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बड़वाह। मैकेनाइज्ड केन्द्रीयकृत किचन स्थापना के विरोध में प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ ने सौंपा ज्ञापन….विरोध करते हुए रखी अपनी मांगे…

कपिल वर्मा बड़वाह। प्रदेश के नगर निगम एवं नगर पालिकाओं में प्रस्तावित मैकेनाइज्ड केन्द्रीयकृत किचन स्थापना के विरोध में प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ के सदस्यों ने मंगलवार को प्रदेश मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम बड़वाह एसडीएम सत्यनारायण दर्रों को ज्ञापन सौंपा हैं।

जिसमें प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों इन बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेशानुसार नगर निगम एवं नगर पालिकाओं में मैकेनाइज्ड (मैकेनाइज्ड) केन्द्रीयकृत किचन की स्थापना की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है।

इस व्यवस्था के अंतर्गत जहां पूर्व से केन्द्रीयकृत किचन नहीं है, वहां शालाओं की मैपिंग, भवन चिन्हांकन तथा एजेंसी चयन हेतु निविदा प्रक्रिया अपनाई जा रही है। जिसमें प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ इस निर्णय का विरोध करता हैं। साथ ही महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन, रोजगार एवं सामाजिक सुरक्षा के प्रतिकूल मानता है।

सदस्यों ने ज्ञापन में माध्यम से बताया कि स्व सहायता समूहों की आजीविका पर संकट जैसी स्थिति बन सकती हैं। जैसे वर्तमान में प्रदेश के हजारों सरकारी शालाओं में कार्यरत स्व सहायता समूह की महिलाएं मध्यान्ह भोजन योजना के माध्यम से अपनी आजीविका चला रही हैं।

केन्द्रीयकृत मैकेनाइज्ड किचन के आने से ये महिलाएं बेरोजगार हो जाएगी। वहीं स्थानीय रोजगार की समाप्ति मैकेनाइज्ड किचन निजी एजेंसियों/एनजीओ को सौंपे जाने की स्थिति में स्थानीय स्तर पर महिलाओं को मिलने वाला रोजगार समाप्त हो जाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत और महिला सशक्तिकरण की भावना के विपरीत है।

इस दौरान प्रदेश प्रभारी संगीता कमल चलवानिया , आशा बाई, लक्ष्मी बाई, राधा बाई , सीमा बाई, कला बाई, सुनीता बाई एवं अन्य महिलाएं मौजूद रही।

स्व सहायता समूह महासंघ की महिलाओं ने यह रखी मांगे —– प्रस्तावित मैकैनाइज्ड कैन्द्रीयकृत किचन की योजना को तत्काल निरस्त किया जाए। वर्तमान में कार्यरत स्व सहायता समूहों को ही और अधिक सशक्त बनाया जाए। महिलाओं की आजीविका, गरिमा और आत्मनिर्भरता की भावना को बनाए रखने हेतु निर्णयों में उनकी भागीदारी सुनिक्षित की जाए। आपसे निवेदन है कि हमारी बात को गंभीरता से लेते हुए जनकल्याणकारी दृष्टिकोण से पुनः विचार किया जाए। अन्यथा, महासंघ आंदोलनात्मक कार्यवाही करने को बाध्य होगा।

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