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सामाजिक बदलाव: धार जिले में 25 सौ मरीज सबसे अधिक सिकल सेल के नए मरीज बड़वानी में तो सबसे कम बुरहानपुर में मिले हर साल बढ़ रहे हजारो मरीज।

सिकलसेल बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही, इसे खत्म करने की दिशा में सोच रहे लोग।

धार; आदिवासी इलाकों में जागरूकता के अभाव के कारण सिकल सेल के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इंदौर संभाग में इंदौर जिले को छोड़कर अन्य सभी जिलों में इसके मरीज है। संभाग के धार 25 सौ मरीज तो झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर में वर्ष 2024-25 में सिकल सेल के 6736 नए मरीज मिले हैं। सबसे अधिक मरीज बड़वानी में 2200 मिले हैं, वहीं सबसे कम मरीज बुरहानपुर में 104 मिले हैं। यह मरीज मिलना चिंताजनक है। सिकल सेल के मरीज आदिवासी इलाकों में हैं। हालाकि आदिवासी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे सिकल सेल के मरीजों की संख्या कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का उपचार बहुत ही मुश्किल भरा होता है। संभागभर में कई लोग अपनी जान इस बीमारी के कारण गंवा चुके हैं। लगातार खून की कमी होने और उस कारण होने वाली अन्य बीमारियों के कारण बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। वहीं इस पूरे मामले में देखने में मिला है। बताया देकि माता-पिता दोनों को सिकल सेल बीमारी है, तो उनके बच्चों को सिकल सेल होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए शादी के पहले इसकी जांच जरूर करवा लेना चाहिए।

जड़ से खत्म करने के लिए अभियान:
वही धार जिले में सिकलसेल बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे है। बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके। इसके लिए सिकलसेल पीड़ितों को शादी नहीं करने के लिए राजी किया जा रहा है। वहीं जिनकी शादी हो गई है। वह फैमिली प्लानिंग नहीं करेंगे। विशेषज्ञों की माने तो ऐसा करने से बीमारी को खत्म किया जा सकता है। क्योंकि सिकलसेल पीड़ित के बच्चों से भी जन्म से ही इस बीमारी से ग्रसित होते है।

26 लाख मे 12 लाख लोगो की जाँच:
जानकारी के अनुसार जिले की आबादी 26 लाख 87 हजार 432 है। इनमें से अब तक 12 लाख 7 हजार लोगों की जांच की जा चुकी है। जिले में जांच का टारगेट पूरा हो चुका है। इनमें से 2 हजार 519 रोगी मिले हैं। इसके अलावा 25 हजार 83 सिकलसेल के वाहक मिल चुके हैं। इन लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जरूरी दवाइयां और फोलिग एसिड की टेबलेट दी जा रही हैं ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम न हो। जो ज्यादा गंभीर हैं, उन्हें जिला अस्पताल में ब्लड भी चढ़ाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार स्क्रीनिंग आदिवासी आबादी वाले क्षेत्रों में की गई है, जहां सिकलसेल के ज्यादा मरीज और वाहक हैं। वहीं सिकलसेल की रोकथाम को लेकर आज पीजी कालेज में आयोजित होने वाला है । इस कार्यशाला में राज्यपाल मंगूभाई पटेल शामिल होकर लोगों को प्रेरित करेंगे।

प्रदेश के पांच जिलों में 75 प्रतिशत मरीज:
बता दें कि भारत में जनजातीय आबादी में लक्षणों की व्यापकता लगभग 10 प्रतिशत है और रोग की व्यापकता एक प्रतिशत है। मध्य प्रदेश के 45 में से 27 जिले सिकल सेल जोन में आते हैं। प्रदेश में सिकल सेल के 75 प्रतिशत मरीज आदिवासी जिले अलीराजपुर, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, झाबुआ और डिंडोरी के हैं। बता दें कि सिकल सेल एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार टेढ़ा (हंसिए की तरह) हो जाता है, जिससे पीड़ितों को खून की कमी, जोड़ों में दर्द सहित कई समस्याएं होने लगती हैं। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। वाहक महिला-पुरुष के बीच विवाह संबंध बचाकर इस बीमारी से पीड़ित संतान के जन्म को रोका जा सकता है।

जिला स्क्रीनिंग नेगेटिव रोगी
धार 2687432 127000 2519
झाबुआ 680426 665885 980
अलीराजपुर 500733 487356 888
खरगोन 427262 417066 1470
बड़वानी 369899 349831 2200
खंडवा 116373 113340 235
बुरहानपुर 90978 88697 104

ये है जिले की स्थिति
2687432 जिले की आबादी है
1200867 की जांच का था लक्ष्य
1200758 की स्क्रीनिंग की गई
2519 सिकलसेल के मरीज हैं
25083 सिकलसेल वाहक हैं

तैयारियों का निरीक्षण:
धार में आयोजित होने जा रहे सिकल सेल जागरूकता कार्यक्रम “संकल्प – प्रयास से आशा: एक कदम जागरूकता की ओर” की तैयारियों का शनिवार को केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती सवित्री ठाकुर ने पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम पहुँचकर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श₹ प्रियंक मिश्रा और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे। अधिकारियों ने व्यवस्थाओं की विस्तार से समीक्षा की और कार्यक्रम की सुचारुता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल 25 मई को भाग लेंगे। वे प्रातः 9:30 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा भोपाल से धार पहुंचेंगे तथा पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में सुबह 10:00 से 11:30 बजे तक आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे। कार्यक्रम उपरांत वे 11:30 बजे सर्किट हाउस के लिए रवाना होंगे और दोपहर 12:40 बजे हेलीकाफ़्टर से बड़वानी जिले के लिए प्रस्थान करेंगे।

 

 

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