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थोकबंद तबादलों के बाद अब निरस्त करने की जुगाड़, प्रभारी मंत्री तक लगा रहे हैं पैरवी।

विभाग के लिए अधिकारी भी लगे अपने चहिते को बैठेने में लगे जनजातीय विकास विभाग में 340 शिक्षकों के हुए थे तबादले, 20 से अधिक आवेदन निरस्त के लिए आए

आशीष यादव धार
जिले में लगभग तीन दर्जनों के विभागों अधिकारी व कर्मचारियों की तबादले हुए जिसके लिए कर्मचारी हाथ पैर मार रहे है वही अपनी जगह बैठने के लिए अपने आकाओं में साथ अपने चाहने वाले अधिकारियों की जी हुजूरी करने में लगे वही स्थांतरण के बाद कही अधिकारियों द्वारा तबादले हुए कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। वही उनकी रिलीव के बाद अभी वही बैठकर चाँदी काटने में लगे शासन के आदेश पर जनजातीय विकास विभाग द्वारा बड़ी संख्या में शिक्षकों सहित कर्मचारियों के तबादले किए गए। इमनें कुछ ऐसे भी थे, जिनकी लंबे समय से शिकायतें मिल रही थी। जनप्रतिनिधियों की सिफारिश के आधार पर बड़ी संख्या में जिले के अंदर और बाहर ट्रांसफर किए गए। वहीं अब आदेश को निरस्त करने के लिए कई शिक्षक जुगाड़ में लग गए हैं। इसके चलते पिछले तीन-चार दिनों से सहायक आयुक्त कार्यालय में कर्मचारियों का भीड़ लग रही है।
थोड़ बंद हुए तबादले:
अधिकारिक सूत्रों की मानें तो विभगा में 340 शिक्षक सहित चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का तबादला किया गया था। वहीं कुछ शिक्षक अन्य जिलों से आए हैं। तबादलों के लिए दो प्रकार की प्रक्रिया अपनाई गई। इसमें स्वेच्छिक और शिकायतों का आधार माना गया। जनप्रतिनिधियों की शिकायतों के आधार पर 100 से अधिक शिक्षक इधर से उधर हुए हैं, जो अब बचने के लिए प्रभारी मंत्री तक एप्रोच लगा रहे हैं। इस संबंध में सहायक आयुक्त नरोत्तम वरकड़े का कहना है कि ऐसे शिक्षक अथवा कर्मचारी, जिनका नाम किन्हीं कारणों से गलती से ट्रांसफर लिस्ट में आ गया है, केवल वही आदेश निरस्त होंगे। अभी तक 20 से अधिक आवेदन विभाग को मिले। इन्हें कलेक्टर कार्यालय के माध्यम से प्रभारी मंत्री को वापस भेजा जाएगा। जिनकी अनुशंसा मिलने पर ही ऑर्डर कैंसिल होंगे।
बीमार कर्मचारियों के स्थांतरण:
दिव्यांग और बीमारी से जूझ रहे शिक्षकों के भी ट्रांसफर हो गए विभाग के माध्यम से ऐसे शिक्षकों के भी ट्रांसफर किए गए हैं, जो दिव्यांगता की श्रेणी में आते हैं, जिनके संबंध में शिकायत सामने आई थी। वहीं लंबी बीमारी से जूझ रहे शिक्षकों के ट्रांसफर हुए हैं, जबकि इन्हें छूट मिलना थी। बता देकि कही कर्मचारी बीमारी के चलते अन्य जगह जाने में असमर्थ है तो कुछ कर्मचारियों के रिटायरमेंट भी नजदीक है।
अधिकांश विभाग में कर्मचारी कर रहे काम:
जहां सरकार के नियम के अनुसार कर्मचारियों व अधिकारियों के ताबदले हुए मगर अधिकारी को कर्मचारी अपनी अंगद की तरह जमे पर कुर्सी पर बैठने पर ही लगे हुए वहीं कहीं अधिकारी उसी विभाग में ही रहकर अपना सिक्का जमाना चाहते है तो कुछ कर्मचारी नेताओं के शरण में जाकर वह अधिकारियों को दंडवत प्रणाम कर के वहीं बैठे हुए हैं। वहीं नियम अनुसार उनकी रिलीविंग तो कर दी है मगर अब भी अपने काम के प्रति इतने ईमानदार है के उनके कार्य क्षेत्र में बचे हुए कामो की चांदी काटने में लगे है इसमें पुलिस विभाग व वन विभाग व शिक्षा विभाग स्वास्थ, खनिज, सहित कही विभागों के कर्मचारी आज भी वही है।

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