धर्म-ज्योतिषधार

लयलतुल कद्र पर रात भर की खुदा की बदंगी,सय्यदना साहब के रिकार्डेड वसीले का प्रसारण हुआ।

रिपोर्टर शाहीद पठान

धरमपुरी।ऐ मेरे रब तु मोमीन को तेरी हिफाजत मे रखना ,उसकी हर उम्मीद पुरी करना। ऐ मेरे रब मोमीनीन को तेरे दर के सिवाय किसी का मोहताज न करना सभी के व्यापार और रोजगार मे बरकत अता करना । ऐ मेरे रब तु मोमीनीन की इज्जत और सुकुन के साथ जिदंगी गुजारना उन्हे एक मोला हुसैन के गम के सिवाय कोई गम ना दिखाना बुधवार रात्रि को लयलतुलकद्र पर बोहरा समाज के 53वे धर्मगुरु डॉ.सय्यदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन मौला के दुआओं के एक एक शब्द पर रात्री की खामोशी और मस्जिद मे खुदा की बंदगी मे एकत्रित समाजजनों की इबादत और सय्यदना साहब के वसीले ने रूहानियत से भर दिया। तीनों दाई के वसीले को सुन कर समाज के  की  हर एक बाशिंदे की आंखो से आंसू बहते जा रहे थे । रात्री मे 12 बजे से प्रारंभ हुए रिकार्डेड प्रसारण मे 52 वे दाई सय्यदना ताहेर सैफुद्दीन मौला का वसीला प्रारंभ हुआ उसके बाद 51 वे दाई सय्यदना ताहेर सैफुद्दीन मौला के वसीले का प्रसारण हुआ और उसके पश्चात 53 वे दाई सय्यदना आलीकदर मुफद्दल मौला के वसीले को समाजजनों ने सुना और आपके साथ माँ फातेमा और इमाम हुसैन का मातम किया
 रिकार्डेड वसीले मे बुरहानुद्दीन मौला ने फरमाया कि परवरदिगार तु हमारी उम्मीदों को आज की इस मुबारक रात के वसीले से (जिसमे की गई इबादत हजार महीने  की गई इबादत के बराबर है) पुरी कर । आज तेरे दरबार मे सब अलग अलग उम्मीद लेकर आए है उनकी उम्मीदों को  मां फातेमा के वसीले से पुरी कर । ऐ परवरदिगार  तू हमारे सारे गुनाहों को माफ कर , जो हमने जाने अनजाने मे किए हो , आज की इस मुबारक रात मे माँ फातेमा के वसीले से हमारी इबादत कुबुल कर “।वसीले मे बुरहानुद्दीन मौला ने फरमाया ” माँ फातेमा को याद कर उन पर आंसू बहाकर आज की इस मुबारक रात मे खुदा से हमारे किए गए गुनाहों की माफी करवा ले 
  समाज के इब्राहिम रिज़वी ने बताया की इसके पूर्व रात्री 10:55 पर ईशा की नमाज हुई नमाज के बाद विशेष नमाज अदा हुई । नमाज के बाद  51 वे दाई डॉ.सय्यदना ताहेर सैफुद्दीन मौला व 52 वे दाई डॉ.सय्यदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन मौला के रिकार्डेड वसीले का आडियो प्रसारण हुआ । 
मां फातेमा और इमाम हुसैन के गम को याद कर आंसू बहाए :-
    53 वे दाई आलीकदर मौला ने मां फातेमा की मुसीबत व इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र किया तो शहर की बोहरा मस्जिद मे उपस्थित समाजजनों ने मां फातेमा और इमाम हुसैन का पुरजोश मातम किया ।  बोहरा समाज के 53 वें धर्मगुरु डॉक्टर सय्यदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन मोला ने लयलतुल कद्र पर दुआ की  बोहरा समाज के सभी छोटे-बढ़े प्रतिदिन कुरआन की तिलावत करें और कोशिश यह हो की सभी को सम्पूर्ण कुरआन मुखाग्र हो और कम से कम घर का एक सदस्य तो हाफिज़ उल कुरआन हों।

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