हंसदास मठ स्थित पंचमुखी हनुमान की भुजाओं को सवा किलो से अधिक चांदी के गहनों से किया श्रृंगारित
समूचा गर्भगृह दमक रहा 25 किलो चांदी की चमक से – इस बार हनुमान जयंती पर मनाएंगे विशेष उत्सव

हंसदास मठ स्थित पंचमुखी हनुमान की भुजाओं को सवा किलो से अधिक चांदी के गहनों से किया श्रृंगारित
समूचा गर्भगृह दमक रहा 25 किलो चांदी की चमक से – इस बार हनुमान जयंती पर मनाएंगे विशेष उत्सव
इंदौर । एयरपोर्ट रोड स्थित प्राचीन हंसदास मठ के चमत्कारी पंचमुखी हनुमानजी को अब लगभग सवा 1300 ग्राम चांदी से निर्मित भुजाओं के साथ ही गरूड़जी को भी सर्पाकार मुकुट से श्रृंगारित किया गया। इस तरह पंचमुखी हनुमानजी का गर्भगृह करीब 25 किलो चांदी से दमक उठा है।
मठ के हंस पीठाधीश्वर महामंडेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य में महामंडलेश्वर महंत पवनदास महाराज ने बताया कि वर्ष 1997 में हनुमानजी ने चोला छोड़ा था, तब पहली बार हनुमानजी के पंचमुखी दिव्य स्वरूप का प्राकट्य हुआ था। इसके बाद से ही हनुमानजी के इस दिव्य विग्रह के प्रति भक्तों की श्रद्धा और आस्था बढ़ती चली गई। अभी भी यहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु आकर सात गांठ बांधकर और सात परिक्रमा लगाकर अपनी मन्नत मांगते हैं और सेंवफल का प्रसाद अर्पित करते हैं। यह प्रसाद भक्तों को प्रसाद के रूप दिया जाता है और मान्यता है कि इस प्रसाद से भक्त की मन्नतें पूरी होती हैं। अनेक भक्त यहां संतान की प्राप्ति, रोजगार और कारोबार में मनचाही स्थिति से लेकर अनेक तरह की कामनाओं के लिए अपनी अर्जी लगाते हैं। शनि की साढ़ेसाती से बचाव के लिए भी यहां मन्नतें मांगी जाती है, क्योंकि यह एकमात्र ऐसा मंदिर हैं, जहां हनुमानजी के चरणों में शनि विराजित हैं।
भक्तों में बढ़ती श्रद्धा को देखते हुए प्रतिवर्ष यहां हनुमानजी के विग्रह को रजत मंडित किया जाता रहा है। अब इस हनुमान जयंती पर हनुमानजी के इस विग्रह को सवा 1300 ग्राम अर्थात 1 किलो 300 ग्राम से कुछ अधिक चांदी से उनकी भुजाओं को मंडित किया गया है। उन्हें चांदी के त्रिशूल, तलवार, शंख, फर्सा एवं अन्य हथियार तथा आभूषणों से मंडित किया गया है। इसी तरह गरूड़जी को भी चांदी के सर्पाकार मुकुट से मंडित किया गया है। कुल मिलाकर करीब 25 किलो चांदी से अब पंचमुखी हनुमानजी का यह दरबार दमक रहा है। हनुमान जयंती पर यहां विशेष उत्सव मनाने की तैयारियां की जा रही हैं।