बड़वानीमुख्य खबरे
बड़वानी रिश्वत लेने के आरोप में आरोपी पटवारी को 4 वर्ष की जेल एवं कुल 10 हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया गया
बड़वानी से पीयूष पंडित की रिपोर्ट।
न्यायाधीष प्रथम अपर सत्र न्यायालय बडवानी श्री कैलाश प्रसाद मरकाम बड़वानी ने अपने फैसले में आरोपी श्री श्याम विलास डोंगरे पटवारी हल्का न. 07 तहसील अंजड को रिश्वत लेने के आरोप में धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं धारा 13(1)(डी), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 4-4 वर्ष एवं 5-5 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री बीएस चौहान एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी बडवानी श्री सरदार सिंह अजनारे द्वारा की गई।
अभियोजन मीडिया प्रभारी सुश्री कीर्ति चौहान द्वारा बताया गया कि फरियादी भीकम कडवाल के पिता का स्वर्गवास नवम्बर 2014 में हो गया था, फरियादी के पिताजी के नाम की जमींन फरियादी भीकम कडवाल अपनी माता ,भाई, बहन व अपने नाम करने लिए फरवरी 2015 में एक आवेदन पत्र एवं पिताजी का मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर अपने हल्का के पटवारी श्याम विलास डोंगरे के पास नामांतरण व नई ऋण पुस्तिका बनवाने के लिए तहसील कार्यालय अंजड में गया था, तब आरोपी पटवारी ने बोला था कि नामांतरण हो जायेगा व नई ऋण पुस्तिका बनाकर दे देगा, इसके लिये यह आवेदन तहसील में जमा कर देना, फरियादी नेे आवेदन पत्र तहसील में जमा करा दिया। आवेदन पत्र देने के करीब दो माह बाद फरियादी भीकम कडवाल आरोपी पटवारी डोंगरे से तलवाडा डेब में उसके शासकीय निवास पर मिला तो पटवारी ने कहा कि तेरा आवेदन तहसील से मुझे मिल गया है, और आवेदक से पुरानी वाली पावती मांगी और कहा कि व मौका पंचनामा तैयार करेगा रिर्पाेट बनाकर तहसील में जमा करेगा तब नामांतरण व नई पावती बनेगी नहीं तो तहसील में आवेदक का काम पेंडिंग रहेगा । फरियादी भीकम कडवाल ने अपने पिताजी के नाम की पावत अरोपी पटवारी डोंगरे को दे दी।
उसके बाद फरियादी भीकम कडवाल दो तीन बार आरोपी पटवारी डोंगरे से मिला, परन्तु आरोपी पटवानी डोंगरे टालमटोल करता रहा और आवेदक से दो हजार रूपये की रिश्वत की मांग की। इसी दौरान एक बार आवेदक पटवारी डोंगरे से उनके घर तलवाडा डेब जाकर मिला और नामांतरण पावती के संबंध में चर्चा की, तो पटवारी ने आवेदक से 2 हजार रूपये रिश्वत के मांगे और कहा कि जब तक 2 हजार रूपये नहीं दोगे तब तक नामांतरण व पावती का काम नहीं होगा ।
इस प्रकार पटवारी डोंगरे ने इतने दिन से आवेदक भीकम कडवाल के दिये हुये आवेदन पत्र का कोई निराकरण नहीं किया और ना कोई सूचना आवेदक को दी। आवेदक भीकम कडवाल, पटवारी श्याम बिलास डोंगरे को रिश्वत नही देना चाहता बल्कि उसे रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकडवाना चाहता था। फरियादी भीकम कडवाल के आवेदन पत्र पर पुलिस अधीक्षक विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय इंदौर द्वारा तस्दीक उपरांत वैधानिक कार्यवाही करने हेतु आदेश दिया।
उक्त आवेदन पत्र की तस्दीक उपरांत उचित वैधानिक कार्यवाही करने हेतु आवेदक भीकम कडवाल को एक छोटा वाईस रिकार्डर मय मेमोरी कार्ड के उसका संचालन का तरीका समझाकर भेजा गया। 12 जनवरी 2016 को फरियादी हेड कासटेबल विजय मिश्रा के साथ तलवाडा डेब गया और आरोपी पटवारी श्याम विलास डोंगरे के घर पर करीब साढ़े तीन बजे जाकर नामांतरण व पावती के बारे बातचीत कि तो बातचीत में पटवारी डोंगरे ने फरियादी भीकम कडवाल से रिश्वत राशि 1 हजार रूपये की मांग की और 1 हजार रूपये रिश्वत लेना तय किया। इस बातचीत को फरीयादी ने वाईस रिकार्डर में रिकार्ड कर लिया लिया ंऔर फरीयादी भीकम कडवाल ने लोकायुक्त कार्यालय, इंदौर में उपस्थित होकर रिकॉर्डशुदा मोबाईल फोन का मेमोरी कार्ड के द्वितीय आवेदन पत्र सहित उपस्थित हुआ था आवेदक द्वारा प्रस्तुत रिकॉर्डशुदा मेमोरी कार्ड को चालू करके सुना गया । जिसमें आवेदक के द्वारा आवेदन पत्रों में उल्लेखित रिश्वत की माग संबंधी बात की तस्दीक होती है। आवेदन पत्रों व तस्दीक होने से प्रथम दृष्ट्या अभियुक्त श्याम विलास डोंगरे द्वारा आवेदक से रिश्वत राशि की मांग किये जाने से अभियुक्त के विरूद्ध लेाकायुक्त पुलिस द्वारा टेप की कार्यवाही की गई जिसमें आरोपी फरियादी से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो पकडा गया।
आरोपी श्याम बिलास डोंगरे के विरूद्ध अपराध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का अपराध घटित होना पाया जाने से अपराध सदर कायम कर विवेचना में लिया गया। फरियादी, आवेदक की रिपोर्ट पर से विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त इन्दौर पर अपराध धारा 7, 13(1)डी, 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना उपरांत न्यायालय मे चालान पेश किया गया।