डॉ. प्रवीण अग्रवाल की 34 वर्षों की सेवा को समर्पित जनजागरूकता कार्यक्रम
डॉ. प्रवीण अग्रवाल की 34 वर्षों की सेवा को समर्पित जनजागरूकता कार्यक्रम

डॉ. प्रवीण अग्रवाल की 34 वर्षों की सेवा को समर्पित जनजागरूकता कार्यक्रम मरीजों ने साझा किए अपने अनुभव
इंदौर । कहा जाता है कि एक अच्छा डॉक्टर न केवल जीवन बचाता है, बल्कि एक स्वस्थ समाज का निर्माण भी करता है। यह बात केयर सीएचएल हॉस्पिटल में आयोजित उस कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से झलकती है, जिसमें वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. प्रवीण अग्रवाल की 34 वर्षों की निःस्वार्थ चिकित्सा सेवा को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर न केवल उनके योगदान का सम्मान किया गया, बल्कि हड्डी और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं पर एक विशेष जनजागरूकता सत्र का भी आयोजन हुआ।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. अग्रवाल द्वारा उपचारित कुछ मरीजों ने मंच पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे ऑपरेशन के एक दिन बाद ही वे पैरों पर खड़े हो गए, 3 से 4 दिन में सीढ़ियाँ चढ़-उतर सके और महज 4-5 हफ्तों में 5 किलोमीटर तक चलने में सक्षम हो गए। कुछ ही महीनों में वे अपनी सामान्य जीवनशैली में लौट आए। इस अवसर पर केयर हॉस्पिटल द्वारा डॉ. अग्रवाल को शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि मंच पर तीन पीढ़ियों के रोगियों ने अपनी भावनाएं साझा कीं। एक 20 वर्षीय युवक जिसके ट्रेन हादसे में दोनों पैर चले गए लेकिन डॉ अग्रवाल ने उनका उपचार किया, वहीं एक 90 साल के बुजुर्ग जिनकी हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई, वे कार्यक्रम में उपस्थित हुए और डॉक्टर अग्रवाल एवं केयर सीएचएल की सेवाओं की सराहना की।
डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याएं अब केवल उम्रदराज़ लोगों तक सीमित नहीं रहीं। बदलती जीवनशैली, शारीरिक निष्क्रियता और अनुचित खानपान के कारण यह समस्याएं युवाओं और बच्चों में भी तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया, “पहले इंदौर में पूरे साल में मुश्किल से 4 घुटना प्रत्यारोपण होते थे, लेकिन आज रोज़ाना लगभग 100 घुटना प्रत्यारोपण किए जा रहे हैं। इसके पीछे शारीरिक गतिविधियों की कमी और बढ़ता मोटापा प्रमुख कारण हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि हर समस्या का हल सर्जरी नहीं होता। जीवनशैली में बदलाव, नियमित व्यायाम और पोषण संतुलन से भी कई समस्याएं ठीक हो सकती हैं। घुटनों की सेहत के लिए अत्यधिक व्यायाम की नहीं, बल्कि नियमित और सुरक्षित गतिविधियों की आवश्यकता होती है। “मोशन ही मेडिसिन है,” उन्होंने कहा। वॉकिंग, साइक्लिंग, तैराकी और हल्का प्रतिरोधक व्यायाम कार्टिलेज को पोषण देते हैं। वहीं लंबे समय तक बैठना, गलत खानपान और दवा पर निर्भरता घुटनों को नुकसान पहुँचाते हैं।
मांसपेशियों की क्षति के प्रमुख कारणों में उन्होंने निष्क्रिय जीवनशैली, दीर्घकालिक बीमारियाँ, उम्र बढ़ना, नशा, पोषण की कमी, स्टेरॉइड का दुरुपयोग और विटामिन-डी एवं बी-कॉम्प्लेक्स की कमी को गिनाया। उन्होंने शाकाहारी लोगों के लिए दालें, सोया उत्पाद, नट्स, बीज, ब्राउन राइस, ओट्स और डेयरी उत्पादों को प्रोटीन के अच्छे स्रोत के रूप में सुझाया।
कार्यक्रम की शुरुआत गुजरात हाइकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस श्री सुबोध शाह, डॉ. प्रवीण अग्रवाल और केयर सीएचएल हॉस्पिटल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर श्री मनीष गुप्ता द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई।
केयर सीएचएल हॉस्पिटल के सीओओ श्री मनीष गुप्ता ने कहा, “यह कार्यक्रम डॉ. प्रवीण अग्रवाल के प्रति हमारा आभार है। मैं न केवल केयर सीएचएल हॉस्पिटल का प्रतिनिधि हूं, बल्कि स्वयं उनका मरीज भी रहा हूं। उनकी सेवाओं ने न सिर्फ इंदौर, बल्कि समूचे मध्यभारत के हजारों लोगों को नया जीवन दिया है। डॉ. अग्रवाल हमारे अस्पताल की नींव के स्तंभ हैं और चिकित्सा व मानव सेवा दोनों के आदर्श उदाहरण हैं।”
डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में कहा, “मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं और विशेष रूप से अपने शिक्षक डॉ. प्रकाश बंगानी सर और डॉ. के सी शर्मा सर का आभार व्यक्त करता हूं, जिनकी शिक्षा और मार्गदर्शन के कारण मैं आज इस स्थान तक पहुंच सका। यह सम्मान मेरे लिए प्रेरणा है कि मैं आने वाले वर्षों में और अधिक सेवा करता रहूं।”
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. प्रवीण अग्रवाल के 34 वर्षों की सेवा को समर्पित विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। इस आयोजन ने न केवल चिकित्सा सेवा को सम्मानित किया, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का एक सफल प्रयास भी सिद्ध किया।