इंदौरधर्म-ज्योतिष

समाज को आज चित्र नहीं, चरित्र पूजन का भाव चाहिए पं. वीरन्द्र व्यास

सत्य कभी छुपता नही, सत्य कभी नष्ट नहीं होता और सत्य कभी पराजित भी नहीं होता।

इंदौर । सत्य कभी छुपता नही, सत्य कभी नष्ट नहीं होता और सत्य कभी पराजित भी नहीं होता। राम का नाम तो सत्य है लेकिन राम की कथा भी परमसत्य है। प्रभु श्रीराम ने वनवास काल में केवट, शबरी और अहिल्या जैसी पाषाण मूरत का भी कल्याण किया है। समाज के अंत्योदय का पहला संदेश प्रभु राम ने ही दिया है इसीलिए रामराज्य हर युग में प्रासंगिक माना गया है। आज समाज को चित्र नही, चरित्र पूजन का भाव चाहिए। राम कथा भारत भूमि का ऐसा दस्तावेज है जिसकी सत्यता पर कोई संदेह नही हो सकता।
ये प्रेरक विचार हैं आचार्य पं. वीरेन्द्र व्यास के, जो उन्होने बर्फानी धाम के पीछे स्थित गणेश नगर में माता केशरबाई रघुवंशी धर्मशाला परिसर के शिव-हनुमान मंदिर श्रीराम कथा महोत्सव में व्यक्त किए।

महोत्सव में प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव का प्रसंग मनाया गया। कथा शुभारंभ के पूर्व संयोजक तुलसीराम-सविता रघुवंशी के साथ तनुज गोयल, जयेश कालरा, रामसिंह राजपूत, हर्ष जैन आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया।

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