत किया। दो वाहनों पर भजन गायकों की मंडलियां भी भक्तिभाव बरसाते हुए चल रही थी। रामस्नेही संप्रदाय के देशभर से आए करीब 30 संत और राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात एवं राज्य के विभिन्न शहरों, कस्बों से आए श्रद्धालु भी गुलाबी परिधान में पूरे समय साथ चले।
छत्रीबाग रामद्वारा पर आतिशबाजी और अगवानी – छत्रीबाग रामद्वारा पहुंचने पर वहां पहले से मौजूद हजारों भक्तों के साथ न्यासी मंडल की ओर से देवेन्द्र मुछाल, लक्ष्मीकुमार मुछाल, रामसहाय विजयवर्गीय, मुकेश कचोलिया आदि ने आद्याचार्य रामचरण महाराज के जयघोष एवं आतिशबाजी तथा सुगंधित धुएं की वर्षा के बीच उनकी अगवानी की।
आशीर्वचन – जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज ने अपने पहले आशीर्वचन में छत्रीबाग रामद्वारा पर कहा कि संत, व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र को समर्पित रहते हैं। उनका जीवन स्वयं के लिए नहीं, दूसरे के लिए होता है। संत समाज को व्यसन, फैशन, अनाचार, अत्याचार, भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने के लिए काम करते हैं। संत ईश्वर के ऐश्वर्य को प्रकट करते हैं। संत अपनी साधना के बल पर समाज के बीच उपदेश, आदेश और संदेश देने का प्रयास कर नैतिक मूल्यों की स्थापना करते हैं। सबको खुश रखना ईश्वर के लिए भी नामुमकिन है पर सबके साथ खुश रहना हमारे हाथ में ही होता है। चातुर्मास में हम सब यहां इस पावन भूमि पर राम नाम का आश्रय लेकर अपने जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने रथयात्रा में शामिल और सहयोगी सभी बंधुओं के प्रति मंगल भाव व्यक्त किए।