एक जन्म कोख से, दूसरा जन्म योग से

बड़वानी जब शिशु मां की कोख में होता है।उसकी देखभाल मां करती है। शिशु के जन्म के पश्चात उसकी शिक्षा दीक्षा, खानपान,का ध्यान रखती है ताकि वह रोगी ना बन सके। उक्त विचार योग गुरु कृष्णकांत सोनी ने शासकीय अनु जाति व नवबौद्ध मुलाची निवासरत विद्यालय मोहिदे तहसील शहादा जि नंदुरबार के विधार्थियों के समक्ष कहे निशुल्क योग शिविर में योग गुरु ने आगे बताया कि जैसे ही वह जवान होता है उसका सम्पर्क बाहरी दुनिया से होता है। वह अज्ञानता के कारण वह तनाव, रोग, कर्ज, फर्ज में उलझ कर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेता है। लेकिन वह माता पिता के मार्गदर्शन में एवं योग प्राणायाम का अभ्यास करें तो किसी प्रकार की जटिल समस्या एवं कठिन रोगों से बचकर नया जन्म पा सकता है। इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है कि एक जन्म कोख से दूसरा जन्म योग से। योग से मनोबल और उत्साह बना रहता है। योग गुरु ने योग के विभिन्न गुर निशुल्क सिखाएं। इस अवसर पर मुख्याध्यापक एस के केदारे,सहा शिक्षक बी आर माली, एस बी ढगे आदि उपस्थित थे।
फोटो छात्र आसनों का प्रदर्शन करते हुए।