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नई शराब नीति में बड़ा बदलाव, अब हर दुकान पर होगी सरकार की नजर नई आबकारी नीति से मंहगी होगी शराब, आय की भरपाई के लिए शराब कीमतों में वृद्धि।

आबकारी विभाग कर रहा ठेकेदारों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद प्रदेश में कहीं भी नीलामी में शामिल हो सकेंगे शराब ठेकेदार।

आशीष यादव धार

मध्य प्रदेश में नई आबकारी नीति-25-26 बदलाव के साथ एक अप्रेल से लागू होगी। सोमवार से प्रदेश में दुकानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई। पहला अवसर वर्तमान दुकान संचालक को मिला। 20 फीसदी बढ़ोतरी के साथ वर्तमान शराब दुकान संचालक लाइसेंस को रिन्यू करा सकेगा। मगर ठेकेदार ऑन द्वारा बढ़ोतरी होने पर जिले में एक भी रिन्यूवल का आवेदन अभी तक नही आया है। यदि दुकान नीलाम नहीं होती है तो, उसके बाद लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। सोमवार को नवीनीकरण की शुरुआत से पहले प्रदेशभर के आबकारी अधिकारियों की वीडियो कान्फ्रेंस से बैठक भी आयोजित की गई। इसमें निर्देश दिए गए।आबकारी विभाग संशोधित शराब नीति जारी करने के बाद कई नवाचार कर रहा है। जानकारी के अनुसार इन दोनों चरणों में आवेदन प्राप्त नहीं होने पर धार आबकारी विभाग वरिष्ठ कार्यालय से मार्गदर्शन लेकर जिला समिति के माध्यम से एकल समूह को अलग-अलग ग्रुपों में बांट सकता है। ठेकेदारों की मंशा भी ग्रुपों के माध्यम से ही दुकानें संचालित करने का हैं, इससे राजस्व भी अधिक मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

इसबार पौने 500 का हुआ जिला:
दरअसल पिछले वित्तीय वर्ष में जिले की शराब दुकानों के एकल समूह से 396 करोड़ रूपए के राजस्व की प्राप्त हुई थी। धार अब पौने 500 करोड़ का राजस्व देने वाला जिला बन जाएगा। नई नीति के तहत वर्तमान ठेकेदार ही अगर 20 प्रतिशत की वृध्दि कर दुकानों को यथावत रखता हैं, तो इस साल जिले की दुकानों से 474 करोड़ रूपए के राजस्व प्राप्त होनी की उम्मीद है। सहायक आबाकरी आयुक्त विक्रमदीप सांगर ने बताया कि एकलसमूह पर नवीनीकरण के लिए आवेदन 21 फ़रवरी तक 7:30 बजे तक थे। इसके बाद अन्य आवेदकों से लॉटरी आवेदन 22 फरवरी से 27 फरवरी तक जमा होंगे। इसी दिन नवीनीकरण व लॉटरी आवेदनों को निष्पादन की कार्यवाही की जाएगी। विभागीय पोर्टल के माध्यम से इच्छुक व्यक्ति संबंधित दस्तावेजों के साथ निर्धारित शुल्क का भुगतान कर पंजीयन कर सकता है।

ई-आबकारी पोर्टल पर होगा रजिस्ट्रेशन:
इसबार सरकार ने शराब दुकानों की नीलामी में भाग लेने के लिए ठेकेदारों को रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। एक बार रजिस्ट्रेशन हो गया तो वेरिफिकेशन स्लिप दिखाकर प्रदेश में कहीं भी नीलामी में भाग ले सकते हैं। अब तक बार-बार डॉक्यूमेंट देने होते हैं। विभाग द्वारा ट्रेनिंग भी दी गई। इसके लिए ठेकेदार आवेदन भी कर रहे हैं। वेरिफिकेशन के बाद ही ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन होगा। एक बार रजिस्ट्रेशन हो गया तो उससे मिली वेरिफिकेशन स्लिप से प्रदेश में कहीं भी ठेकेदार शराब दुकानों की नीलामी में प्रक्रिया में शामिल हो पाएंगे। इस वजह से नीलामी का समय भी कम होगा।

पीओएस मशीनों से शराब बिक्री:
आबकारी विभाग ने शराब की बिक्री को अधिक पारदर्शी बनाने और काले धन की रोकथाम के लिए पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत, अब सभी शराब दुकानों को पीओएस मशीन के माध्यम से ही शराब की बिक्री करनी होगी, ताकि हर एक बिक्री का रिकॉर्ड रखा जा सके। इससे बिक्री की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और सरकार को भी इस पर नियंत्रण रखना आसान होगा। इससे टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह भी पता चल सकेगा कि कौन सी दुकान कितनी शराब बेच रही है। बार कोड को स्कैन करने के बाद ही शराब की बिक्री कर सकेंगे, साथ ही बिल भी देना होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर पहले तीन बार में 25 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा।

ई-बैंक गारंटी की अनिवार्यता:
आबकारी विभाग ने शराब दुकानों के लिए ठेकेदारों को बैंक गारंटी देने के नए नियम भी जारी किए हैं। एक अप्रैल से लागू होने वाली नई नीति के तहत, शराब दुकानों के लिए लाइसेंस लेने वाले ठेकेदारों को ई-बैंक गारंटी के रूप में बैंक गारंटी देनी होगी। इस गारंटी की वैधता कम से कम 30 अप्रैल 2026 तक होगी और इसे अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा। इस नई व्यवस्था के तहत एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) को स्वीकार नहीं किया जाएगा और न ही पहले से जमा की गई एफडी का नवीनीकरण किया जाएगा। इसके अलावा, ठेकेदारों से प्रमाणित दस्तावेज भी लिए जाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ई-बैंक गारंटी पर पहला हक केवल उस ठेकेदार के पास होगा, जिसे शराब दुकान का ठेका मिलेगा। यह गारंटी साइबर ट्रेजरी के माध्यम से जमा की जाएगी और केवल स्वीकार्य बैंकों से ई-गैरंटी ही मान्य होगी।

डिफॉल्ट हुआ तो दूसरे जिलों में भी जाएगी सूचना:
विभाग के पास ठेकेदारों का रिकॉर्ड होने से उनके व्यवसायिक हिस्ट्री उपलब्ध होगी। किसी ठेकेदार ने किसी जिले में भुगतान में डिफॉल्ट किया तो अन्य जिलों में सूचना नहीं होने से करवाई नहीं हो पाती। अब ऑनलाइन सूचना सभी जिलों में मिल जाएगी, दूसरे ठेकों से भुगतान कराया जायेगा, नहीं तो दूसरे जिले के ठेके निरस्त कर दिए जाएंगे। वा आधार नंबर, जीएसटीएन और बैंक गारंटी का भी वेरिफिकेशन होगा ताकि किसी स्तर पर गड़बड़ी न हो। अब दुकान -लाइसेंस के अलावा शराब व्यापारी की पूरी डिटेल विभाग के रिकॉर्ड में होगी।

88 दुकानों का एक ग्रुप बनाया :

पिछले बार धार जिले में 88 शराब दुकानो को तोड़कर एक ग्रुप बनाया था। जिनका रिजर्व प्राइम 396 करोड़ रुपए रखा गया है। पिछले साल इन शराब दुकानों से 475 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ था। 17 से 21 फरवरी तक दुकानों के रिन्युअल होंगे। यदि जो दुकान नीलाम नहीं होती है उनका निष्पादन टेंडर के माध्यम से किया जाएगा। नई नीति के तहत यदि मौजूदा ठेकेदार 20 प्रतिशत अधिक शुल्क चुकाने को तैयार होते हैं। तो उनकी दुकान का नवीनीकरण किया जा सकता है, साथ ही जिले के लिए तय कुल आरक्षित मूल्य का 80 प्रतिशत तक नवीनीकरण होना अनिवार्य होगा। यदि यह लक्ष्य पूरा नहीं हुआ तो ई-टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि सरकार को अधिकतम राजस्व प्राप्त हो सके।

लाटरी सिस्टम होगा:
शराब की दुकानों को लेकर एक भी आवेदन नही आया है। वही अब लॉटरी की विज्ञप्ति जारी की जायेगी। वही अब 22 से 27 फरवरी तक जिले में लॉटरी आमंत्रित की जाएगी। साथ ही ई- टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
विक्रमदीप सांगर सहायक आबकारी धार

दुकानों के नवीनीकरण:
जिन जिलों में एकलसमूह पर नवीनीकरण के लिए आवेदन 21 फ़रवरी का समय था। अगर कोई आवेदन नही आए है तो। अब लॉटरी आवेदन 22 फरवरी से 27 फरवरी तक जमा होंगे। इसी दिन नवीनीकरण व लॉटरी आवेदनों को निष्पादन की कार्यवाही की जाएगी। विभागीय पोर्टल के माध्यम से इच्छुक व्यक्ति संबंधित दस्तावेजों के साथ निर्धारित शुल्क का भुगतान कर पंजीयन कर सकता है।
अभिजीत अग्रवाल, आबकारी आयुक्त

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