इंदौरधर्म-ज्योतिष

आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज की अगवानी में उमड़ा जैन धर्मावलंबियों का जन सैलाब

पट्टाचार्य महोत्सव के तहत इन्दौर में निकला भव्य मंगल प्रवेश जुलूस, मार्गों पर सजी रंगोली, सुमतिधाम की धरा हुई पावन, संतों के सान्निध्य में हुआ देशना मंडप का उद्घाटन

गुरू भक्त परिवार में छाया उत्साह व उल्लास : आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज की अगवानी में उमड़ा जैन धर्मावलंबियों का जन सैलाब
– महावीर बाग से सुमतिधाम तक गूंजे गुरूवर के जयकारे, तोपों से हुई अगवानी, समग्र दिगंबर जैन समाज सहित अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी लगाए मंच,
– पट्टाचार्य महोत्सव के तहत इन्दौर में निकला भव्य मंगल प्रवेश जुलूस, मार्गों पर सजी रंगोली, सुमतिधाम की धरा हुई पावन, संतों के सान्निध्य में हुआ देशना मंडप का उद्घाटन
– दिगंबर जैन परंपरा के 388 संतों व आर्यिका माता का सुमतिधाम पर हुआ मंगल प्रवेश, 2 मई तक आयोजित होगा महोत्सव, 30 अप्रैल को पट्टाचार्य महोत्सव, विदेशों में रहने वाले गुरू भक्त भी आएंगे

महावीर बाग़ से सुमतिधाम तक निकले मंगल प्रवेश जुलूस पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई

इन्दौर । इन्दौर के इतिहास में ऐतिहासिक क्षण बन गया। महावीर बाग से सुमतिधाम तक निकले इस भव्य मंगल प्रवेश जुलूस में समग्र दिगंबर जैन समाज, गुरू भक्त परिवार व किन्नर समाज ने दिगंबर जैन परंपरा के 388 संतों व आर्यिका की अगवानी की। पश्चिमी क्षेत्र में निकलने इस मंगल प्रवेश जुलूस में जहां गुरूवर के जयकारे गूंजते रहे तो वहीं किन्नर समाज ने भी संतों की अगवानी कर इस महोत्सव को ऐतिहासिक बना दिया। सुबह 6 बजे महावीर बाग से जैसे ही संतों का प्रवेश जुलूस निकला तो हर कोई इस क्षण को निहारता रह गया। आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज के पट्टाचार्य महोत्सव में पहली बार ऐसा मौका था जिसमें 388 संतों का महामिलन भी हुआ। संतों के इस महामिलन का साक्षी समग्र दिगंबर जैन समाज सहित गुरू भक्त परिवार बना। गुरू भक्तों ने आचार्यश्री की अगवानी की एवं इस दौरान पूरे मार्ग में गुरूदेव के जयकारे भी गूंजते रहे। दिगंबर जैन समाज के इतिहास में ऐसा मंगल प्रवेश जुलूस पहली बार निकला जहां 12 आचार्य, 8 उपाध्याय, 140 दिगंबर मुनि, 9 गणिनी आर्यिका, 123 आर्यिका माता जी, 105 ऐलक, क्षुल्लक, क्षुल्लिका एक साथ मौजूद थे।
श्री सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय गोधा एस्टेट, पट्टाचार्य महोत्सव समिति, गुरू भक्त परिवार एवं मनीष-सपना गोधा ने बताया कि महावीर बाग से मंगल जुलूस की शुरूआत की गई। शोभायात्रा के दौरान समग्र दिगंबर जैन समाज बंधुओं के साथ ही अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी संतों की अगवानी मंच से की। इस दौरान तोपों से भी अगवानी की गई एवं मार्गों पर रंगोली सजाई गई। पश्चिमी क्षेत्र में निकले इस प्रवेश जुलूस समग्र दिगंबर जैन समाज बंधुओं का जन सैलाब उमड़ा। प्रवेश जुलूस के दौरान भक्त अपने गुरू की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखे। जुलूस के अग्र भाग में 12 अश्व, 4 ऊंट, 2 हाथी, 16 बग्घि, 5 विनटेज कार, बैंड़-बाजे, कलश धारी महिलाएं, अष्ट मंगल के साथ ही नासिक के ढोल अपनी प्रस्तुति देते हुए नजर आए। यात्रा में यातायात बाधित न हो इसका भी विशेष ध्यान रखा गया। महावीर बाग से सुमतिधाम 7 किलोमीटर के इस मार्ग में 50 से अधिक विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा मंच लगाकर आचार्यश्री, उपाध्याय गणधर , प्रवर्तक, मुनि, आर्यिका गणिनी, ऐलक, क्षुल्लक महाराज की अगवानी गुरू भक्त परिवारों द्वारा की गई। महावीर बाग से प्रारंभ हुआ मंगल प्रवेश जुलूस एरोड्रम रोड़, कालानी नगर, एयरपोर्ट, गाधी नगर होते हुए सुमतिधाम पहुंचा। जहां आचार्यश्री के सान्निध्य में देशना मंडप का लोकार्पण हुआ। वहीं इसके पश्चात मनीष-सपना गोधा ने विधानाचार्य धर्मचन्द्र शास्त्री, चन्द्रकांत ईंडी, नीतिन झांझरी के निर्देशन में आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज को श्रीफल के साथ ही शास्त्र भी भेंट किए। आचार्यश्री के पाद-पक्षालन का सौभाग्य विमलचंद छाबड़ा, विकास-सारिका छाबड़ा (गांधी नगर) परिवार को मिला। वहीं समस्त ग्यारह आचार्यों का पाद-पक्षालन गोधा परिवार व सुमतिधाम धाम गुरू भक्त परिवारों ने किया। सुबह 9 बजे आचार्यश्री ने देशना मंडप में प्रवचनों की अमृत वर्षा की। सुमतिधाम पर लगाए गए 360 चौकों में आचार्यश्री सहित अन्य संत व आर्यिकाओं की आहारचर्या संपन्न हुई। दोपहर 3 बजे से आचार्यश्री ने धर्मसभा को संबोधित किया। सांय काल 6.10 बजे दैवसिक प्रतिक्रमण, 6.30 बजे आचार्य वंदना, आरती, रात्रि 8 बजे प्रोजेक्शन मैपिंग के साथ ही 8.30 बजे से लेजर शो का आयोजन हुआ। रात्रि 9 बजे से भगवान आदिनाथ के जीवन चरित्र पर नृत्य नाटिका की प्रस्तुति कलाकारों व गुरू भक्त परिवार द्वारा दी गई। मंगल प्रवेश जुलूस के दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सासंद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित हजारों की संख्या में गुरू भक्त व जैन धर्मावलंबी मौजूद थे।

दो दर्जन किन्नर आशीर्वाद लेने पहुचे – शुभ आयोजनों पर नेंग लेने के लिए आने वाले किन्नर समाज आज गुरुओ से आशीर्वाद लेते नजर आए। पीले परिधानों में गहनों से सजे किन्नर भगवान जिन शासन देव के जयकारे भी लगा रहे थे। किन्नरो ने बताया कि जैन मुनियों के तप और त्याग से सभी धर्मों की तरह किन्नर समाज भी प्रभावित है। आज वे नेंग लेने नही बल्कि आशीर्वाद लेने आए है ताकि उनका भी अगला जन्म सुधर जाय और परभव में वे भी अपना उद्धार कर सके। आयोजन में किन्नर समाज को देख जैन धर्मावलंबी भी उत्साहित हो उठे। आचार्य श्री की अगवानी कर लगभग दो दर्जन से ज्यादा किन्नरों ने आशीर्वाद लिया।

संतो का हुआ समागम – गुरू भक्त परिवार ने बताया कि सुमतिधाम के देशना मण्डप में आचार्यश्री विशुद्ध सागर जी, गणाचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज आचार्य प्रज्ञा सागर जी, आचार्य सुन्दर सागर जी, आचार्य विशद सागरजी, आचार्य विभव सागर जी, आचार्य विहर्षसागर जी,आचार्य विनिश्चय सागर जी, आचार्य विनम्र सागरजी आचार्य प्रसन्न ऋषिजी, आचार्य विप्रणत सागरजी आचार्य विभक्त सागर जी,उपाध्याय विशोक सागर जी, विनिश्चल सागरजी, विशेष सागरजी, विश्रुत सागरजी,विहसंत सागरजी, विभंजन सागरजी, विकसंत सागरजी, विरंजन सागरजी, गणधर मुनि विवर्धन सागर सहित अनेक संत देशना मण्डप में विराजमान होगे।

मुख्यमंत्री मोहन यादव हुए शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस मौके पर सुमति धाम पहुंचे। उन्होंने संतों से आशीर्वाद भी लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दिगंबर परंपरा अद्भुत है, मेडिकल साइंस भी इस पर अचंभित है। दिगंबर संतों के आशीर्वाद के लिए तो देवता भी तरसते हैं।

मैं तो देख-देख कर खुद को धन्य मानता हूं और आप सभी का आशीर्वाद चाहता हूं। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि जो भी धार्मिक जगह हैं, वहां शराब बंदी होगी। भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांत आज यहां जीवंत हुआ है। हमने भगवान को नहीं देखा लेकिन आज आचार्य श्री को देखकर लगता है कि उन्हें देख लिया।

गुरू आशीर्वाद से बड़ा कोई पद नहीं होता- आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज

भारत में श्रवण संस्कृति को जीवंत करने वाले दिगंबर संत हैं, निग्र्रथों को देखकर चित्त प्रसन्न होता है। ये संत किसके बल पर यहां आएं हैं, ये पूछा जाता है। ये सब तीर्थंकर महावीर की परंपरा को अक्षुण्ण रखने के लिए यहां आए हैं। पट्टाचार्य महोत्सव के लिए इन्दौर मालवा का चयन इसलिए किया हैं कि अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु स्वामी के समय 24 हजार दिगंबर मुनि उज्जैन मालवा से दक्षिण की ओर गए थे। मालवा भूमि भगवान महावीर की तपोभूमि रही है। गुरू विराग सागर महाराज ने हम सबको तैयार किया हैं, उनकी डांट भी शिष्य को ऊपर भेजने के लिए होती हैं। हम जो कुछ भी हैं गुरू विराग सागर महाराज की कृपा है। पद की कभी न इच्छा की न कभी करेंगे, गुरू आशीर्वाद से बड़ा कोई पद नहीं होता। उक्त विचार आध्यात्म योगी शताब्दी देशनाकार आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज ने गांधी नगर गोधा एस्टेट स्थित सुमतिधाम में आयोजित 6 दिवसीय पट्टाचार्य महोत्सव के प्रथम दिन देशना मंडप में प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने जैन धर्मावलंबियों को णमोकार मंत्र की व्याख्या करते हुए कहा कि णमोकार महामंत्र 84 लाख मंत्रों का राजा है। जिसमें आतंकवाद जैसी समस्याओं से मुक्ति का उपाय हैं। अखण्डता, अनेकता में एकता की बात करने वाला मंत्र णमोकार हैं। आज इन्दौर में णमो लोए सव्वं याहूणं का पाठ सर्वत्र दिखाई दे रहा है। जो होश में जीता हैं, होश में मृत्यु को प्राप्त होता है। उसका नाम समाधि मरण हैं, जो होश में जीए बेहोशी में मरे वो भोगी है।

विराग सागर ने जीने की कला सिखाई- आचार्य पुष्पदंत सागर

आचार्यश्री पुष्पदंत सागर महाराज ने कहा कि जो अपने निकट पहुंचते हैं तो इनडोर (इन्दौर) हो जाते हैं जो पदार्थों के नजदीक जाते हैं वे आउटडोर हो जाते हैं। आचार्य विराग सागर हमसे दूर नहीं है। उन्होंने सभी को व्यवहार सिखाया, जीने की कला सिखाई। आचार्यश्री विनिश्चय सागर महाराज ने कहा कि मैं कोलकाता से यहां आ रहा हूं अपने गुरू विराग सागर महाराज की आज्ञा का पालन कर रहा हूं। गुरूदेव ने पहले हमें विशुद्ध सागर महाराज के रूप में एक अच्छा मित्र दिया। अब एक अच्छे विश्वासके रूप में हमें एक ताकत मिली है। श्रुत संवेगी मुनिश्री आदित्य सागर महाराज ने कहा कि आचार्यत्व का निर्वहन सीखना हो तो वह आचार्य विराग सागर जी से सीखा जा सकता है।

मध्यप्रदेश शासन के केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से सुमतिधाम तक आचार्य संघ के साथ व्यवस्था बनाते हुए चले। विशाल जन समुदाय को भावभरा उद्बोधन देते हुए उन्होंंने कहा कि इन्दौर की धरा आज धन्य हो गई। आज जैसा दृश्य इन्दौर ने पहले कभी नहीं देखा। प्रधानमंत्री श्री मोदी , मुख्यमंत्री की नजर भी इस समारोह पर हैं किसी को कोई असुविधा न हो यह दायित्व मेरा है। महोत्सव के दौरान गुरू भक्त परिवार के मनीष गोधा ने मालवी पगड़ी पहनाकर केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का सम्मान भी इस दौरान किया।

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