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संविधान, स्वाभिमान,संसाधन एवं राष्ट्रीय सम्प्रुभुता सुरक्षा आंदोलन में समर्थन देने पहुचे मध्य प्रदेश के प्रतिनिधि

सेंधवा। गुजरात राज्य के व्यारा जिला मुख्यालय पर सरकारी अस्पतालों के निजीकरण के विरोध को लेकर दिनांक 3 मार्च 2025 से 18 वें दिन आदिवासी एवं वंचित समुदाय के समस्त सामाजिक संगठनों के द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। 21 मार्च 2025 को विश्व वन दिवस के उपलक्ष में आंदोलन में रैली का आयोजन कर महामहिम राष्ट्रपति के नाम पर जिला कलेक्टर व्यारा को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सरकारी संस्थाओं के निजीकरण को रोका जाए,दिल्ली मुंबई सुपर कॉरिडोर ,तापी रिवर लिंक परियोजना जैसी बड़ी बड़ी परियोजनाओं से आदिवासियों का विस्थापन रोका जाए ,पैसा क़ानून व वनाधिकार मान्यता क़ानून का अम्लीकरण आदि मुद्दे प्रमुख रूप से शामिल किए गए।

इस आंदोलन में गुजरात के समस्त ज़िलों के सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता जिसमें मुस्लिम समुदाय, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के संगठन भी समर्थन देने के लिए आंदोलन में शामिल हुए । गुजरात राज्य के अलावा महाराष्ट्र ,दादरा नगर हवेली ,राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के प्रतिनिधि भी इस आंदोलन में समर्थन देने के लिए पहुँचे । मध्य प्रदेश राज्य की ओर से कांग्रेस नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता पोरलाल खर्ते,अनिल रावत, परसराम सेनानी एवं बबलु वलोके आदि शामिल हुए । पोरलाल खर्ते ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों, स्कूलों एवं अन्य संस्थाओं के निजीकरण से न सिर्फ़ आदिवासी समुदाय के लोग प्रभावित होंगे बल्कि अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सवर्ण समाज के ग़रीब लोग भी प्रभावित होंगे । इसलिए यह लड़ाई किसी जाति ,वर्ग, धर्म संप्रदाय या राजनीतिक विचारधारा की न होकर हम सबकी है । मानवता और इंसानियत को ध्यान में रखते हुए जल ,जंगल, ज़मीन, प्रकृति सुरक्षा जैसे विषयों को लेकर हम सब लोगों को शामिल होना चाहिए । यह लड़ाई देश में लोकतंत्र एवं संविधान को बचाने की है और हम इसे पूरी ताक़त के साथ समर्थन करते हैं ।

 

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