धारमुख्य खबरे

आरा मशीनों पर की कार्रवाई जिले में दो दिन में दो जगह गोदाम पर चलाई विभाग ने जेसीबी।

दोनों जगह के मशीनों को उखाडकर वनविभाग के कार्यालय में रखवाई।

आशीष यादव धार

जिले में वन विभाग द्वारा आरा मशीनो के ऊपर अवैध रूप से संचालन करने को लेकर कार्रवाई की जा रही है। वहीं जिले में दो दिनों में डीएफओ अशोक कुमार सोलंकी के मार्गदर्शन में कार्रवाई की गई है। जिसमें गुरुवार को धार वन विभाग ने 23 मार्च 2015 को घाटाबिल्लौद की एक आरा मशीन को सील किया था, लेकिन संचालक ने अवैध तरीके से इसे दोबारा शुरू कर दिया। 12 दिसंबर 2024 को वन विभाग ने एक बार फिर इस आरा मशीन को सील किया। जब संचालक कोर्ट में केस हार गया, तो उसने डबल बेच में अपील करने का प्रयास किया, लेकिन वहां भी उसका केस नहीं चला। बाद में डीएफओ के निर्देश पर वन विभाग ने घाटा बिल्लौद में कार्यवाही की और अवैध आरा मशीन को जब्त कर लिया। वन विभाग के एसडीओ धनसिंह मेड़ा का कहना है कि संचालक लगातार नियमों का उल्लंघन कर रहा था और अवैध रूप से लकड़ी का कटाव कर रहा था।

इधर मनावार में हुई कार्रवाई प्रकरण दर्ज:
बता दे की कुछ महीने पहले बालीपुर रोड़ स्थित मनावर में भारी मात्रा में सागौन काष्ठ वन विभाग द्वारा जप्त की गई थी। वनमण्डल अधिकारी धार अशोक कुमार सोलंकी के निर्देशानुसार परिक्षेत्र कुक्षी एवं धार से दो टीम गठित कर जप्ती कार्यवाही की गई। प्रकरण की जांच संतोष कुमार रनशोरे उपवनमण्डल अधिकारी सरदारपुर द्वारा की गई। बालीपुर रोड़ मनावर स्थित याहया आरामिल के नाम से मोहम्मद इदरीश उर्फ घोटू एवं रहमत मंसुरी निवासी मनावर द्वारा अवैध रूप से आरामशीन संचालित की जा रही थी। जबकि वनमण्डल धार में याहया आरामिल के नाम से कोई आरामशीन पंजीबद्ध नहीं है। आरामशीन हेतु अवैध रूप से भण्डारित की गई। आरे एवं हाथ कुल्हाड़ी से निर्मित सागौन चरपट सिल्लीया 85 नग (4.382 घ.मी.) जप्त की गई थी, जिसका मूल्य 2,83,387 – रूपये है। आरामशीन परिसर से ही सागौन चिरान 660 नग (20.652 घ.मी.) भी जप्त की गई थी जिसका मूल्य 13,46,563 रूपये है। कुल सागौन काष्ठ 745 नग (25.034 घ.मी.) की कीमत 16,29,950 रूपये की बेहिसाब काष्ठ पाई गई। जिसका म.प्र. काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम 1984 एवं म.प्र. वनोपज व्यापार (विनियमन) अधिनियम 1969 की विभिन्न धाराओ के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर प्रथम श्रेणी न्यायालय मनावर में चालान पेश किया। यह आरामशीन मूल रूप से जगदीश पिता कन्हैयालाल सुतार निवासी झकनावदा के नाम से पंजीबद्ध है जिसे जगदीश कन्हैयालाल ने माह जुलाई 2023 के दौरान राजगढ़ से मनावर स्थानांतरित कराया। प्रकरण में जगदीश कन्हैयालाल के साथ बालीपुर रोड मनावर में सागौन काष्ठ के अवैध भण्डारण हेतु गोदाम उपलब्ध कराने वाले सिराजुद्दीन, इस्लामुद्दीन पिता कमरूद्दीन निवासी मनावर को भी सह आरोपी बनाया है। मनावर बालीपुर रोड़ स्थित आरामशीन संचालक श्री जगदीश पिता कन्हैयालाल निवासी राजगढ़ को वर्ष 2024-26 तक जारी आरामशीन अनुज्ञप्ति को मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान अधिनियम 1984 की धारा 7, 9, एवं 12 के उल्लंघन किये जाने पर अनुज्ञप्ति को निलंबित किया गया है। जप्तशुदा आरामशीन, सागौन काष्ठ एवं अन्य उपकरणो की राजसात कार्यवाही वनमण्डल अधिकारी धार द्वारा की जावेगी। इसके लिए आरामशीन मालिक जगदीश कन्हैयालाल को नोटिस जारी किया गया है। वही शुक्रवार को प्रकरण मे जप्त आरामशीन मय मोटर के मौके से उखाड़कर परिक्षेत्र कार्यालय कुक्षी (सुसारी) परिसर मे ले जाई गई। श्री अशोक कुमार सोलंकी वनमण्डल अधिकारी धार के निर्देशन मे कार्यवाही उपवनमण्डलाधिकारी सरदारपुर संतोष कुमार रनशोरे, परिक्षेत्र अधिकारी सरदारपुर शैलेन्द्रसिंह सोलंकी एवं परिक्षेत्र अधिकारी कुक्षी राजाराम कल्याणे ने परिक्षेत्र अमले के सहयोग से पूर्ण की।

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