सेंधवा-खेतिया अंतरप्रांतीय राष्ट्रीय राजमार्ग हुआ क्षतिग्रस्त, हादसों की आशंका
सामाजिक कार्यकर्ता जैन ने मुख्यमंत्री सहित अन्ह को पत्र लिख कर दुरुस्त करने की मांग की

सेंधवा।
सेंधवा-खेतिया 57 कि.मी. का मार्ग अंतरप्रांतीय राष्ट्रीय राजमार्ग है। वर्तमान मे इस मार्ग का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस वजह से म.प्र. से महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य की ओर जाने वाले वाहन चालको एवं यात्रियों को प्रतिदिन परेशानियां उठाना पड़ रही है। बावजूद इसके विभाग द्वारा इस मार्ग का ना तो नवीनीकरण किया जा रहा है ना ही व्यवस्थित रूप से मरम्मत कार्य किया जा रहा है।
इस समस्या को लेकर सेंधवा के सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता बी.एल. जैन ने प्रदेष के मुख्यमंत्री, लोक निर्माण मंत्री, मुख्य एवं प्रमुख सचिव को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया है कि उक्त स्टेट हाईवे का निर्माण कार्य म.प्र. सड़क विकास निगम लिमीटेड द्वारा लगभग 8 वर्ष पुर्व किया गया था। 5 वर्ष की ग्यारंटी अवधि समाप्त होने के बाद यह मार्ग लो.नि.वि. राष्ट्रीय राजमार्ग को हस्तांतरित हो चुका है। ऐसी स्थिती मे इसके रखरखाव की समस्त जवाबदारी लो.नि.वि.रा.रा. की है।
इस बारिश मे यह मार्ग अनेक स्थानो पर क्षतिग्रस्त हो चुका है , अचानक गड्ढे आ जाने के कारण सदैव दुर्घटनाओं की संभावनाऐं बनी रहती है। नियमानुसार किसी भी सड़क के निर्माण के बाद पांच वर्ष मे उसका नवीनीकरण किया जाना चाहिये लेकिन इस सड़क के निर्माण को 8 वर्ष से भी अधिक का समय व्यतीत हो चुका है। बावजुद इसके नवीनीकरण की स्वीकृति प्रदान नही की गई है ना ही इसका मरम्मत कार्य व्यवस्थित रूप से किया जा रहा है। श्री जैन ने पत्र मे लिखा है कि वर्तमान मे खेतिया से मोयदा के मध्य लगभग 20 कि.मी. एवं खड़ीकम घाट से निवाली के मध्य 3 कि.मी. तथा चाटली से सेंधवा के मध्य लगभग 8 कि.मी. मार्ग अनेक स्थानो से क्षतिग्रस्त हो चुका है अर्थात् कुल सड़क का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा निर्बाध आवागमन मे अवरोध उत्पन्न कर रहा है। जिससे आम यात्रियों एवं वाहन चालको को आए दिन अत्यधिक परेशानी उठाना पड़ रही हैै इसी वजह से दुर्घटनाओं की संभावनाऐं भी बनी रहती है।
हालांकि केन्द्र शासन द्वारा दिसम्बर 2024 मे इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग 752-जी घोषित करते हुए 615.61 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसमे मार्ग की चौड़ाई बढाई जाकर इसका उन्नयन किया जावेगा साथ ही सेंधवा, निवाली, पानसेमल, खेतिया मे बायपास भी स्वीकृत हुआ है लेकिन भु अधिग्रहण सहित अन्य प्रक्रियाओं मे 1 वर्ष से भी अधिक का समय लगेगा तब तक मार्ग मे यदि यथोचित सुधार नही होता है तो आम यात्रियों के लिए आवागमन अत्यधिक परेशानीदायक रहेगा ?
श्री जैन ने बताया कि सेंधवा स्थित मौसम पुलिया तिराहा जहां तीन रास्ते खेतिया, बड़वानी एवं गुजरात राज्य की ओर जाता है वर्तमान मे इस तिराहे की पुलिया पर भी गढ्ढे पड़े हुए है। क्योंकि यहां पुलिया के नीचे वाले हिस्से से पानी लिकेज होता है। शहरी हिस्सा होने के कारण यहां यातायात का भी भारी दबाव होता है। इस संबंध मे भी पुर्व मे मेरे द्वारा प्रदेश शासन को पत्र लिखे गए थे इसके पश्चात् कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. राष्ट्रीय राजमार्ग इंदौर, संभाग-इंदौर द्वारा टेण्डर जारी किए थे जिसके पश्चात् 2 मार्च 2023 को इस कार्य हेतु संबंधित ठेकेदार को कार्यादेष जारी किया गया जिसके अनुसार 20 मीटर मार्ग पर कॉक्रिट से वायरिंग कोट किया जाना था। लेकिन दिनांक 17 मार्च 2023 को यह कार्य प्रारंभ किया जाकर लगभग 2 मीटर हिस्से मे मरम्मत कार्य किया जाकर कार्य बंद कर दिया गया। लेकिन निविदा अनुसार जो कार्य किया जाना था वह कार्य पुर्ण नही किया गया। श्री जैन ने पत्र मे लिखा है कि विभागीय अधिकारियों का कथन है कि उक्त स्थान पर आवागमन हेतु वैकल्पिक मार्ग नही होने से कार्य प्रारंभ नही हुआ है श्री जैन ने कहा कि ऐसी परिस्थिती मे विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की यह जवाबदारी बनती है कि वे स्थानीय एस.डी.एम./तहसीलदार, नगर पालिका अधिकारी, पुलिस प्रशासन से चर्चा कर वैकल्पिक मार्ग पर चर्चा कर इसका समाधान खोजे। प्रयास करने पर समाधान निकलेगा बशर्ते विभागीय अधिकारी इस मामले मे व्यक्तिगत रूचि ले। श्री जैन ने मुख्यमंत्री से जनहित के इस मुद्दे पर तत्काल कार्यवाही की मांग की है।