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पार्श्वनाथ प्रभु के जन्म एवं दीक्षा कल्याणक महोत्सव कीरथयात्रा में रिमझिम फुहारों के बीच उमड़े समग्र जैन बंधु

पार्श्वनाथ प्रभु के जन्म एवं दीक्षा कल्याणक महोत्सव की
रथयात्रा में रिमझिम फुहारों के बीच उमड़े समग्र जैन बंधु
राजबाड़ा से बड़ा गणपति स्थित मोदीजी की नसिया तक दीक्षार्थी सलोनी ने लुटाई संसारी जीवन में काम आने वाली वस्तुएं

इंदौर, । जैन समाज के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ प्रभु के जन्म एवं दीक्षा कल्याणक महोत्सव के उपलक्ष्य में रविवार सुबह महावीर भवन राजबाड़ा से बड़ा गणपति स्थित मोदीजी की नसिया तक निकली विराट रथयात्रा ने समूचे मार्ग को महावीरमय बनाए रखा। शहर में विराजित संतों के साथ हजारों समाजबंधुओं ने रिमझिम फुहारों के बीच इस रथयात्रा में उत्साहपूर्वक परंपरागत परिधान में शामिल होकर जैन समाज के नाम एक बार फिर नया इतिहास रच दिया। रथयात्रा में दीक्षार्थी बहन सुश्री सलोनी का वर्षीदान वरघोड़ा भी आकर्षण का केन्द्र रहा, वहीं अंतरिक्ष में भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर इंद्रदेव द्वारा अभिषेकात्मक वर्षा की झांकी,. नासिक से आए ढोल और नाचते-गाते श्रद्धालुओं ने पूरे समय अपने जोश एवं उत्साह को भगवान महावीर को जयघोष के बीच कायम बनाए रखा।
राजबाड़ा से प्रारंभ हुई रथयात्रा में आचार्य नवरत्नसागर सूरीश्वर म.सा. की प्रेरणा एवं युवा हृदय सम्राट आचार्य विश्वरत्नसागर म.सा. के आशीर्वाद से प.पू. गणिवर्य आनंदचंद्र सागर म.सा., मुनिराज ऋषभचंद्र सागर म.सा., राजेश मुनिजी म.सा., साध्वीवर्या अमितगुणाश्रीजी म.सा., सिद्धिपूर्णाश्रीजी, अमीझराश्रीजी म.सा. आदिठाणा एवं आचार्य श्रीविहर्ष सागर म.सा. की पावन निश्रा में बड़ा गणपति स्थित मोदीजी की नसिया तक पहुंची इस विराट रथयात्रा में शहर के समग्र जैन बंधु शामिल हुए। नवरत्न परिवार के संरक्षक एवं रथयात्रा के मुख्य संयोजक ललित सी. जैन, मालवा महासंघ के अध्यक्ष दिलसुखराज कटारिया, कांतिलाल बम एवं नवरत्न परिवार के राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष प्रीतेश ओस्तवाल ने बताया कि राजबाड़ा पर समाजसेवी कांतिलाल बम, विजय मेहता, हंसराज जैन एवं कैलाश नाहर ने हरी झंडी दिखाकर साधु साध्वी भगवंतों की निश्रा में रथयात्रा का शुभारंभ किया। रथयात्रा में पुरुष श्वेत कुर्ता-पायजामा एवं जैकेट तथा महिलाएं केशरिया या लाल परिधान में शामिल हुए। महिलाएं मंगल कलश धारण कर रंगारंग प्रस्तुतियां देते हुए चल रही थीं। शहर में यह अद्वितीय उत्सव आठवीं बार हुआ। वर्षा की रिमझिम फुहारों ने भगवान पार्श्वनाथ की उस झांकी और जीवंत बना दिया, जिस पर इंद्र भगवान स्वयं वर्षा करते हुए दर्शाए जा रहे थे। यह झांकी आकर्षण एवं चर्चा का केन्द्र बनी रही।
रथयात्रा में शिखरजी, नाकोड़ाजी एवं नागेश्वर तीर्थ की विशाल और मनमोहक झांकियों के अलावा शहर में विराजित साधु-साध्वी भगवतों, मधुर बैंड पार्टी, लुभावने लवाजमे, दीक्षार्थी सलोनी मेहता (बड़नगर) के वर्षीदान का वरघोड़ा भी आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहा। दीक्षार्थी सलोनी बहन अपने संसारी जीवन में काम आने वाली वस्तुएं रास्तेभर लुटाते हुए चल रही थी। इसके अलावा 300 फीट लंबे जैन ध्वज के साथ रथयात्रा में भगवान का शाही लवाजमा, अनेक जैन सोशल ग्रुप एवं श्रीसंघों की ओर से मार्ग में दी गई प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही। विभिन्न तरह के ध्वनि वादक यंत्रों की स्वर लहरियां भी समूचे मार्ग में गुंजायमान रही।
राजबाड़ा से प्रारंभ यह यात्रा खजूरी बाजार, गोराकुंड, टोरी कार्नर होते हुए मोदीजी की नसिया पहुंची, जहां साध्वी वर्या अमितगुणाश्रीजी की निश्रा में सिद्धिपूर्णाश्रीजी ने अपने प्रवचन में समाज की संगठन शक्ति और भगवान महावीर स्वामी के जीव दया, अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह जैसे संदेशों को वर्तमान संदर्भों में सबसे ज्यादा प्रासंगिक बताया। इस अवसर पर दीक्षार्थी बहन सलोनी का विभिन्न जैन श्रीसंघों की ओर से बहुमान किया गया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, अक्षय बम, दीपक जैन टीनू, दिगम्बर जैन सामाजिक संसद के अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी एवं श्वेताम्बर जैन समाज के वरिष्ठ मनीष सुराना, दीपक सुराना, अंकित मारू, मनोज जैन, जिनेन्द्र मारू, दिलीप सी. जैन, प्रकाश भटेवरा, अजीत लालवानी, संतोष मामा, नरेन्द्र संचेती, विजय ललवानी आदि ने सभी अतिथियों एवं समाज बंधुओं की अगवानी की। संचालन निर्मल कासलीवाल ने किया। आभार माना रथयात्रा संयोजक ललित सी. जैन ने।

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