बंद का असर में पीथमपुर औद्योगिक नगरी को लगा 200 करोड़ का झटका कारोबार पर पड़ा प्रभाव

जहरीले कचरे के विरोध में बंद पीथमपुर ने राजस्व के नुकसान के साथ आम लोगो का भी हुआ घाटा।
आशीष यादव। धार। भोपाल गैस त्रासदी के रासायनिक जहरीले कचरे को पीथमपुर के इंसीनेटर में जलाने के विरोध में शुक्रवार को पीथमपुर बंद रहा। इसका जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। बाजारों को सुबह से ही बंद रखा गया। कहीं कहीं दुकानें खुली मिली जिन्हें भी बंद करवा दिया गया। बंद के कारण पीथमपुर में एक ओर जहां करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ वहीं दूसरी और उद्योगों की कमर भी टूट गई। उद्योगों को करीब 200 करोड़ का नुकसान हुआ है। शुक्रवार को विरोध के चलते पूरा बाजार बंद रहा।
शनिवार को कुछ उद्योग आंशिक रूप से खुले, लेकिन अधिकांश बंद रहे। रविवार को साप्ताहिक अवकाश के कारण औद्योगिक गतिविधियां ठप रहीं। एम्बुलेंस, अस्पताल, मेडिकल स्टोर, दूध डेयरी आदि को बाहर रखा गया। उधर, चक्काजाम के कारण बसों और ट्रकों के पहिए तक थमे रहे। विभिन्न संगठन से जुड़े लोग सुबह से बाइक पर बाजार एरिया में बंद करने के लिए रैली बनाकर घूमते हुए दिखाई दिए। उधर, व्यापारियों का दावा है कि बाजार बंद रहने से करीब दस करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ हैं। यह आर्थिक नुकसान इससे भी अधिक हो सकता है। सुबह दुकानों और शोरूम पर काम करने वाले कारीगर, सैल्समैन और स्टाफ नहीं आया।
मिठाईयों की दुकानें बंद, बनी नहीं खाद्य सामग्री
त्यौहारी सीजन के बावजूद मिठाइयों की दुकानें बंद रहने से कारीगर और वहां काम करने वाले स्टाफ ठाले बैठे रहे। खाद्य सामग्री नहीं बनने के कारण दोपहर बाद खुली इन दुकानों पर ग्राहकी कम रही। खाने पीने के शौकीनों के लिए भी यह बंद आफत लेकर आया। कॉफी की दुकानें पर भी बंद का असर रहा।

किराना व्यापार ठप
किराना व्यापार पर बंद का बड़ा असर देखने को मिला। विशेष रूप से ऑनलाइन किराना सेवाएं जैसे किराना ऐप और होम डिलीवरी पूरी तरह से बाधित रहीं। किराना व्यापारी अरविंद मिश्रा ने कहा कि 10 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। बाजार बंद रहने से इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ा व्यापारियों को बड़ी संख्या में ग्राहकों को खोना पड़ा। एक व्यापारी ने कहा, “वीकेंड की बिक्री का बड़ा हिस्सा हमारे लिए महत्वपूर्ण होता है, लेकिन तीन दिनों में कोई भी ग्राहक नहीं आया।”
खुदरा व्यापार:
छोटे दुकानदारों और स्थानीय बाजारों में रोजमर्रा के सामान बेचने वाले व्यापारियों की बिक्री पूरी तरह से ठप रही।
व्यापार पर असर:
किराना, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक्स के व्यापारियों ने तीन दिन तक बिक्री न होने से नुकसान झेला। सब्जी और डेयरी उत्पाद जैसे खराब होने वाले सामान बर्बाद हो गए। दिहाड़ी मजदूरों और छोटे कारोबारियों की कमाई पूरी तरह बंद रही।
उद्योगों को नुकसान:
ऑटोमोबाइल और मशीनरी उद्योगों में उत्पादन रुकने से करोड़ों का नुकसान हुआ निर्यात के ऑर्डर पूरे न होने से उद्योगपतियों की साख पर असर पड़ा। श्रमिकों को तीन दिन की मजदूरी नहीं मिली, जिससे उनका जीवन प्रभावित हुआ।
सरकार की राजस्व हानि
बंद के चलते जीएसटी और अन्य करों से राज्य सरकार को करीब 15 – 20 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। औद्योगिक उत्पादन और व्यापार ठप होने से आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार धीमी हो गई।
इनका कहना है।
शुक्रवार, शनिवार और रविवार को उत्पादन बंद रहने से ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल उद्योगों को बड़ा नुकसान हुआ। बड़े ऑर्डर समय पर पूरे नहीं हो सके, जिससे व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ने का खतरा है। उद्योगों को करीब 200 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। श्रमिकों को भी मजदूरी नहीं मिली, जिससे उनका जीवन प्रभावित हुआ है।- गौतम कोठारी अध्यक्ष, औद्योगिक संगठन