बड़वाह। विश्व क्षय रोग दिवस पर अस्पताल में कार्यक्रम…निम्स हॉस्पिटल के संचालक डॉ पवन कलासुआ ने टीबी से रोकथाम को लेकर दी जानकारी…

कपिल वर्मा बड़वाह। विश्व क्षय रोग दिवस हर साल 24 मार्च को क्षय रोग (टीबी) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, जो दुनिया में सबसे घातक संक्रामक बीमारियों में से एक है। हां हम क्षय रोग को समाप्त कर सकते हैं: प्रतिबद्धता, निवेश, और निष्पादन” है,
जो क्षय रोग उन्मूलन के लिए निवेश और प्रतिबद्धता की आवश्यकता को प्रमुख रूप से रेखांकित करता है।कार्यक्रम का आयोजन नर्मदा इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग मेडिकल साइंस के निदेशक डॉ. पवन कुमार कालसुआ और प्रधानाचार्या डॉ. रेश्मा कालसुआ के मार्गदर्शन में किया गया।
क्षय रोग के प्रभावशाली नाटक कार्यक्रम का किया आयोजन—- डॉ. पवन कुमार कालसुआ ने क्षय रोग के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए एक प्रभावशाली नाटक कार्यक्रम में कही। साथ ही रोग के कारण, जोखिम कारक, रोकथाम, और उपचार के बारे मे जानकारी भी दी गई।
नर्सिंग छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया था। जिसमें, मरीज, उनके परिजन और सिविल अस्पताल के स्टाफ स्थानीय लोग उपस्थित थे।
हम अपने जीवनकाल में इस घातक बीमारी का अंत देख सकते हैं—– प्रधानाचार्या डॉ.प्रो. रेश्मा कालसुआ ने बताया कि क्षय रोग कार्यक्रमों के माध्यम से जो जागरूकता उत्पन्न होती है, वह अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्तियों को मदद प्राप्त करने, टीकाकरण करवाने, और क्षय रोग के उन्मूलन के वैश्विक प्रयासों में योगदान करने के लिए प्रेरित करता है।
आज के इस दिन हमें यह याद दिलाता है कि यदि हम जागरूकता बढ़ाते रहें और क्षय रोग उन्मूलन प्रयासों का समर्थन करते रहें, तो हम अपने जीवनकाल में इस घातक बीमारी का अंत देख सकते हैं। कार्यक्रम के समापन के बाद, सभी उपस्थित लोगों ने इस जागरूकता अभियान की सराहना की और यह तय किया कि वे क्षय रोग के उन्मूलन में योगदान देंगे, जिससे हम सभी मिलकर इसे समाप्त करने में सफल हो सकते हैं।
शासकीय अस्पताल एवं नर्सिंग स्टाफ का जागरूकता अभियान में सराहनीय रहा योगदान —– कार्यक्रम समन्वयक सहायक प्रोफेसर मोनिका चांदोरे, सहायक प्रोफेसर पिंकी बरोडे, प्रसूति और स्त्री रोग विभाग अंतिमबाला वर्मा, रोहित सोलंकी, सहायक लेक्चरर जयेश राठौड़, विनिता कोठारी, देवकीनन्दन रघुवंशी, भावना प्यासी, महेन्द्र पटेल, गजानंद सिसोदिया, राकेश खेड़ेकर ने भी इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। साथ ही नर्मदा इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग मेडिकल साइंस के छात्र एवं छात्राओ ने इस नाटक को प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।