इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन को लेकर अपनाई जा रही टेंडर प्रक्रिया

-केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने अजजा राष्ट्रीय आयोग अध्यक्ष आर्य को पत्र लिखकर कराया अवगत
सेंधवा। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन को लेकर प्रारंभिक टेंडर प्रक्रिया अपनाई जा रही है। परियोजना जल्द ही अपना मूल रूप लेगी। इस बात की जानकारी केंद्रीय रेल व जल शक्ति राज्य मंत्री ने पत्र लिख कर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य को दी है।
बता दें कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने पश्चिम निमाड़ क्षेत्र में रेल के सपने को साकार करने के लिए इंदौर मनमाड़ रेल परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री, रेल मंत्री व रेल राज्य मंत्री को पत्र लिखा था। लंबे इंतजार के बाद इस रेल परियोजना को स्वीकृति मिलने पर आर्य ने रेल व जल शक्ति राज्य मंत्री बी सोमन्ना को फोन पर चर्चा कर इस स्वीकृति के लिए आभार व्यक्त किया था। आर्य ने फोन पर ही रेल राज्य मंत्री से परियोजना के मूल रूप में आने और धरातल पर उतरने को लेकर चर्चा की थी। इसके बाद रेल राज्य मंत्री बी सोमन्ना ने आर्य को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि इंदौर मनमाड़ रेल परियोजना को सितंबर में स्वीकृति दे दी है। इस परियोजना की लागत 16 हजार 320 करोड रुपए है। इसमें 309.46 किलोमीटर की कुल रेल परियोजना को स्वीकृति दी गई है। इस परियोजना के संबंध में प्रारंभिक टेंडर संबंधित प्रक्रिया अपनाई जा रही है। शीघ्र ही परियोजना अपना मूल रूप लेगी। योजना समय सीमा में पूर्ण हो जाएगी।

क्षेत्र का विकास बढ़ेगा-
शुक्रवार को अंतरसिंह आर्य ने बताया कि इंदौर मनमाड़ रेल परियोजना को स्वीकृति के बाद पश्चिम निमाड़ क्षेत्र में रेल लाइन आने से क्षेत्र का विकास बढ़ जाएगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। क्षेत्र का व्यवसाय जो कमजोर हो गया है, वह फिर से पटरी पर आने की संभावना बढ़ जाएगी। क्षेत्र के लोग इंदौर के बाद सीधे मुंबई से भी जुड़ जाएंगे।