इंदौर

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक 21, 22 एवं 23 मार्च 2025 को बैंगलुरु के निकट चेननहल्ली के जनसेवा विद्या केंद्र में संपन्‍न हुई।

नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान के द्वारा संघ साहित्य वितरित किया जाएगा।

 

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक 21, 22 एवं 23 मार्च 2025 को बैंगलुरु के निकट चेननहल्ली के जनसेवा विद्या केंद्र में संपन्‍न हुई।

कार्यस्थिति वृत्त

देश में 51,570 स्थानों पर प्रतिदिन कुल 83,129 शाखायें संचालित की जाती हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10,000 से अधिक हैं। साप्ताहिक मिलन में पिछले वर्ष की तुलना में 4,430 की वृद्धि हुई है।शाखाओं और मिलन की कुल संख्या 1,15,276 है। देश के 58,981 ग्रामीण मंडलों में से 30,717 मंडलों में दैनिक शाखाएँ और 9,200 मंडलों में साप्ताहिक मिलन चल रहे हैं। पिछले वर्ष सरसंघचालक जी के आह्वान पर 2,453 स्वयंसेवकों ने संघ कार्य के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए स्वयं को दो वर्ष के लिए विस्तारक के रूप में समर्पित किया। संघ वेबसाइट पर ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से साल 2012 से अब तक 12,72,453 से अधिक लोगों ने संघ से जुड़ने में रुचि दिखाई है, जिनमें से 46,000 से अधिक महिलायें हैं।

देश भर में कुल 4,415 तीन दिवसीय प्रारंभिक वर्गों में 2,22,962 स्वयंसेवक शामिल हुए।आगामी सत्र में 96 स्थानों पर संघ शिक्षा वर्ग और कार्यकर्ता विकास वर्गों का आयोजन किया जावेगा। इस वर्ष भाग्यनगर ( हैदराबाद ) में विश्व संघ शिविर का आयोजन किया जावेगा। विश्व संघ शिविर में साठ देशों से दो हजार स्वयंसेवकों के आने की संभावना है। ऐसा विश्व संघ शिविर 2015 में इंदौर में लग चुका है।

मालवा प्रांत में 3046 स्थानों पर 881 बाल एवं 150 महाविद्यालयीन विद्यार्थी शाखाओं सहित कुल 4636 शाखायें लग रही हैं। प्रांत में पिछले वर्ष की तुलना में 403 शाखायें बढ़ी हैं। प्रांत में 1538 ग्रामों में साप्ताहिक मिलन तथा 1484 गांवों में मासिक मंडली चल रही हैं। मालवा प्रांत में शाखाओं के विस्तार के लिए 12170 ग्रामों में 9059 कार्यकर्ताओं ने सात दिन का समय विस्तारक के रूप में दिया।जहाँ उन्होंने चौपाल बैठकें लीं और शाखा व साप्ताहिक मिलन आरंभ किये।

देशभर में शिक्षा, चिकित्सा, स्वावलंबन और सामाजिक जागरण से संबंधित कुल 89,706 सेवा गतिविधियाँ चल रही हैं। 1084 स्थानों पर स्वयंसेवकों ने मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध तथा एक ही स्रोत से पीने का पानी लेने पर रोक जैसी गलत सामाजिक प्रथाओं को समाप्त करने का प्रयास किया है। 260 से अधिक स्थानों पर स्वयंसेवकों ने सफाई कर्मचारियों को भोजन, स्वच्छता, चिकित्सा जांच, काम में मदद करने वाले उपकरण आदि उपलब्ध कराकर सहायता की है।सेवा भारती तथा स्वयंसेवकों द्वारा प्रांत की 1241 में से 615 सेवा बस्ती में शिक्षा, संस्कार, स्वावलंबन के सेवाकार्य चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रांत में मातृछाया, स्वास्थ्य, छात्रावास, कौशल विकास व शिक्षण के बडे प्रकल्प भी संचालित हो रहे हैं।

 

उल्लेखनीय कार्य

प्रयागराज महाकुम्भ के लिए समुचित और सुचारू आधारभूत संरचना और प्रबंधन व्यवस्था बनाने और चलाने के लिए उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार और केंद्र सरकार को बधाई दी गयी। महाकुम्भ के दौरान संघ से प्रेरित अनेक संस्थाओं और संगठनों ने विभिन्न प्रकार के सेवा, धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और वैचारिक आयोजन किए।

सक्षम द्वारा आयोजित नेत्र कुम्भ में निःशुल्क नेत्र परीक्षण से 2,37,964 लोगों ने लाभ उठाया, जबकि 1,63,652 लोगों को निःशुल्क चश्में तथा 17,069 लोगों ने निःशुल्क मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई। 53 दिनों तक चले सेवा कार्य में 300 से अधिक नेत्र विशेषज्ञों तथा 2800 कार्यकर्ताओं ने काम किया।

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ने कुम्भ को थर्मोकोल प्लेट या पॉलीथिन बैग मुक्त बनाने के लिए अनेक संगठनों के सहयोग से “एक थाली-एक थैला अभियान” चलाया। कार्यकर्ताओं ने 2241 संस्थाओं के सहयोग से 7258 केंद्रों पर कुल 14,17,064 प्लेटें और 13,46,128 थैले एकत्रित किए, जिन्हें कुम्भ के विभिन्न पंडालों में वितरित किया गया।

लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर की 300वीं जयंती वर्ष में पूरे देश में कुल 21,778 कार्यक्रमों में 27,97,014 लोगों की सहभागिता रही। व्याख्यान, नाट्यमंचन, वृत्तचित्र निर्माण,मानवंदन यात्रा, मूर्ति स्थापना, मंदिर-घाट-नदी स्वच्छता और साहित्य निर्माण जैसे विभिन्न प्रेरणादायी कार्यक्रमों के द्वारा लोकमाता देवी अहिल्याबाई के कृतित्व को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य विभिन्न संगठनों के द्वारा किया गया।

मणिपुर में मैतेई और कुकी जनजाति समूहों और समाज से संपर्क- संवाद कर, सद्भाव लाने के लिए इंफाल, गुवाहाटी और दिल्ली में बैठकें की।अपने ही घरों से निकाले गए लोगों के लिए संघ के स्वयंसेवकों द्वारा राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहाँ भोजन, आश्रय और आवश्यक चीजें उपलब्ध कराई गई हैं।

बांग्लादेश में हिन्दुओं के उत्पीड़न पर प्रस्ताव

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में पारित ‘बांग्लादेश के हिन्दू समाज के साथ एकजुटता से खड़े होने का आह्वान’ शीर्षक वाले प्रस्ताव में बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों के हाथों हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रही हिंसा, उत्पीड़न और लक्षित उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त करते की गयी है।बांग्लादेश की स्थिति पर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि धार्मिक संस्थानों पर व्यवस्थित हमलों, क्रूर हत्याओं, जबरन धर्मांतरण और हिन्दुओं की संपत्तियों को नष्ट करने के चक्र ने बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के लिए अस्तित्व का संकट पैदा कर दिया है। प्रस्ताव में धार्मिक असहिष्णुता और मानवाधिकारों के उल्लंघन के इन कृत्यों की कड़ी निंदा की गई है और संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों और वैश्विक समुदाय से इन अमानवीय कृत्यों पर गंभीरता से ध्यान देने और बांग्लादेश सरकार पर हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का दबाव बनाने का आह्वान किया है।

सरकार्यवाहजी का वक्तव्य

पुर्तगालियों के खिलाफ छोटे से राज्य उल्लाल (दक्षिण कन्नड़, कर्नाटक) की वीरता से रक्षा करने वाली रानी अबक्का के जन्म की 500वीं वर्षगांठ के अवसर पर श्रद्धांजलि स्वरूप सरकार्यवाहजी द्वारा जारी वक्तव्य में उन्हें अप्रतिम महिला स्वतंत्रता सेनानी, एक कुशल प्रशासक और निडर योद्धा के रूप में याद किया गया। उनके योगदान को सम्मान देते हुए भारत सरकार ने 2003 में डाक टिकट जारी किया तथा 2009 में एक गश्ती पोत का नाम उनके नाम पर रखा। सरकार्यवाह जी ने राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान, साहस तथा नेतृत्व से प्रेरणा लेने का आग्रह किया।

संघ स्थापना का शताब्दी वर्ष

इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह वर्ष संघ कार्य के विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित होगा। संघ का उद्देश्य इस उपलब्धि का उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि आत्मचिंतन करना, संघ कार्य के लिए समाज द्वारा दिए समर्थन के लिए आभार प्रकट करना तथा राष्ट्र के लिए तथा समाज को संगठित करने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करना है।

शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी, जिसमें गणवेश में स्वयंसेवकों के मंडल, खंड/नगर स्तर के पथ-संचलन का आयोजित किये जावेंगे।

नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान के द्वारा संघ साहित्य वितरित किया जाएगा।

सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जायेंगे, जिसमें बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक के जीवन में एकता और सद्भाव, राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी, का संदेश दिया जाएगा।

खंड/नगर स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जायेंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा।

जिला स्तर पर प्रमुख नागरिक संवाद आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और आज प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम प्रांतों द्वारा आयोजित किए जावेंगे।

प्रतिनिधि सभा ने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विश्व शांति और समृद्धि के लिये समरस और संगठित भारत के निर्माण का संकल्प लिया। संकल्प में संघ की जीवनयात्रा में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले संत, समाज और स्वयंसेवक परिवारों के अटूट विश्वास, स्नेह और सहयोग का स्मरण किया गया।अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में देशभर से 34 संगठनों के 1442 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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