इंदौर की ऐतिहासिक डिजिटल पहल – सुदामा नगर से ‘डिजिटल प्लेट प्रोजेक्ट’ की शुरुआत
देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब डिजिटल सिटी की दिशा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है

इंदौर की ऐतिहासिक डिजिटल पहल – सुदामा नगर से ‘डिजिटल प्लेट प्रोजेक्ट’ की शुरुआत
महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं आयुक्त शिवम वर्मा ने किया शुभारंभ, नागरिकों से की सक्रिय सहभागिता की अपील
इंदौर।देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब डिजिटल सिटी की दिशा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में आज वार्ड 82 स्थित सुदामा नगर से “डिजिटल प्लेट प्रोजेक्ट” की ऐतिहासिक शुरुआत की गई। इस नवाचार का शुभारंभ महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा द्वारा किया गया।
जलकार्य प्रभारी अभिषेक शर्मा’, गरीबी उपशमन प्रभारी मनीष शर्मा, स्वास्थ्य प्रभारी अश्विनी शुक्ल, पार्षद दल के सचेतक कमल वाघेला, स्थानीय पार्षद शानू शर्मा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा, नगर निगम अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक उपस्थित रहे।
हर घर को मिलेगा यूनिक डिजिटल पता इस प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक घर के बाहर एक डिजिटल प्लेट लगाई जाएगी, जिसमें GPS आधारित यूनिक डिजिटल पता (Digital Address Code – DAC), स्वच्छता रेटिंग, नागरिक सेवाओं से संबंधित जानकारी एवं QR कोड शामिल होगा। इस कोड को स्कैन कर संपत्ति से जुड़ी सभी जानकारियाँ मोबाइल पर प्राप्त की जा सकेंगी।
नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने बताया *“यह एक ऐतिहासिक पहल है जो नगर सेवाओं को पारदर्शी, सुलभ और तकनीक-सक्षम बनाएगी। नागरिकों की सहभागिता इस योजना की सफलता की कुंजी है।”*
“सुदामा नगर मेरे लिए काशी के समान” – महापौर भार्गव
अपने संबोधन में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, *सुदामा नगर डिजिटल इंदौर का पहला मॉडल बन रहा है। जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा को दो पोटलियाँ दी थीं, वैसे ही यहां भी डिजिटल प्लेट, सड़कें और अब ड्रेनेज कार्यों की सौगात दी जा रही है। मेरे लिए यह क्षेत्र काशी के समान पवित्र है।”
महापौर ने यह भी बताया कि आने वाले समय में नर्मदा माता, स्वामी विवेकानंद और अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाओं की स्थापना का संकल्प भी वर्ष के अंत तक पूरा किया जाएगा।
डिजिटल पता इंदौर: एक स्मार्ट पहल डिजिटल पता इंदौर” प्रोजेक्ट, इंदौर नगर निगम द्वारा नागरिक सेवाओं को तकनीक से जोड़ने और स्मार्ट गवर्नेंस को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत:
प्रमुख विशेषताए
1. यूनिक डिजिटल एड्रेस कोड (DAC):
प्रत्येक संपत्ति को मिलेगा एक विशिष्ट डिजिटल कोड
2. QR कोड युक्त डिजिटल प्लेट:
QR कोड स्कैन करने पर प्राप्त होंगी सभी जानकारियाँ – नाम, टैक्स, स्वच्छता आदि
3. स्मार्ट कनेक्टिविटी:
पानी, सफाई, कर, शिकायत जैसे सभी नागरिक सेवा एक प्लेटफॉर्म पर एकीकृत
4. डिजिटल गवर्नेंस का आधार:
सरकारी सेवाएं सटीक लोकेशन पर सुलभ
*नागरिकों को मिलेंगे ये लाभ*
सभी सेवाएं एक स्कैन पर-, टैक्स, शिकायतें, सफाई मॉनिटरिंग में पारदर्शिता- ई-कॉमर्स, डाक, सरकारी योजनाओं में सटीक डिलीवरी-, संपत्ति स्वामित्व में प्रमाणिकता ,आपदा या मेडिकल इमरजेंसी में लोकेशन ट्रेसिंग आसान
क्यों जरूरी है यह पहल इंदौर जैसे तेजी से बढ़ते शहर में पते की अस्पष्टता कई बार सेवाओं की बाधा बनती है। “One Home – One Digital ID” की सोच से इंदौर देश का पहला शहर बन रहा है जो नागरिक सुविधा, पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी को मिलाकर एक डिजिटल गवर्नेंस मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।
*इंदौर का भविष्य: क्लीन, ग्रीन, सोलर और अब डिजिटल*
महापौर भार्गव ने कहा,*“हमने इंदौर को स्वच्छ, हरित और सोलर युक्त शहर बनाने की दिशा में कई कार्य किए हैं। अब डिजिटल प्लेट के साथ हम डिजिटल इंदौर की नींव भी रख रहे हैं। यह प्रयास इंदौर को वैश्विक स्मार्ट शहरों की सूची में स्थापित करने में मदद करेगा।”