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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई दिग्गज, किसे मिलेगी कुर्सी ?

अभी दो दर्जन जिलो के जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा होना बाकी आज कल में हौगी सूची जारी।

मप्र डेस्क। आशीष यादव-रमन बोरखड़े। मध्यप्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की जगह कौन लेगा, इसको लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है। अब प्रदेश में जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा शुरू हो गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निवार्चन की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है। प्रदेश अध्यक्ष की रेस में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, बैतूल से विधायक हेमंत खंडेवलवाल, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और राज्यसभा सदस्य सुमर सिंह सोलंकी के नाम चर्चा में है। भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के कार्यकाल को पांच साल हो गए है। उनके नेतृत्व में भाजपा ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत और लोकसभा चुनाव में पहली बार सभी 29 सीटों टों पर जीत दर्ज की। अब भाजपा में रायशुमारी के बाद जिला अध्यक्षों की घोषणा शुरू कर दी है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के निवार्चन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वीडी शर्मा को संगठन केंद्र में बड़ी भूमिका दे सकता है। प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग से मुख्यमंत्री के होने के चलते सामान्य या ब्राह्मण वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाने की अटकलें लगाई जा रही है।

अरविंद सिंह भदौरिया
पूर्व मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया क्षत्रिय वर्ग से आते है। ब्राह्मण के बाद क्षत्रिय को मौका देने की चर्चा चल रही है। भदौरिया को केंद्रीय नेतृत्व के कुछ नेताओं का समर्थन भी है।

हेमंत खंडेलवाल
बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है। वह प्रदेश संगठन में लंबे समय से काम कर रहे है। संगठन के ही वरिष्ठ नेताओं ने उनका नाम बढ़ाया है।

फग्गन सिंह कुलस्ते
सात बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते इस दौड़ में सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रह चुके कुलस्ते को विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद लोकसभा का टिकट दिया गया। भाजपा में कुलस्ते आदिवासियों का बड़ा चेहरा है। ऐसे में एसटी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए दावेदार माने जा रहे हैं।

सुमेर सिंह सोलंकी
राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी युवा नेता हैं। उनकी आदिवासी समुदाय में अच्छी पकड़ है। वह भाजपा में संघ के करीबी माने जाते हैं। इसलिए उनका नाम भी रेस में है।

डॉ. नरोत्तम मिश्रा
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी प्रदेश अध्यक्ष के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उनको महाराष्ट्र चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी गई। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कई कांग्रेसी नेताओं का उन्होंने भाजपा में शामिल कराया।

आदिवासी चेहरे को भी मिल सकता है मौका
संगठन आदिवासी चेहरे को भी मौका दे सकता है। इसका कारण लंबे समय से आदिवासी नेता को प्रदेश की कमान नहीं सौंपी गई है। एससी वर्ग से सत्यनारायण जटिया प्रदेश अध्यक्ष बने, लेकिन आदिवासी वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है। इसका एक कारण जातिगत समीकरण को ध्यान रखते हुए आदिवासी वर्ग को मौका देना भी माना जा रहा है। प्रदेश में ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री होने के अलावा डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ब्राह्मण और जगदीश देवड़ा एससी वर्ग से आते हैं। वीडी शर्मा सामान्य वर्ग से आते हैं

दो दर्जन जिला अध्यक्ष के नाम रूखे:
सभी जिलों के मंडल अध्यक्ष व जनप्रतिनिधियों की रायशुमारी के बाद से ही जिलों अध्यक्ष बने की दौड़ में कही नाम चल रहे थे मगर दिल्ली दरबार से नाम फ़ाइनल होने से जिला अध्यक्ष के साथ प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी प्रक्रिया धीमी हो गई। वहीं एक दिन पहले उज्जैन से जिला अध्यक्ष के नाम की शुरूआत हुई जो कल रात होते होते 18 जिलाध्यक्ष के नाम की सूची का प्रकाशन किया वही अभी दो दर्जन से अधिक जिलों के जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा होना बाकी है जिसने धार, इंदौर, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, खरगोन आदि कही जिलो के नाम होल्ड पर रखे है । जिसमें धार व इंदौर में आपसी व बड़े नेताओं के पट्ठो के लिए लड़ाई चल रही है।

जल्द ही सभी जिलाध्यक्ष के नाम होंगे सामने:
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने पार्टी कार्यालय में संगठन पर्व और प्रदेश के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकताओं ने संगठन पर्व को पूरे उत्साह और उमंग के साथ ऐतिहासिक बनाया। पार्टी की संवाद और समन्वय पद्धति के तहत यह प्रक्रिया पूरी हो रही है। शर्मा ने कहा कि 20 जिलाध्यक्षों के नाम पहले ही घोषित हो चुके हैं और आज कुछ अन्य जिलों में भी घोषणा की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी जिलों के जिलाध्यक्षों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा धार्मिक नगरों में शराबबंदी पर दिए गए बयान का स्वागत करते हुए शर्मा ने इसे एक सराहनीय कदम बताया। शर्मा ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति की है और हिंदुत्व का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की तस्वीरें गांधी जी और बाबा साहब आंबेडकर से ऊपर लगाकर उनका अपमान किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा गांधी जी और बाबा साहब के विचारों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। संगठन पर्व को लेकर शर्मा ने कहा कि यह पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है और इसे कार्यकताओं ने पूरे समर्पण और जोश के साथ मनाया।

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