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सेंधवा। मुख्यमंत्री का सेंधवा दौरा तय 11 जनवरी को सेंधवा आएंगे

सेंधवा। मुख्यमंत्री का सेंधवा दौरा तय 11 जनवरी को सेंधवा आवेंगे । वे सेंधवा में नर्मदा का जल लाने हेतु सेंधवा और निवाली माइक्रो योजना की आधार शीला रखेंगे । साथ ही नगर के रोड डिवाइडर सहित जिले की कई योजनाओं के तहत निर्माण कार्य का भूमि पूजन व लोकार्पण भी करेंगे । उक्त जानकारी देते हुए भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का सेंधवा दौरा तय हो गया है । वे 11 जनवरी को सेंधवा आवेंगे । जहां वे सेंधवा व निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का भूमि पूजन करेंगे । नर्मदा का पानी से सेंधवा व पानसेमल विधान सभा क्षेत्र के किसान सिंचाई कर कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाकर अपना जीवन स्तर को सुधारने के लिए अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने भागीरथी प्रयास किए थे। वे नर्मदा के पानी लाने के लगातार सरकार व अधिकारियों से सतत संपर्क में रहे । नर्मदा का पानी सेंधवा लाने का सपना उन्होंने मप्र सरकार में केबिनेट मंत्री रहते हुए देखा था । ओर वे लगातार इस योजना के पीछे पड़े रहे । वे दो बार विधानसभा का चुनाव हारने व विधायक नहीं रहने के बाद भी वे सतत तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के संपर्क में रहे । मुख्यमंत्री चौहान ने पैसा एक्ट योजना के तहत चाचरिया में नर्मदा कंपनी सेंधवा विधान सभा में लाने व यहां का किसान नर्मदा के पानी से सिंचाई करने वाली सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना की घोषणा कर दी । किंतु सरकार के पास बजट में पैसा नहीं होने से योजना लंबित होती चली गई । इस बीच मप्र में सरकार तो भाजपा की बन गई। जिसमें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बनाए गए । उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी नेता अंतरसिंह आर्य को अनुसूचित जनजाति आयोग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया । अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय बनने के पश्चात आर्य ने मुख्यमंत्री डॉ यादव से मुलाकात कर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना की डीपीआर सौंपते हुए इस योजना को मूलरूप देने हेतु वित्तीय स्वीकृति देने का अनुरोध किया था । मुख्यमंत्री डॉ यादव ने आर्य की मुलाकात के बाद एक सप्ताह के भीतर ही केबिनेट की बैठक में इस योजना के साथ साथ निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना को भी वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई । विभाग द्वारा वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद इस दिशा में कम करते हुए टेंडर प्रक्रिया अपना ली गई है । इस योजना की आधार शीला रखने हेतु आर्य ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को निमंत्रण दिया गया था। जिसके तहत मुख्यमंत्री का दो बार कार्यक्रम तय होने के बाबजूद आगे बढ़ गया था। अब मुख्यमंत्री कार्यालय से 11 जनवरी की तारीख तय कर दी गई है । इसकी सूचना अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य को भी दी गई है ।
कार्यक्रम को लेकर कार्यकर्ता कार्य में जुट गए
वैसे तो यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से सरकारी आयोजन है । भाजपा भी अपनी ओर से तैयारी में जुट गई है बड़ी संख्या में ग्रामीण कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम में आने की संभावना है । अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य भी 10 जनवरी को अपने व्यस्त कार्यक्रम से वे मुंबई से रात्रि को सेंधवा पहुंच रहे है । वे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे ।


इसका भी होगा भूमि पूजन
मुख्यमंत्री अधोसंरचना व कायाकल्प योजना के तहत डॉ आंबेडकर से ग्रामीण थाने व कौशल्या धाम से हायर सेकेंडरी स्कूल तक सेंटर लाइट डिवाइडर युक्त सीमेंट कंक्रीट रोड का भूमि पूजन होगा । केंद्र सरकार की अमृत 02 योजना के तहत उद्यान व तालाब सौंदर्य करण का भी भूमि पूजन किया जाएगा। इसके अलावा जिले से अन्य विभागों में भी कार्य का लोकार्पण व भूमि पूजन होगा। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम सेंधवा व पानसेमल विधानसभा सहित जिलेभर आवेंगे कार्यकर्ता ।
भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना व निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का भूमि पूजन होने से सेंधवा पानसेमल के कार्यकर्ताओं के साथ बड़वानी जिले के कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे । कार्यक्रम को मूलरूप देने हेतु भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एस वीरा स्वामी, जिला उपाध्यक्ष विकास आर्य, नपा उपाध्यक्ष मोहन जोशी, प्रवक्ता सुनील अग्रवाल, राहुल पवार, सुरेश गर्ग, गणेश राठौड़, सचिन शर्मा, लला शर्मा, प्रकाश निकुम, विवेक तिवारी, रोहित गर्ग, ने कलेक्टर व जिलाधिकारियों के साथ स्थल का निरीक्षण कर अपने मत रखे । वहीं कार्यक्रम की रूप रेखा से पानसेमल विधायक श्याम वर्डे को भी अवगत कराया गया ।
कलेक्टर सहित जिला अधिकारियों ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया । जिला कलेक्टर ने दोपहर 12 बजे किला प्रांगण में दो स्थलों का निरीक्षण किया जिसमें किले के अंदर पिछले गेट व कपास मंडी का ग्राउंड देखा जिसमें कपास मंडी का मैदान बड़ा होने से यह स्थल का चयन किया गया । इसके बाद हेलीपेड व पार्किंग स्थल का भी निरीक्षण किया गया ।

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